Chhattisgarh

शैक्षिक गुणवत्ता के साथ व्यक्तित्व विकास की दिशा में आयोग करे विशेष प्रयासः राज्यपाल सुश्री अनुसुईया उइके

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राज्यपाल एवं कुलाधिपति श्रीमती अनुसुइया उइके ने आज रायपुर के नवीन विश्राम भवन में आयोजित छत्तीसगढ़ निजी विश्वविद्यालय नियामक आयोग के 18वें स्थापना दिवस समारोह में शिरकत की. राज्यपाल ने इस अवसर पर आयोग की भूमिका का उल्लेख करते हुए कहा कि राज्य में शिक्षा की स्थिति में सुधार के लिए आयोग को विशेष प्रयास करने होंगे। उन्होंने कहा कि आयोग को न केवल निजी विश्वविद्यालयों में शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार के लिए बल्कि छात्रों के व्यक्तित्व के विकास के लिए भी विशेष रूप से काम करना चाहिए। समारोह के एक भाग के रूप में, राज्यपाल ने आयोग को एक स्मारिका ‘ज्ञानामृत’ जारी किया और आयोग के हेल्पलाइन नंबर का भी शुभारंभ किया गया। इसके अलावा राज्यपाल टी.बी. प्रधान मंत्री टी.बी. रोग के उन्मूलन के लिए खड़ा है। उन्होंने स्वतंत्र भारत अभियान का देशव्यापी प्रचार-प्रसार कर जन-जागरूकता का भी आह्वान किया।


राज्यपाल अनुसुइया उइके ने सभा को बताया कि राज्य में उच्च शिक्षा प्रदान करने वाले स्व-वित्तपोषित विश्वविद्यालयों की स्थापना, संचालन और नियमन के लिए आयोग की स्थापना की गई थी। उन्होंने कहा कि आज प्रदेश में 16 निजी महाविद्यालय स्थापित हो चुके हैं और इन महाविद्यालयों में बड़ी संख्या में देश-विदेश के छात्र-छात्राएं पढ़ रहे हैं। आगन्तुक ने कहा कि आयोग निजी विश्वविद्यालयों का अनुश्रवण एवं संचालन कर शैक्षिक जगत में उच्च मानक स्थापित करने का प्रयास कर रहा है, लेकिन अभी भी उसे छात्र हित में अनेक कार्य करने हैं।

राज्यपाल ने आशा व्यक्त की कि आयोग के नेतृत्व में निजी विश्वविद्यालयों में अध्ययन, अध्यापन एवं शोध कार्य उच्च स्तर पर स्थापित होगा। उन्होंने कहा कि राज्य में शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार के साथ ही आयोग को विद्यार्थियों के व्यक्तित्व विकास की दिशा में भी विशेष प्रयास करने होंगे। इसके लिए राज्यपाल ने आयोग से निजी विश्वविद्यालयों और सरकार के साथ बेहतर समन्वय स्थापित करने को कहा. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि सभी निजी विश्वविद्यालय पात्रता के अनुसार नैक और अन्य नियामक नियामक एजेंसियों से परीक्षा कराएं।
राज्यपाल ने कहा कि आयोग ने विश्वविद्यालयों में छात्रों के हितों को ध्यान में रखते हुए कई उल्लेखनीय कार्य किये हैं. समिति द्वारा वेब पोर्टल के माध्यम से छात्र-छात्राओं के प्रवेश का रिकार्ड रखा जाता है। इसके साथ ही आयोग ने एक हेल्पलाइन 18002333375 भी शुरू की है, जो छात्रों की समस्याओं का समाधान करती है। उन्होंने कहा कि छात्रों के हित में नवाचार को भी प्रोत्साहित करने की आवश्यकता होगी और उच्च शिक्षा विनियमन अधिनियम में निर्धारित लक्ष्यों को पूरा करने के लिए आयोग और विश्वविद्यालयों दोनों को लगातार प्रयास करने की आवश्यकता होगी। साथ ही राज्यपाल ने कहा कि निजी विश्वविद्यालयों को भी अनुसंधान एवं पेटेंट प्राप्त करने के क्षेत्र में आगे बढ़ना चाहिए. आयोग के अध्यक्ष से इस संबंध में विशेष प्रयास करने का अनुरोध किया गया।
राज्यपाल ने कहा कि देश में लागू की जा रही राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के संदर्भ में भी काफी काम किया जा रहा है। इस संबंध में आयोग को राज्य के निजी विश्वविद्यालयों में भी उनके समुचित क्रियान्वयन के लिए उचित उपाय करने चाहिए। इसके लिए निजी कॉलेजों से बैठक कर निजी कॉलेजों में इसके प्रावधानों व क्रियान्वयन को लेकर चर्चा करने की बात हुई.
साथ ही, राज्यपाल ने 2025 तक देश को पूरी तरह से क्षय रोग मुक्त कर दिया है। उन्होंने प्रधानमंत्री के टीबी मुक्त भारत अभियान के प्रचार-प्रसार के माध्यम से लोगों को जागरूक होने का आह्वान किया है, जो टीबी की बीमारी से निजात दिलाने के लिए चलाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि क्षय रोग के मरीजों को कई तरह की सामाजिक और आर्थिक समस्याओं का सामना करना पड़ता है। इसलिए उन्होंने देश और प्रदेश की जनता से अपील की कि वे इस अभियान के तहत शुरू किए गए नि-क्षय 2.0 पोर्टल पर अपना पंजीकरण कराएं और तपेदिक रोगियों को नि-क्षय मित्र के रूप में स्वीकार करें और उनके इलाज में मदद करें।
इस अवसर पर निजी विश्वविद्यालय नियामक आयोग के अध्यक्ष श्री उमेश मिश्रा ने आयोग की गतिविधियों और प्रगति की जानकारी दी। सभा को संबोधित करते हुए भारतीय प्रशासनिक सेवा के सेवानिवृत्त अधिकारी श्री सुशील त्रिवेदी ने कहा कि आधुनिक शिक्षा के क्षेत्र में सभी विश्वविद्यालयों के लिए स्वायत्तता की तत्काल आवश्यकता है। इसके साथ ही उन्होंने विश्वविद्यालयों से कहा कि उन्हें अपने शिक्षकों और छात्रों के लिए नेतृत्व तैयार करने और बेहतर नीतियों पर काम करने की जरूरत है। साथ ही उन्होंने विश्वविद्यालयों में लोकतंत्र स्थापित करने की आवश्यकता भी बताई। श्री त्रिवेदी ने देश के युवाओं को तैयार करने के लिए विश्वविद्यालयों में तकनीकी प्रगति को स्वीकार करने की भी बात कही।
अटल बिहारी वाजपेयी विश्वविद्यालय के कुलपति श्री ए.डी.एन. वाजपेयी ने कहा कि राज्य में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा का विस्तार करने के लिए निजी कॉलेजों को आत्ममंथन कर आगे बढ़ना होगा. बैठक को एसोसिएशन ऑफ प्राइवेट यूनिवर्सिटीज के अध्यक्ष श्री गजराज पगड़िया ने भी संबोधित किया।
इस अवसर पर विभिन्न निजी महाविद्यालयों के कुलपतियों ने राज्यपाल को स्मृति चिन्ह, स्कार्फ और श्रीफल भेंट कर सम्मानित किया।
इस अवसर पर रविशंकर विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. के एल वर्मा और सीएसवीटीयू यून के वाइस-रेक्टर यूनिवर्सिटी, प्रो. मुकेश वर्मा सहित निजी विश्वविद्यालय की नियामक समिति के सदस्य, निजी विश्वविद्यालय के कर्मचारी, कुलपति एवं अन्य अधिकारी, गण कर्मचारी उपस्थित थे.

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