स्मॉग की मोटी चादर में लिपटी दिल्ली: हवा बेहद खराब, ठंड और प्रदूषण ने बढ़ाई मुश्किल

दिल्ली में सुबह-सुबह स्मॉग ने छीन ली साफ नजर: जानिए हालात और सावधानियां-दिल्ली की सुबह शुक्रवार को घने स्मॉग और धुंध से घिरी रही, जिससे दृश्यता काफी कम हो गई। लोगों को सांस लेने में दिक्कत और आंखों में जलन महसूस हुई। न्यूनतम तापमान 9 डिग्री सेल्सियस था, जबकि नमी 100 फीसदी तक पहुंच गई, जिससे ठंड के साथ परेशानी भी बढ़ गई। इस लेख में जानिए दिल्ली की हवा की हालत और जरूरी सावधानियां।
हवा की गुणवत्ता ‘बेहद खराब’ श्रेणी में बनी हुई-दिल्ली की हवा लगातार ‘वेरी पुअर’ यानी बेहद खराब श्रेणी में बनी हुई है। 24 घंटे का औसत एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) 382 दर्ज किया गया, जो ‘सीवियर’ श्रेणी के करीब है। इससे खासकर बच्चों, बुजुर्गों और सांस के मरीजों को नुकसान हो रहा है। डॉक्टरों का कहना है कि ऐसे समय बिना जरूरी काम के घर से बाहर न निकलें।
40 में से 14 स्टेशन पहुंचे गंभीर प्रदूषण स्तर पर-केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के SAMEER ऐप के मुताबिक, दिल्ली के 40 एयर मॉनिटरिंग स्टेशनों में से 14 स्टेशनों पर हवा ‘सीवियर’ श्रेणी में पहुंच चुकी है। बाकी 26 स्टेशन ‘वेरी पुअर’ स्थिति में हैं। पूर्वी दिल्ली का विवेक विहार सबसे ज्यादा प्रभावित रहा, जहां AQI 434 दर्ज किया गया, जो स्थिति की गंभीरता दर्शाता है।
AQI क्या बताता है हवा की सेहत के बारे में?-AQI के मानकों के अनुसार, 0-50 तक हवा अच्छी, 51-100 संतोषजनक, 101-200 मध्यम, 201-300 खराब, 301-400 बेहद खराब और 401-500 गंभीर मानी जाती है। दिल्ली का वर्तमान AQI 382 है, जो आम लोगों के लिए भी असुरक्षित स्तर को दर्शाता है। इसका मतलब है कि हवा में प्रदूषण का स्तर बहुत ज्यादा है।
अगले दो दिन और बिगड़ सकते हैं हालात-एयर क्वालिटी अर्ली वार्निंग सिस्टम के मुताबिक, शनिवार तक हवा ‘वेरी पुअर’ बनी रह सकती है। रविवार को हालात और बिगड़कर ‘सीवियर’ श्रेणी में पहुंचने की संभावना है। मौसम विभाग ने पूरे दिन घने कोहरे की चेतावनी दी है। अधिकतम तापमान लगभग 21 डिग्री सेल्सियस रहने का अनुमान है।
प्रदूषण पर कड़ी कार्रवाई, वाहनों पर पाबंदी-बढ़ते प्रदूषण को देखते हुए गुरुवार से दिल्ली में BS-VI मानक से नीचे के गैर-Delhi निजी वाहनों की एंट्री पर रोक लगा दी गई है। ‘नो PUC, नो फ्यूल’ नियम भी सख्ती से लागू किया गया है, जिससे बिना वैध PUC सर्टिफिकेट वाले वाहनों को पेट्रोल नहीं मिलेगा। इसके लिए ANPR कैमरे, वॉयस अलर्ट और पुलिस की मदद ली जा रही है ताकि प्रदूषण को कम किया जा सके।



