स्वामित्व योजना: प्रधानमंत्री मोदी आज बांटेंगे 65 लाख संपत्ति कार्ड, 50,000 से ज्यादा गांवों को मिलेगा फायदा

स्वामित्व योजना: पीएम मोदी आज बांटेंगे 65 लाख संपत्ति कार्ड प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज शनिवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए देशभर के 230 से ज्यादा जिलों के करीब 50,000 गांवों में 65 लाख से अधिक संपत्ति कार्ड बांटेंगे। ये कार्ड स्वामित्व योजना के तहत दिए जा रहे हैं। इस कार्यक्रम में 10 राज्यों और 2 केंद्र शासित प्रदेशों के लाभार्थी शामिल होंगे। कौन-कौन से राज्यों को मिलेगा फायदा? इस योजना का लाभ छत्तीसगढ़, गुजरात, हिमाचल प्रदेश, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, मिजोरम, ओडिशा, पंजाब, राजस्थान, उत्तर प्रदेश, जम्मू-कश्मीर और लद्दाख के गांवों के लोगों को मिलेगा। कार्यक्रम में पंचायती राज मंत्रालय के साथ-साथ राज्यों के मुख्यमंत्री, केंद्रीय मंत्री और पंचायत प्रतिनिधि भी डिजिटल तरीके से भाग लेंगे।
पीएम मोदी ने ट्वीट कर दी जानकारी प्रधानमंत्री मोदी ने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर लिखा,
“स्वामित्व योजना के तहत ग्रामीण भारत के भाई-बहनों को उनकी जमीन का मालिकाना हक देना हमारा सपना है। आज दोपहर 12:30 बजे वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए लाखों संपत्ति कार्ड सौंपने का अवसर मिलेगा।” स्वामित्व योजना क्यों खास है? स्वामित्व योजना की शुरुआत प्रधानमंत्री मोदी ने 24 अप्रैल 2020 को की थी। इसका उद्देश्य गांवों में जमीनों का डिजिटल रिकॉर्ड तैयार करना है, जिससे जमीन से जुड़े विवाद कम हों और लोगों को उनकी संपत्ति पर मालिकाना हक मिल सके। अब तक इस योजना के तहत 3.17 लाख से ज्यादा गांवों में ड्रोन सर्वेक्षण पूरा किया जा चुका है, जो कुल लक्ष्य का 92 प्रतिशत है। वहीं, 1.53 लाख गांवों के लिए 2.25 करोड़ से अधिक संपत्ति कार्ड तैयार किए जा चुके हैं।
योजना के फायदे:
- जमीन का डिजिटल रिकॉर्ड तैयार होता है।
- भूमि विवाद कम होते हैं।
- बैंक से आसानी से कर्ज मिलने में मदद होती है।
- आधुनिक तकनीकों, जैसे ड्रोन और जीआईएस का इस्तेमाल कर भूमि के स्वामित्व को स्पष्ट किया जाता है।
कार्यक्रम का देशव्यापी आयोजन: इस योजना के तहत 230 से ज्यादा जिलों में संपत्ति कार्डों का वितरण किया जाएगा। पंचायती राज मंत्रालय के मुताबिक, इस आयोजन में 13 केंद्रीय मंत्री भी देशभर के अलग-अलग स्थानों पर मौजूद रहेंगे। ग्रामीण भारत के लिए महत्वपूर्ण पहल: यह योजना न केवल ग्रामीण इलाकों में संपत्ति पर स्वामित्व का अधिकार देने में मददगार है, बल्कि गांवों में आर्थिक विकास और सशक्तिकरण के लिए भी एक बड़ा कदम है।