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चुनाव से पहले ढाका में हुआ खौफनाक हमला: शरीफ उस्मान हादी पर जानलेवा वार

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बांग्लादेश: बांग्लादेश की राजनीति चुनाव से ठीक पहले एक बार फिर हिंसा की चपेट में आ गई है। ढाका के बिजोयनगर इलाके में पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना के मुखर आलोचक और दक्षिणपंथी युवा नेता शरीफ उस्मान हादी पर जानलेवा हमला हुआ। यह हमला शुक्रवार दोपहर करीब 2:25 बजे हुआ, जब हादी चुनाव प्रचार में व्यस्त थे और लोगों से सीधे बात कर रहे थे।

सिर में लगी कई गोलियां, हालत गंभीर- हमलावरों ने करीबी दूरी से हादी के सिर में कई गोलियां मारीं। गोली लगते ही वे जमीन पर गिर पड़े और आसपास अफरा-तफरी मच गई। उन्हें तुरंत ढाका मेडिकल कॉलेज अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उनकी हालत नाजुक बताई है। फिलहाल हादी लाइफ सपोर्ट पर हैं और डॉक्टरों का कहना है कि अगले कुछ घंटे उनके लिए बेहद अहम हैं।

तीन बाइक सवार हमलावर फरार- पुलिस के मुताबिक, यह हमला तीन मोटरसाइकिल सवार बदमाशों ने किया। फायरिंग के बाद तीनों आरोपी मौके से फरार हो गए। उस वक्त इलाके में सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम नहीं थे। इस घटना ने चुनावी प्रचार के दौरान नेताओं की सुरक्षा पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।

निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर चुनाव लड़ने की तैयारी- शरीफ उस्मान हादी ‘इंकलाब मंच’ के प्रवक्ता हैं और उन्होंने आगामी संसदीय चुनाव में ढाका-8 सीट से निर्दलीय उम्मीदवार बनने का ऐलान किया था। खासकर युवा वर्ग में उनकी लोकप्रियता तेजी से बढ़ रही थी, जिससे वे राजनीतिक रूप से एक मजबूत चेहरा बनकर उभर रहे थे।

हमले से पहले विवादित सोशल मीडिया पोस्ट- मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, हमले से कुछ घंटे पहले हादी ने सोशल मीडिया पर भारत के पूर्वोत्तर राज्यों को दिखाने वाला नक्शा साझा किया था। उन्होंने एक बैठक बुलाने की भी बात कही थी, जिसका विषय “बंगाल और बंगालियों की शुरुआत की कहानी” था। यह पोस्ट चर्चा का विषय बनी थी।

अंतरिम सरकार के मुख्य सलाहकार की चिंता- बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के मुख्य सलाहकार मुहम्मद यूनुस ने इस घटना पर गहरी चिंता जताई है। उन्होंने इसे चुनावी माहौल में अस्वीकार्य हिंसा बताया और सुरक्षा एजेंसियों को निर्देश दिए कि दोषियों को जल्द से जल्द पकड़कर सख्त सजा दी जाए।

पहले भी मिल चुकी थीं जान से मारने की धमकियां- यह पहला मौका नहीं है जब शरीफ उस्मान हादी को निशाना बनाया गया हो। नवंबर 2025 में उन्होंने बताया था कि उन्हें फेसबुक पर करीब 30 विदेशी नंबरों से जान से मारने की धमकियां मिली थीं। इसके बावजूद खतरे की आशंका बनी रही।

अवामी लीग पर लगाए गंभीर आरोप- दिसंबर 2024 में हादी ने सत्तारूढ़ अवामी लीग पर छात्रों की हत्याओं में शामिल होने के आरोप लगाए थे। उन्होंने शेख हसीना के खिलाफ इस्लामी अपराध न्यायाधिकरण द्वारा दी गई मौत की सजा को “मिसाल” बताया था। इन बयानों के बाद उनका नाम विवादों में रहा और राजनीतिक माहौल तनावपूर्ण हो गया।

 

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