Chhattisgarh

8 साल के बच्चे पर तेंदुए का हमला, बड़े भाई ने जान पर खेलकर बचाया

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कांकेर: जिले से करीब 30 किलोमीटर दूर दुधावा गांव में इन दिनों तेंदुए का आतंक फैला हुआ है। दिसंबर 2024 से अब तक तेंदुए ने चार बच्चों को अपना शिकार बनाया है, जिसमें एक बच्चे की मौत हो गई है और एक बच्चा अपंग हो गया है। शुक्रवार रात भी तेंदुए ने एक आठ साल के बच्चे पर हमला कर उसे बुरी तरह घायल कर दिया। बच्चा आंगन में खेल रहा था, तभी तेंदुआ अचानक आ धमका और उसके गले को पकड़कर घसीटते हुए ले जाने लगा। लेकिन उसी वक्त बच्चे के बड़े भाई ने हिम्मत दिखाई और तेंदुए के चंगुल से भाई को छुड़वा लिया। ऐसे हुई पूरी घटना गांव के नंदलाल मंडावी ने बताया कि रात करीब सात बजे आठ साल का बच्चा घर के बाहर खेल रहा था। तभी अचानक तेंदुआ आया और सीधे उसके गले को पकड़ लिया। तेंदुआ बच्चे को उठाकर ले जाने ही वाला था कि पास ही मौजूद बड़े भाई ने चीखना-चिल्लाना शुरू कर दिया। उसने दौड़कर अपने भाई के पैर को पकड़ लिया और अपनी तरफ खींचने लगा। तब जाकर तेंदुआ बच्चे को छोड़कर भाग निकला। लकेश्वर मरकाम ने बताया कि उसका छोटा भाई खेल रहा था, तभी तेंदुआ झपट पड़ा। अगर मैं नहीं खींचता तो तेंदुआ मेरे छोटे भाई को उठाकर ले जाता और मार डालता।

भारतमाला सड़क योजना बना तेंदुए के हमले की वजह
दुधावा इलाके के ग्रामीणों ने बताया कि रायपुर से विशाखापट्टनम को जोड़ने वाली भारतमाला सड़क दुधावा से होकर गुजर रही है। सड़क बनाने के लिए मालगुंडी पहाड़ी को काटा जा रहा है और हर दिन भारी ब्लास्टिंग हो रही है।
दुधावा के स्थानीय निवासी दीनू साहू ने बताया कि इस पहाड़ी में पहले तेंदुए और भालुओं का बसेरा था। अब जब पहाड़ी काट दी गई है, तो तेंदुए बस्ती की तरफ आ रहे हैं।
पहले तेंदुए पालतू जानवरों पर हमला करते थे, लेकिन अब इंसानों पर भी हमला करने लगे हैं।

दुधावा में तेंदुए के हमले की घटनाएं तेंदुए का हमला दुधावा इलाके में लगातार बढ़ता जा रहा है।
4 अगस्त 2024 को तेंदुए ने कोड़मुड़ गांव से एक बच्चे को उठाकर ले गया था, बाद में उसका सिर्फ सिर मिला।
25 सितंबर 2024 को दुधावा के नया पारा में भी तेंदुए ने एक बच्ची पर हमला कर उसे बुरी तरह घायल कर दिया था।
2 अक्टूबर 2024 को दुधावा बस्ती में भी शाम के वक्त तेंदुए ने एक बच्चे पर हमला किया। तेंदुआ बच्चे को जबड़े में दबाकर ले जाने ही वाला था कि एक पालतू कुत्ते ने बच्चे की जान बचाई। हालांकि इस हमले में बच्चा अपाहिज हो गया है।
26 अप्रैल 2025 को भी दुधावा क्षेत्र के आछीडोंगरी गांव में आठ साल के बच्चे पर तेंदुए ने हमला कर दिया। उसके बड़े भाई ने हिम्मत दिखाकर उसे तेंदुए के जबड़े से छुड़ाया। बच्चा फिलहाल अस्पताल में जिंदगी और मौत से जूझ रहा है। तेंदुए और भालू के हमलों में अब तक गई 11 जानें 2022 से लेकर अब तक तेंदुए और भालू के हमलों में 11 लोगों की जान चली गई है।
इन तीन सालों में 70 से ज्यादा लोग भालू और तेंदुए के हमलों में बुरी तरह घायल भी हो चुके हैं।
ग्रामीणों का कहना है कि अब शाम होते ही वे अपने घरों के दरवाजे बंद कर लेते हैं।
छोटे बच्चे बाहर खेलने नहीं निकलते और किसान भी खेतों में डरते-डरते जाते हैं।

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