चमोली के थराली में रातभर की भारी बारिश से तबाही, कई घर मलबे में दबे, दो लोग लापता

थराली में प्रलय: मूसलाधार बारिश ने मचाई तबाही, दो लापता!
जब प्रकृति का कहर टूटा: थराली में भारी बारिश ने किया जनजीवन अस्त-व्यस्त-उत्तराखंड के खूबसूरत चमोली जिले का थराली कस्बा शुक्रवार की रात अचानक आई प्रलयंकारी बारिश का गवाह बना। इस मूसलाधार बारिश ने सब कुछ तहस-नहस कर दिया। टुनरी गदेरा, जो अक्सर शांत रहता है, अचानक विकराल रूप धारण कर एक उफनते नाले में बदल गया। अपने साथ भारी मात्रा में कीचड़, मलबा और पत्थर बहाकर लाया, जो सीधे घरों और बाजारों में घुस गए। आलम यह था कि नाले का पानी और मलबा तहसील कार्यालय तक पहुँच गया और फिर पिंडर नदी में समा गया। इस भयावह मंजर में कई मकानों और दुकानों को भारी नुकसान पहुँचा है, जिससे लोगों में दहशत का माहौल है।
दो जिंदगियां लापता: परिवारों पर टूटा दुखों का पहाड़-इस प्राकृतिक आपदा की सबसे दुखद खबर यह है कि बारिश और मलबे के सैलाब में दो लोग लापता हो गए हैं। सगवाड़ा क्षेत्र से 20 साल की एक युवती, कविता, का कोई अता-पता नहीं चल पा रहा है। वहीं, चेपडोन बाजार इलाके से भी एक व्यक्ति के लापता होने की सूचना है। दोनों परिवारों पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा है, वे सदमे में हैं और रो-रोकर बेहाल हैं। प्रशासन भी इन लापता लोगों की तलाश में पूरी रात से जुटा हुआ है, लेकिन अभी तक कोई सुराग नहीं मिला है।
मुख्यमंत्री ने जताई संवेदना, राहत टीमें रवाना: SDRF को भी भेजा गया-मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इस दुखद घटना पर गहरा शोक व्यक्त किया है। उन्होंने आश्वासन दिया है कि सरकार स्थिति पर लगातार नजर बनाए हुए है और प्रभावित लोगों को हर संभव मदद पहुँचाई जाएगी। वहीं, चमोली के उप-जिलाधिकारी विवेक प्रकाश ने बताया कि SDRF और पुलिस की टीमें मौके पर पहुँचने की कोशिश कर रही थीं, लेकिन मुख्य सड़क पर मलबा जमा होने के कारण वे वहाँ फँस गई थीं। सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए बचाव कार्य में थोड़ी देरी हुई है।
राहत कैंप स्थापित, DM ने संभाला मोर्चा: हर संभव मदद का आश्वासन-भारी नुकसान को देखते हुए, स्थानीय प्रशासन ने तुरंत राहत और बचाव कार्य शुरू कर दिया है। कई जगहों पर राहत कैंप स्थापित किए गए हैं ताकि बेघर हुए परिवारों को सिर छिपाने की जगह मिल सके। चमोली के जिलाधिकारी संदीप तिवारी खुद शनिवार सुबह घटनास्थल के लिए रवाना हो गए हैं ताकि वे स्थिति का जायजा ले सकें और राहत कार्यों का निरीक्षण कर सकें। प्रशासन का कहना है कि प्रभावित परिवारों को अस्थायी आश्रय, भोजन और अन्य आवश्यक सामग्री उपलब्ध कराई जा रही है, ताकि कोई भी व्यक्ति असहाय महसूस न करे।
सड़कें बंद, आवाजाही ठप: बचाव कार्यों में आई बाधा-आपदा प्रबंधन केंद्र की रिपोर्ट के अनुसार, कर्णप्रयाग-ग्वालदम नेशनल हाईवे मिंग गदेरा के पास मलबा गिरने से पूरी तरह बंद हो गया है। इसके अतिरिक्त, थराली-सगवाड़ा मोटर रोड और दुंगरी मोटर रोड पर भी यातायात पूरी तरह से ठप हो गया है। इन सड़कों के बंद होने से न केवल स्थानीय लोगों को परेशानी हो रही है, बल्कि राहत सामग्री और बचाव टीमों को भी घटनास्थल तक पहुँचने में भारी कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है, जिससे बचाव कार्य और भी जटिल हो गया है।
स्कूल बंद, लोगों को सुरक्षित स्थानों पर ले जाया जा रहा-हालात की गंभीरता को समझते हुए, प्रशासन ने शनिवार को तीन विकास खंडों के सभी स्कूलों को बंद रखने का आदेश जारी कर दिया है। बच्चों और अन्य ग्रामीणों को सुरक्षित स्थानों पर ले जाया जा रहा है ताकि वे किसी भी खतरे से बचे रहें। मुख्यमंत्री धामी ने सोशल मीडिया के माध्यम से भी लोगों को आश्वस्त किया है कि वे स्वयं स्थिति पर नजर रखे हुए हैं और ईश्वर से सभी की सुरक्षा की प्रार्थना कर रहे हैं।
उत्तरकाशी की त्रासदी के बाद फिर वही मंजर: पहाड़ों पर संकट-यह दुखद घटना ऐसे समय में हुई है जब कुछ हफ्ते पहले ही उत्तरकाशी जिले में बादल फटने से भयानक तबाही मची थी। उस आपदा में एक व्यक्ति की जान चली गई थी और लगभग 65 लोग लापता हो गए थे। धाराली गांव का आधा हिस्सा तो मलबे और कीचड़ के सैलाब में बह गया था। थराली में आई इस नई आपदा ने एक बार फिर यह याद दिला दिया है कि पहाड़ों में रहने वाले लोगों को प्रकृति के प्रकोप का कितना सामना करना पड़ता है, और उनकी मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं।



