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‘IITian बाबा’ और जूना अखाड़े का विवाद, कौन कह रहा है सच?

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IITian बाबा अभय सिंह: इंजीनियरिंग से साधु बनने का सफर और विवादों की कहानी IIT बॉम्बे से एयरोस्पेस इंजीनियरिंग की पढ़ाई करने वाले और प्रयागराज के महाकुंभ में ‘IITian बाबा’ के नाम से मशहूर अभय सिंह इन दिनों विवादों में घिरे हुए हैं। खबरों के मुताबिक, उनके गुरु महंत सोमेश्वर पुरी के खिलाफ अपशब्द कहने की वजह से जुना अखाड़े ने उन्हें अपने कैंप और आसपास के इलाकों में आने पर रोक लगा दी है। जुना अखाड़े का बयान जुना अखाड़े के एक सदस्य ने दावा किया कि अभय सिंह का अखाड़े से कोई सीधा नाता नहीं था। उन्होंने कहा, “अभय हमारा शिष्य नहीं था। वह साधु होने का ढोंग कर रहा था और टीवी पर उल्टे-सीधे बयान देता था। इसी वजह से उसे निकाल दिया गया।” IITian बाबा की सफाई इस पर ‘IITian बाबा’ ने अपनी ओर से सफाई देते हुए इन आरोपों को खारिज किया। एक न्यूज चैनल से बात करते हुए उन्होंने कहा, “अखाड़े के लोग मेरे बारे में झूठी बातें फैला रहे हैं। उन्हें लगता है कि मैं मशहूर हो गया हूं और उनके कुछ राज खोल सकता हूं। इसीलिए वे कह रहे हैं कि मैं गुप्त ध्यान के लिए चला गया हूं। ये सब बेबुनियाद है।”

हरियाणा के रहने वाले अभय सिंह, जिन्हें ‘इंजीनियर बाबा’ के नाम से भी जाना जाता है, ने विज्ञान से आध्यात्म की ओर रुख किया। उनका मानना है, “विज्ञान भौतिक दुनिया को समझने में मदद करता है, लेकिन उसकी गहराई में जाकर यह इंसान को आध्यात्म की ओर ले जाता है। जब जीवन को सही तरीके से समझने लगते हैं, तो आध्यात्मिकता का रास्ता अपने आप खुलने लगता है।” अभय सिंह का संघर्षपूर्ण बचपन अभय सिंह ने NDTV से बातचीत में अपने बचपन के संघर्षों पर खुलकर बात की। उन्होंने बताया, “मेरे परिवार में मानसिक स्वास्थ्य से जुड़ी समस्याएं थीं। घर में अक्सर झगड़े होते थे, और इसका मुझ पर बहुत गहरा असर पड़ा।”

अपने स्कूल के दिनों को याद करते हुए उन्होंने कहा, “मैं शाम को स्कूल से लौटते ही सो जाता था ताकि घर के झगड़ों से बच सकूं। रात को जब सब शांत हो जाते, तब उठकर चुपचाप पढ़ाई करता था। उस वक्त मुझे समझ ही नहीं आता था कि क्या हो रहा है। न तो उस समय जवाब देने की समझ थी और न ही कोई हल निकालने का तरीका। बस सब कुछ सहन करता था।” शादी न करने का फैसला जब उनसे पूछा गया कि क्या उनके बचपन के इन अनुभवों का उनकी शादी न करने के फैसले पर असर पड़ा, तो उन्होंने मुस्कुराते हुए जवाब दिया, “हां, बिल्कुल। मैंने सोचा कि क्यों शादी करके वही तनाव और झगड़े झेलूं, जो मैंने अपने बचपन में देखे। अकेले रहकर शांति से जीवन जीना ही बेहतर है।” ‘IITian बाबा’ का यह सफर और उनके विचार आज भी कई लोगों के लिए प्रेरणा और चर्चा का विषय हैं। उनकी कहानी बताती है कि किस तरह कठिन परिस्थितियों में भी आत्म-सशक्तिकरण और आत्म-बोध का रास्ता अपनाया जा सकता है।

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