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IMF वर्ल्ड आउटलुक: वैश्विक अर्थव्यवस्था में कोविड से भी बड़ी हलचल

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IMF की ताज़ा रिपोर्ट: IMF ने दुनिया की आर्थिक स्थिति पर अपनी ताज़ा रिपोर्ट जारी की है। इसे देखकर लगता है कि दुनिया के बड़े-बड़े अर्थशास्त्री भी भविष्यवाणियां करने में थोड़ा हिचकिचा रहे हैं। हर साल, IMF और वर्ल्ड बैंक वॉशिंगटन डीसी में स्प्रिंग मीटिंग्स करते हैं, जहाँ दुनिया भर के आर्थिक मुद्दों पर चर्चा होती है। इस दौरान, IMF अपनी ग्लोबल ग्रोथ की नई रिपोर्ट भी पेश करता है। 2025 का अनुमान: IMF के मुताबिक, 2025 में दुनिया की अर्थव्यवस्था 2.8% और 2026 में 3.0% की दर से बढ़ेगी। यूरो ज़ोन के लिए 2025 में 0.8% और 2026 में 1.2% की ग्रोथ का अनुमान है। ये आंकड़े पहले के अनुमानों से कम हैं, जिससे पता चलता है कि चीजें थोड़ी धीमी हो रही हैं। अनिश्चितता का माहौल: सबसे बड़ी बात यह है कि आज हम पहले से कहीं ज़्यादा अनिश्चितता से घिरे हुए हैं। अमेरिका में नए टैरिफ (टैक्स) लगने से हालात और भी मुश्किल हो गए हैं। ट्रम्प, टैरिफ और अनिश्चितता: अगर अमेरिकी टैरिफ पॉलिसी को एक शब्द में समझाना हो तो, यह “अनिश्चित” है। हाल ही में, अमेरिका ने कई नए टैरिफ लगाए, जिससे दुनिया भर के व्यापारियों को चिंता हो रही है।

  • टैरिफ में बदलाव: अमेरिका ने कुछ समय के लिए नए टैरिफ बढ़ाने पर रोक लगाई है, लेकिन चीन पर टैरिफ 145% तक बढ़ा दिया गया है।
  • 90 दिन की छूट: यूरोपीय यूनियन से अमेरिका आने वाले सामान पर कुछ समय के लिए कम टैरिफ लगेगा, लेकिन यह पहले के मुकाबले अब भी ज़्यादा है।
  • भविष्य की अनिश्चितता: अगले कुछ महीनों में टैरिफ क्या होंगे, यह कोई नहीं जानता। चीन और अमेरिका के बीच व्यापार युद्ध का क्या होगा, यह भी एक सवाल है।

अनिश्चितता का असर: IMF का वर्ल्ड ट्रेड अनसर्टेनिटी इंडेक्स (व्यापार अनिश्चितता सूचकांक) अक्टूबर 2024 के मुकाबले 7 गुना बढ़ गया है, जो महामारी के समय से भी ज़्यादा है। इससे कंपनियों के लिए योजना बनाना मुश्किल हो गया है। डर और उतार-चढ़ाव: बाजार में घबराहट का माहौल है। निवेशक अब सुरक्षित निवेशों की ओर कम जा रहे हैं, जो एक चिंता की बात है। सप्लाई चेन का टूटना: कोरोनावायरस के दौरान सप्लाई चेन टूटी थी, और अब टैरिफ की वजह से वही हो रहा है। कुल मिलाकर, रिपोर्ट बताती है कि दुनिया की अर्थव्यवस्था में अनिश्चितता है, और यह आने वाले समय में एक बड़ी चुनौती हो सकती है।

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