“पुतिन के साथ आए रूसी पत्रकारों की नाराजगी: भारत में सुरक्षा जांच इतनी सख्त क्यों लगी?”

हैदराबाद हाउस में सुरक्षा जांच की सख्ती से रूसी पत्रकार हुए हैरान- रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के भारत दौरे के दौरान उनके साथ आए पत्रकारों ने सुरक्षा व्यवस्था को लेकर अपनी नाराजगी जताई है। खासकर हैदराबाद हाउस में सुरक्षा जांच इतनी कड़ी थी कि कई पत्रकारों को उम्मीद से ज्यादा सख्त नियमों का सामना करना पड़ा। Kommersant के आंद्रेई कोलेसनिकोव ने बताया कि यहां चार्जर, कंघी, कार की चाबियां, कॉस्मेटिक आइटम और बालों के रबर बैंड तक रोक लिए गए। उन्होंने सवाल उठाया कि आखिर कंघी या हेयरबैंड से सुरक्षा को क्या खतरा हो सकता है। यह सुरक्षा जांच पहले से कहीं ज्यादा कड़ी थी, जिसका अंदाजा किसी को नहीं था।
राष्ट्रपति भवन में औपचारिक सुरक्षा जांच ने बढ़ाई पत्रकारों की मुश्किलें- रूस के Vedomosti अखबार की पत्रकार एलेना मुखामेतशीना ने बताया कि राष्ट्रपति भवन में स्वागत समारोह के दौरान सुरक्षा जांच बेहद चुनौतीपूर्ण रही। जांच के दौरान निषिद्ध सामानों की सूची लगातार बढ़ती गई और कई बार पत्रकारों को दोबारा जांच के लिए वापस बुलाया गया। इससे प्रक्रिया काफी लंबी हो गई। एलेना ने कहा कि ऐसा लग रहा था जैसे हर कदम पर नए नियम जुड़ रहे हों। पुतिन की आधिकारिक टीम के वरिष्ठ सदस्य भी इसी तरह की कड़ी जांच से गुजरे। भारतीय एजेंसियों ने इसे सामान्य सुरक्षा प्रोटोकॉल बताया, लेकिन रूसी मीडिया इसे इस दौरे की सबसे कठिन जांच मान रहा है।
सुरक्षा व्यवस्था की कड़ी समीक्षा और मीडिया की प्रतिक्रिया- रूसी पत्रकारों की शिकायतों ने भारत की सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल खड़े कर दिए हैं। हालांकि सुरक्षा के लिहाज से कड़ी जांच जरूरी होती है, लेकिन इस बार की प्रक्रिया ने पत्रकारों के काम को प्रभावित किया। मीडिया ने इसे अब तक की सबसे सख्त जांच बताया है। इस अनुभव ने दोनों देशों के बीच संवाद और मीडिया कवरेज पर असर डाला है। आगे के कार्यक्रमों में सुरक्षा व्यवस्था और पत्रकारों की सुविधा के बीच संतुलन बनाने की जरूरत महसूस हो रही है ताकि दोनों पक्षों की अपेक्षाएं पूरी हो सकें।



