
कथित आबकारी शुल्क घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में दिल्ली की एक अदालत ने गुरुवार को मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की जमानत याचिका पर अपना फैसला सुरक्षित रखा।
विशेष न्यायाधीश नियाय बिंदु ने आरोपी और आवेदन पर प्रवर्तन निदेशालय की दलीलें सुनने के बाद आदेश सुरक्षित रखा।
अदालत ने बुधवार को मामले में केजरीवाल की हिरासत अवधि 3 जुलाई तक बढ़ा दी।
न्यायाधीश ने वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए उनसे पूछताछ के बाद उनकी रिमांड बढ़ा दी, क्योंकि पहले दी गई रिमांड अवधि समाप्त हो गई थी।
अदालत ने अरविंद केजरीवाल की पत्नी सुनीता केजरीवाल को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए मेडिकल बोर्ड जांच में शामिल होने की अनुमति देने की याचिका पर भी अपना फैसला सुरक्षित रखा।
राउज एवेन्यू मजिस्ट्रेट नियाय बिंदु ने गुरुवार को मामले में आदेश जारी करने से पहले दो दिनों तक मामले की सुनवाई की। न्यायाधीश ने पहले संकेत दिया था कि वह मामले को अनिश्चित काल तक जारी नहीं रखना चाहती हैं और उन्होंने सभी वकीलों से अपनी दलीलें संक्षिप्त रखने को कहा।
दिल्ली के मुख्यमंत्री की जमानत याचिका का विरोध करते हुए अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल (एएसजी) एसवी राजू ने दावा किया कि ईडी के पास यह दिखाने के लिए दस्तावेजी सबूत हैं कि अपराध की आय का कुछ हिस्सा गोवा विधानसभा चुनावों के दौरान गोवा में आम आदमी पार्टी के संयोजक के होटल में ठहरने के लिए इस्तेमाल किया गया था।