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सरकार का बड़ा फैसला: GST घटते ही बदले जाएंगे MRP, 31 दिसंबर तक मिलेगी मोहलत

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अब 31 दिसंबर तक पुराने स्टॉक पर भी दिखानी होगी नई MRP!

सरकार का बड़ा फैसला: ग्राहकों को मिलेगा सीधा फायदा-सोचिए, आप कोई सामान खरीदने जाते हैं और उसकी कीमत अचानक कम हो जाती है! सरकार ने हाल ही में कुछ उत्पादों और सेवाओं पर GST की दरें घटाई हैं, और इस बदलाव को आप तक पहुँचाने के लिए एक महत्वपूर्ण नियम लागू किया है। अब सभी कंपनियों को, चाहे वो उत्पाद बनाती हों या आयात करती हों, अपने बिना बिके स्टॉक पर नई GST दरों के अनुसार संशोधित अधिकतम खुदरा मूल्य (MRP) दिखाना अनिवार्य होगा। यह व्यवस्था 31 दिसंबर 2025 तक या जब तक उनका पुराना स्टॉक पूरी तरह खत्म नहीं हो जाता, तब तक लागू रहेगी। इस कदम का मुख्य उद्देश्य बाज़ार में पूरी पारदर्शिता लाना और ग्राहकों के हितों की रक्षा करना है, ताकि आपको सही दाम पर सामान मिले।

 नई GST दरें और MRP का गणित-यह सब शुरू हो रहा है 22 सितंबर 2025 से, जब GST की नई, घटाई गई दरें लागू हो जाएंगी। इसके बाद, हर निर्माता, पैकर और आयातक को यह सुनिश्चित करना होगा कि उनके पुराने स्टॉक वाले उत्पादों पर भी नई MRP लिखी हो। केंद्रीय खाद्य और उपभोक्ता मामले मंत्री, प्रह्लाद जोशी ने स्पष्ट किया है कि MRP में जो भी बदलाव होगा, वह सिर्फ टैक्स में हुई कमी या बढ़ोतरी के अनुसार ही होगा। यानी, अगर टैक्स कम हुआ है तो MRP भी उसी अनुपात में कम होगी, और अगर टैक्स बढ़ा है तो उसी हिसाब से MRP बढ़ेगी। यह सुनिश्चित करेगा कि कीमतों में कोई अनावश्यक हेरफेर न हो सके।

MRP बदलने के तरीके: क्या है नया तरीका?-कंपनियों को यह निर्देश दिया गया है कि वे अपने पुराने पैकेट पर नए MRP को कैसे दिखाएं। इसके लिए वे स्टिकर का इस्तेमाल कर सकते हैं, या फिर पैकेट पर सीधे स्टाम्प या ऑनलाइन प्रिंटिंग के ज़रिए नई कीमत लिख सकते हैं। सबसे ज़रूरी बात यह है कि पैकेट पर पहले से छपा हुआ पुराना MRP भी ग्राहकों को साफ दिखाई देना चाहिए। ऐसा इसलिए ताकि आप आसानी से तुलना कर सकें और आपको पता चल सके कि कीमत में क्या बदलाव आया है। इससे किसी भी तरह की धोखाधड़ी की गुंजाइश खत्म हो जाएगी और आप पूरी जानकारी के साथ खरीदारी कर पाएंगे।

 अखबारों में विज्ञापन: जानकारी आप तक पहुँचेगी!-सरकार यह भी सुनिश्चित कर रही है कि यह जानकारी आप तक सीधे पहुँचे। इसलिए, कंपनियों को कम से कम दो बार अखबारों में विज्ञापन देना होगा। इन विज्ञापनों में नई कीमतों और GST बदलावों की पूरी जानकारी दी जाएगी। इसके साथ ही, कंपनियों को अपने डीलरों और राज्य व केंद्र सरकार के संबंधित अधिकारियों को भी नई कीमतों के बारे में सूचित करना होगा। इस पूरी प्रक्रिया से ग्राहकों को तो फायदा होगा ही, साथ ही सरकारी प्रशासन को भी बाज़ार की गतिविधियों की सही जानकारी मिलती रहेगी, जिससे पारदर्शिता और बढ़ेगी।

 ग्राहकों की बल्ले-बल्ले: सीधा फायदा हम सबको!-इस पूरे फैसले का सबसे बड़ा और सीधा फायदा हम आम ग्राहकों को ही होने वाला है। जब GST की दरें कम होंगी, तो उसका असर सीधे तौर पर उत्पादों की कीमतों पर पड़ेगा। इसका मतलब है कि अब हमें कई चीजें पहले से सस्ती मिलेंगी। उपभोक्ता मामलों के मंत्री प्रह्लाद जोशी ने खुद कहा है कि यह कदम ग्राहकों के हितों की रक्षा करने और बाज़ार में पारदर्शिता बनाए रखने के लिए उठाया गया है। इससे बाज़ार पर हमारा भरोसा और भी मजबूत होगा और हम विश्वास के साथ खरीदारी कर पाएंगे।

पुराने पैकिंग मैटेरियल का भी होगा इस्तेमाल-सरकार ने कंपनियों को एक और राहत दी है। जिन पैकेटों या रैपरों पर GST दरों में बदलाव से पहले ही MRP छप चुकी है, उन्हें कंपनियां 31 दिसंबर तक इस्तेमाल कर सकती हैं। हालाँकि, इसके लिए उन्हें इन पैकेटों पर नए MRP को स्पष्ट रूप से दिखाना होगा, चाहे वह स्टिकर से हो या किसी और तरीके से। इस सुविधा से कंपनियों को पुराने छपे हुए पैकिंग मैटेरियल का नुकसान नहीं उठाना पड़ेगा और साथ ही ग्राहकों को भी सही और अपडेटेड कीमत पर उत्पाद मिल सकेगा। यह एक win-win स्थिति है।

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