Madhya Pradesh
Trending

मुख्यमंत्री ने देश के पहले “क्रॉफ्ट हेण्डलूम टूरिज्म विलेज” प्राणपुर का किया लोकार्पण

5 / 100

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि प्राचीन नगरी चंदेरी के हर एक कोने और पत्थर (कण-कण) में भारत की संस्कृति विद्यमान है। चंदेरी के विकास में कोई कसर नहीं छोड़ी जायेगी। मुख्यमंत्री डॉ. यादव अशोकनगर के चंदेरी में देश के पहले “क्रॉफ्ट हेण्डलूम टूरिज्म विलेज” के लोकार्पण कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के अद्भुत व्यक्तित्व के कारण भारत की विश्व में एक विशिष्ट पहचान बनी है। भगवान श्रीराम की जय-जयकार हुई है, लेकिन अभी भगवान श्रीकृष्ण की मटकी फूटनी बाकी है। प्रधानमंत्री श्री मोदी ने महाकाल मंदिर के पास श्रीमहालोक का निर्माण कर उसे विश्व प्रसिद्ध बनाया है। उनकी प्रेरणा से प्रदेश सरकार सभी देव-स्थानों को भी विकसित करेगी। 

म.प्र. टूरिज्म बोर्ड की पहल पर वस्त्र मंत्रालय भारत सरकार एवं म.प्र. शासन ने 7 करोड़ 45 लाख रूपये की लागत से प्राणपुर-चन्देरी में ‘’क्रॉफ्ट हेण्डलूम टूरिज्म विलेज’’ का विकास किया है। इसका प्रमुख उद्देश्य स्थानीय बुनकरों एवं शिल्पकारों की कला को संरक्षित कर उत्पाद बिक्री के लिए बाजार मुहैया कराना है। क्रॉफ्ट हेण्डलूम टूरिज्म विलेज परियोजना में आकर्षक केंद्र विकसित कर पर्यटकों को स्थानीय शिल्प एवं बुनाई कलाओं से अवगत कराया जायेगा। मेलों-प्रदर्शनियों के माध्यम से भी बुनकरों को मार्केटिंग प्लेटफार्म उपलब्ध कराया जा रहा है। ऑनलाइन बिक्री के लिए आवश्यक सुविधाएं उपलब्ध कराई जायेगी। बुनकरों को कौशल विकास, मार्केटिंग का प्रशिक्षण भी दिया जाएगा। 

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि किसानों की पशुपालन के माध्यम से आय बढ़ाने, गरीब के इलाज की उच्च स्तरीय व्यवस्था और विकास के हर कार्य करने के हर संभव प्रयास किए जायेंगे। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने चंदेरी में विद्यार्थियों की उच्च स्तरीय गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के लिये सौगात देते हुए कहा कि नई सराय और शाढोरा में नए एक्सीलेंस कॉलेज खोले जायेंगे। 

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने चंदेरी, मुंगावली और अशोकनगर के 301 करोड़ रूपये से अधिक के 42 विकास कार्यों का भूमि पूजन और लोकार्पण किया। इनमें 228 करोड़ रूपये से अधिक के 8 विकास कार्यों का भूमि-पूजन और 72 करोड़ रूपये से अधिक के 34 विकास और जनहित के कार्यों का लोकार्पण शामिल हैं।

केंद्रीय मंत्री नागरिक उड्डयन एवं इस्पात मंत्रालय श्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा कि उज्जैन से चंदेरी तक संस्कृत का गौरवशाली इतिहास रहा है। तानसेन की नगरी ग्वालियर है और बैजू बावरा की नगरी चंदेरी है। चंदेरी को मध्यप्रदेश में पर्यटन का प्रमुख केंद्र बनाने में कोई कसर नहीं छोड़ी जायेगी।  केंद्रीय मंत्री श्री सिंधिया ने प्राणपुर ग्राम में शटल चौक पर “क्रॉफ्ट हेण्डलूम टूरिज्म विलेज” का भ्रमण किया। उन्होंने प्राणपुर ग्राम में परंपरागत रूप से हैंडलूम कार्य कर रहे परिवारों से चर्चा की। हैंडलूम की विशेषताओं, साड़ी, सूट, कपड़ों की जानकारी लेने के साथ परिवारों का पीढ़ियों से कला का संरक्षण करने के लिए बधाई देते हुए उन्हें उज्ज्वल भविष्य की शुभकामनाएं दी।

संस्कृति, पर्यटन और धार्मिक न्यास एवं धर्मस्व राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री धर्मेन्द्र भाव सिंह लोधी ने कहा कि चंदेरी का इतिहास शौर्य और गौरव का इतिहास है। उन्होंने मुख्यमंत्री डॉ. यादव का चंदेरी को विकास की सौगातें देने के लिए आभार व्यक्त किया।

कार्यक्रम स्थल पर भारत सरकार वर्ष मंत्रालय के बुनकर सेवा केंद्र इंदौर द्वारा प्रदेश के हैंडलूम उत्पादों पर लगाई गई प्रदर्शनी लगाई गई थी। प्रदर्शनी में प्रदेश की पारंपरिक चंदेरी साड़ी, महेश्वरी साड़ी, बुना हुआ सूती स्टॉल, सारंगपुर चादर, चकधारिया बैगा साड़ी सहित प्राकृतिक रंग से रंगे और हैंड ब्लॉक प्रिंटेड साड़ियों को प्रदर्शित किया गया। अपर प्रबंध संचालक टूरिज्म बोर्ड श्री विवेक श्रोत्रिय ने “ प्राणपुर क्रॉफ्ट हेण्डलूम टूरिज्म विलेज’’ परियोजना पर प्रकाश डाला। गुना सांसद श्री के.पी. यादव सहित अन्य जन-प्रतिनिधि और स्थानीय अधिकारी एवं बड़ी संख्या में आमजन उपस्थित रहे।

मध्यप्रदेश को आत्मनिर्भर बनाने के उद्देश्य से प्रदेश सरकार रोजगार के अवसर बढ़ाने के लिये निरंतर प्रयासरत है। बुनकरों एवं शिल्पकारों की कला को संरक्षित करते हुए बाजार मुहैया कराना प्राथमिकता है। शिल्प-कलाएँ हमारी पारंपरिक कलाओं को जीवित रखती है। साथ ही ग्रामीण अर्थ-व्यवस्था में भी योगदान देती हैं। 

बुनकरों और शिल्पकारों का ग्राम प्राणपुर

प्राणपुर गाँव, चन्देरी की तराई में लगभग 4 कि.मी. दूरी पर सुरम्य स्थल है। इस गाँव की विशेषता यह है कि गाँव में अधिकांश परिवार (243 घरों में) बुनाई कला से जुड़ें हैं। इनके घर में चल रहे हथकरघे दो-तीन पिढीयों से आज भी उपयोग में लाये जा रहे है। गाँव में पचास से अधिक शिल्पकार बांस, लकडी, पत्थर, गहनें तथा मिट्टी के शिल्प से जुडे है। यह पर्यटकों के लिये विशेष आकर्षण का केन्द्र है।

परियोजनांतर्गत गाँव के पुराने कच्चे पंहुच मार्ग की मरम्मत स्थानीय पत्थरों का उपयोग करके की गई है। गाँव के अन्दर पर्यटक अपने वाहनों से जाकर एक नियत स्थान पर उतरकर गाँव का भ्रमण करते है। यहाँ पर एक पार्किंग स्थल भी विकसित किया गया है। पर्यटकों के लिये विशेष रूप से एक कैफेटेरिया “हेण्डलूम कैफे” का निर्माण किया गया है। प्राणपुर में महिला, पुरुष एवं दिव्यांगजनों के लिये जन-सुविधाओं के साथ पर्याप्त पार्किंग व्यवस्था भी उपलब्ध कराई गई है।

पर्यटकों की सुविधाओं एवं मनोरंजन के लिये एक बगीचा विकसित किया गया है, जिसमें एम्फीथियेटर निर्माण किया गया है। टूरिज्म विलेज में स्थानीय समुदाय के सांस्कृतिक दल समय-समय पर पर्यटकों के लिए सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत करेंगे।

jeet

Show More

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button