भारत के 26 वें राज्य छत्तीसगढ़ का प्राचीन संदर्भो में छत्तीसगढ़ के नाम से उल्लेख नहीं मिलता . प्राचीन काल में छत्तीसगढ़ को दक्षिण कोशल ले नाम से जाना जाता था . दक्षिण कोशल के अंतर्गत छत्तीसगढ़ का मैदानी भाग और उड़ीषा का हिस्सा शामिल है .
छत्तीसगढ़ नाम का उल्लेख :-
- छत्तीसगढ़ शब्द का सर्व प्रथम उपयोग खैरागढ़ राज्य के राजा लक्ष्मीनिधि के चारण कवी दलपत राव ने १४८७ में किया था. “लक्ष्मीनिधि रे सुनो चित्त दे ,गढ़ छत्तीस में न गढ़ैया रही…”
- छत्तीसगढ़ शब्द का राजनैतिक संदर्भो में पहली बार उपयोग गोपाल प्रसाद मिश्र की कविता खूब तमाशा में किया गया है. बरन सकल पुर देवदेवता नर नारी रस रस के , बसिये छत्तीसगढ़ कुरी सब दिन के रस वासी बस बस के
- मुग़ल कल में छत्तीसगढ़ के लिए रतनपुर राज्य शब्द का उपयोग किया गया है .
- ब्रिटिश कल में पुरातत्ववेत्ता कनिंघम ने छत्तीसगढ़ के लिए महाकोशल शब्द का प्रयोग किया गया है .
- १९१० में बिलासपुर डिस्ट्रिक्ट गजेटिएर के अनुसार कैप्टन ब्लंट ने १७९५ में छत्तीसगढ़ से राजमुंदरी की यात्रा की तथा अपने विवरण में छत्तीसगढ़ का उल्लेख किया है .
छत्तीसगढ़ का नामकरण :-
छत्तीसगढ़ के नामकारण के बारे में लोगों का अलग अलग मत है जो निचे बताया जा रहा है .
- बेलगर के अनुसार जरासंघ के काल में छत्तीस चर्मकार परिवार ने जरासंघ के राज्य से पृथक होकर नए राज्य का स्थापना किया और ये छत्तीस घर कहलाया और बाद में ये छत्तीसगढ़ के नाम से जाना गया.
- हीरालाल के अनुसार कलचुरी वंश जो चेदी वंशी कहलाते थे के नाम पर श्रेत्र चेदिश्गढ़ कहलाया बाद में यही नाम छत्तीसगढ़ हो गया.
- छत्तीसगढ़ का नाम यहाँ स्थापित ३६ गढ़ों या किलों के नाम पर हुआ है|
- राज्य संभाग में विभाजित है तथा इसके प्रमुख संभाग आयुक्त होते है ,संभाग से जिलों पर नियंत्रण रखा जाता है .
- छत्तीसगढ़ निर्माण के समय 3 संभाग रायपुर ,बिलासपुर और बस्तर थे.
- 2008 में पुन: संभागो का गठन किया गया और 4 संभाग रायपुर, बिलासपुर, बस्तर और सरगुजा बनाया गया .
- 15 अगस्त 2013 को मुख्यमंत्री डा. रमण सिंह ने दुर्ग को संभाग बनाने की घोषणा की और रायपुर से विभाजित कर दुर्ग को 5 वां संभाग बनाया गया .
- रायपुर – रायपुर, बलोदाबाज़ार, गरियाबंद, धमतरी,महासमुंद.
- बिलासपुर – बिलासपुर, मुंगेली, कोरबा, जांजगीर-चाम्पा, रायगढ़.
- बस्तर – बस्तर, कोंडागांव, कांकेर, दंतेवाडा, सुकमा, नारायणपुर, बीजापुर.
- सरगुजा – सरगुजा, सूरजपुर, बलरामपुर, कोरिया, जशपुर.
- दुर्ग – दुर्ग, राजनांदगांव, बालोद, बेमेतरा, एवं कबीरधाम.
छत्तीसगढ़ के 33 जिले कुल 135,192 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में फैले हुए हैं। छत्तीसगढ़ राज्य में मूल रूप से केवल 16 जिले थे|
क्र. जिले का नाम मुख्यालय निर्माण वर्ष
- रायपुर रायपुर 1861
- बिलासपुर बिलासपुर 1861
- दुर्ग दुर्ग 1906
- रायगढ़ रायगढ़ 1948
- बस्तर जगदलपुर 1948
- सरगुजा अंबिकापुर 1956
- राजनांदगांव राजनांदगांव 1973
- कांकेर कांकेर 1998
- दंतेवाडा दंतेवाडा 1998
- कोरिया बैकुंठपुर 1998
- जशपुर जशपुरनगर 1998
- कोरबा कोरबा 1998
- जांजगीर-चाम्पा जांजगीर 1998
- धमतरी धमतरी 1998
- महासमुंद महासमुंद 1998
- कबीरधाम कवर्धा 1998
छत्तीसगढ़ की सीमा एवं विस्तार :- छत्तीसगढ़ राज्य लगभग 17.46 उत्तरी अक्षांश से 24.5 उत्तरी अक्षांश तथा 80.15 पूर्वी देशांतर से 84.24 पूर्वी देशांतर के बीच स्थित है।
# छत्तीसगढ़ का क्षेत्रफल 135192 वर्ग कि . मी .है (2011)।
# क्षेत्रफल के अनुसार छत्तीसगढ़ का देश में १० वां स्थान है।
# छत्तीसगढ़ राज्य देश के दक्कन पठार से लगा हुआ प्रायद्वीपीय पठार का हिस्सा है।
# छत्तीसगढ़ राज्य की आकृति सी हार्स मछली के जैसी है।
# छत्तीसगढ़ एक भू – आवेष्ठित प्रदेश है।
छत्तीसगढ़ जिले की सूची:- JAN-2023
# | District | Population (2011) | Area (km2) | Density (/km2) |
1 | Raipur | 2,160,876 | 2,914.37 | 742 |
2 | Durg | 1,721,948 | 2,319.99 | 742 |
3 | Bilaspur | 1,625,502 | 3,511.10 | 463 |
4 | Korba | 1,206,640 | 7,145.44 | 169 |
5 | Raigarh | 1,112,982 | – | – |
6 | Baloda Bazar | 1,078,911 | 3,733.87 | 290 |
7 | Mahasamund | 1,032,754 | 4,963.01 | 208 |
8 | Janjgir-Champa | 966,671 | 4,466.74 | 360 |
9 | Rajnandgaon | 884,742 | 8,070 | 110 |
10 | Jashpur | 851,669 | 6,457.41 | 132 |
11 | Surguja | 840,352 | 5,019.80 | 167 |
12 | Bastar | 834,873 | 6,596.90 | 213 |
13 | Balod | 826,165 | 3,527.00 | 234 |
14 | Kabirdham | 822,526 | 4,447.05 | 185 |
15 | Dhamtari | 799,781 | 4,081.93 | 196 |
16 | Bemetara | 795,759 | 2,854.81 | 279 |
17 | Surajpur | 789,043 | 4,998.26 | 158 |
18 | Kanker | 748,941 | 6,432.68 | 117 |
19 | Balrampur | 730,491 | 6,016.34 | 100 |
20 | Mungeli | 701,707 | 2,750.36 | 255 |
21 | Sakti | 653,036 | – | – |
22 | Sarangarh-Bilaigarh | 607,434 | – | – |
23 | Gariaband | 597,653 | 5,854.94 | 103 |
24 | Kondagaon | 578,326 | 6,050.73 | 96 |
25 | Manendragarh-Chirmiri-Bharatpur | 376000 | 4226 | – |
26 | Khairagarh-Chhuikhadan-Gandai | 368,444 | – | – |
27 | Gaurella-Pendra-Marwahi | 336,420 | 2,307.39 | 166 |
28 | Mohla-Manpur-Chowki | 283,947 | – | – |
29 | Dantewada | 283,479 | 3,410.50 | 83 |
30 | Bijapur | 255,230 | 6,552.96 | 39 |
31 | Sukma | 250,159 | 5,767.02 | 43 |
32 | Koriya | 247,427 | 2378 | 37 |
33 | Narayanpur | 139,820 | 6,922.68 | 20 |
छत्तीसगढ़ पंचायती राज व्यवस्था : – संविधान के 73 वें संशोधन द्वारा पंचायती राज व्यवस्था को सभी राज्य में अनिवार्य रूप से लागु करने का प्रावधान किया गया है .छत्तीसगढ़ सहित एक्किकृत मध्यप्रदेश देश का प्रथम राज्य था जहाँ 73 वें एवं 74 वें संविधान संशोधन के अनुरूप पंचायती राज व्यवस्था एवं नगरीय स्वशासन की व्यवस्था लागु की गया थी.
छत्तीसगढ़ पंचायती राज अधिनियम :-
1. 30 दिसम्बर 1993 मध्यप्रदेश पंचायत राज अधिनियम 1993 विधानसभा में पारित .
2. 24 जनवरी 1994 को राज्यपाल का अनुमोदन .
3. 25 जनवरी 1994 को राजपत्र में प्रकाशन .
4. 7 जून 2001 छत्तीसगढ़ शासन ने विधियों के अनुकूल आदेश 2001 बनाया.
5. 18 जून 2001 को विधियों के अनुकूल आदेश राजपत्र में प्रकाशित .
6. 1 नवम्बर 2000 छत्तीसगढ़ में विधियों के अनुकूलन आदेश 2001 प्रवृत्त .
पंचायतों की संख्या:-
1 जिला पंचायतों की संख्या – 27
2 जनपद पंचायतों की संख्या – 146
3 ग्राम पंचायतों की संख्या – 10968
पंचायतों की संरचना :- प्रदेश में पंचायती राज का त्रि-स्तरीय ढांचा है जिलों में जिला पंचायत ,प्रत्येक विकासखंड में जनपद पंचायत और एक अथवा अधिक गांवों को मिलकर एक ग्राम पंचायत का निर्माण होता है,
1 जिला पंचायत – प्रत्येक जिले में जिला पंचायत के गठन का प्रावधान किया गया है इसके पदाधिकारी अध्यक्ष,उपाध्यक्ष और सदस्य.
2 जनपद पंचायत -विकासखंड में जनपद पंचायत के गठन का प्रावधान किया गया है इसके भी पदाधिकारी भी अध्यक्ष , उपाध्यक्ष और सदस्य है .
3 ग्राम पंचायत – एक या एक से अधिक राजस्व ग्रामों को मिलाकर एक ग्राम पंचायत के गठन का प्रावधान किया गया है तथा इसके पदाधिकारी सरपंच, उप-सरपंच और पंच होते है.
4 कार्यकाल – पंचायतों का कार्यकाल 5 वर्ष निर्धारित किया गया है, समय पूर्व रिक्त या पंचायत भंग होने पर 6 माह के भीतर ही निर्वाचन का प्रावधान किया गया है .
5 आरक्षण – जनसँख्या के आधार पर अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति और अन्य पिछड़ा वर्ग के लिए आरक्षण का प्रावधान किया गया है, 50% आरक्षण महिलायों के लिया किया गया है तथा वर्ग वार पृथक किया गया है .
निर्वाचन के लिए आपत्रता :-
1 जो साक्षर नहीं है
2 जिसके निवास परिसर में निर्वाचित होने के 1 वर्ष बाद शौचालय नही है .
3 पंचायत के देनदारी को 30 दिन के भीतर जमा नहीं करने पर .
4 किसी पंचायत अथवा शासकीय भूमि या भवन पर अतिक्रमण किया हो .
5 कोई व्यक्ति एक से अधिक वार्डों या निर्वाचन क्षेत्र से खड़ा होने पर .
नगरीय प्रशासन :- विधानसभा द्वारा म.प्र. नगरपालिका व् पंचायती राज विधेयक 1993 पारित किया गया था
- नगर निगम – संख्या -12 , वृहद् नगरों के लिए नगर निगम के गठन का प्रावधान किया गया है . इसके पदाधिकारी महापौर और पार्षद होते है तथा प्रशासनिक अधिकारी नगर निगम आयुक्त होते है. – रायपुर, बिलासपुर , कोरबा, दुर्ग, राजनंदगांव, भिलाई, रायगढ़, अंबिकापुर, जगदलपुर, चिरमिरी, धमतरी एवं बीरगांव.
- नगर पालिका – संख्या – 44 , छोटे नगरीय क्षेत्रों के लिए जिनकी जनसँख्या 20000 से अधिक है.इसके पदाधिकारी अध्यक्ष होते है
- नगर पंचायत – संख्या – 113 सबसे छोटी इकाई , ऐसे संक्रमण शील नगर जिनकी जनसँख्या 500 – 20,000 हो .इसके पदाधिकारी भी अध्यक्ष होते है .