अमेरिका में एंट्री होगी और मुश्किल: ट्रंप का बड़ा ट्रैवल बैन, 1 जनवरी 2026 से 39 देशों पर सख्ती

अमेरिका की नई सख्ती: 39 देशों पर ट्रैवल बैन, वीजा प्रक्रिया होगी और भी कड़ी- अमेरिका ने अपनी ‘अमेरिका फर्स्ट’ नीति को और सख्त करते हुए 1 जनवरी 2026 से 39 देशों के लिए ट्रैवल बैन लागू करने का बड़ा फैसला लिया है। यह कदम देश की सुरक्षा को लेकर हालिया घटनाओं के बाद उठाया गया है। इस फैसले से न केवल कुछ देशों के लिए अमेरिका का दरवाजा लगभग बंद हो जाएगा, बल्कि वीजा प्रक्रिया भी और जटिल और लंबी हो जाएगी। आइए विस्तार से जानते हैं इस नए आदेश के अहम पहलू और इसका असर।
1 जनवरी से सात देशों पर पूरी तरह ट्रैवल बैन- ट्रंप प्रशासन ने बुर्किना फासो, माली, सीरिया समेत सात देशों के नागरिकों के लिए अमेरिका में प्रवेश पूरी तरह बंद करने का ऐलान किया है। इन देशों के लोगों के लिए अमेरिका जाना लगभग नामुमकिन हो जाएगा। इसके साथ ही फिलिस्तीनी यात्रा दस्तावेजों पर भी प्रतिबंध लगाया गया है। सरकार का तर्क है कि इन देशों में पासपोर्ट और पहचान की जांच की व्यवस्था कमजोर है, जिससे आतंकवादियों के घुसपैठ का खतरा बढ़ जाता है। इसलिए सुरक्षा के लिहाज से यह कदम जरूरी माना गया है।
15 देशों पर आंशिक प्रतिबंध, वीजा नियम होंगे सख्त- पूर्ण प्रतिबंधों के अलावा 15 और देशों को आंशिक ट्रैवल रेस्ट्रिक्शन का सामना करना होगा। इनमें नाइजीरिया, तंजानिया और जिम्बाब्वे जैसे देश शामिल हैं, जिन्हें वीजा ओवरस्टे और कमजोर जांच प्रणाली के कारण चिन्हित किया गया है। अब इन देशों के सभी नागरिकों को नहीं, बल्कि कुछ खास कैटेगरी के लोगों को ही अमेरिका में प्रवेश मिलेगा। प्रशासन इसे अवैध प्रवास रोकने और इमिग्रेशन सिस्टम सुधारने की दिशा में बड़ा कदम बता रहा है।
हालिया हमलों के बाद ट्रंप प्रशासन का कड़ा रुख- इस सख्त फैसले के पीछे हाल के महीनों में हुई हिंसक घटनाएं बड़ी वजह हैं। नवंबर में एक अफगान शरणार्थी द्वारा अमेरिकी सैनिकों की हत्या और दिसंबर में आईएस से जुड़े हमलों ने प्रशासन को सुरक्षा को लेकर कड़ा कदम उठाने पर मजबूर किया। सरकार का कहना है कि अब शरणार्थी या वीजा के बहाने सुरक्षा में सेंध लगाने वालों को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। यह साफ संकेत है कि ट्रंप की इमिग्रेशन नीति का केंद्र अब पूरी तरह सुरक्षा है।
किन लोगों के लिए अभी भी खुले रहेंगे अमेरिका के दरवाजे?- इतनी सख्ती के बावजूद कुछ वर्गों को राहत दी गई है। ग्रीन कार्ड धारक, मौजूदा वीजा होल्डर्स, राजनयिक और अंतरराष्ट्रीय खेल आयोजनों से जुड़े खिलाड़ी इस प्रतिबंध से बाहर रहेंगे। इसके अलावा राष्ट्रीय हित के मामलों में ‘केस-बाय-केस’ आधार पर छूट का प्रावधान भी रखा गया है। तुर्कमेनिस्तान को आंशिक राहत देने वाला एकमात्र देश माना जा रहा है। लेकिन आम लोगों के लिए, खासकर परिवार आधारित वीजा मामलों में अमेरिका पहुंचना अब पहले से कहीं ज्यादा मुश्किल हो जाएगा।
इस नए आदेश से साफ है कि अमेरिका अपनी सुरक्षा को लेकर कोई समझौता नहीं करना चाहता। आने वाले समय में वीजा प्रक्रिया और भी सख्त, लंबी और जटिल होगी, खासकर उन देशों के लिए जिन्हें हाई-रिस्क माना जा रहा है। यह बदलाव वैश्विक स्तर पर अमेरिका की कड़ी सुरक्षा नीति का हिस्सा है, जो आने वाले वर्षों में भी जारी रहने की संभावना है।



