वेनेजुएला संकट पर लूला का सख्त संदेश: ट्रंप की नीतियों से लैटिन अमेरिका में बढ़ता तनाव

मर्कोसुर मंच पर लूला का सख्त संदेश: वेनेजुएला पर सैन्य हस्तक्षेप खतरनाक- लूला ने मर्कोसुर शिखर सम्मेलन में अमेरिका की नीति की कड़ी आलोचना की दक्षिण अमेरिका में बढ़ते राजनीतिक और सैन्य तनाव के बीच ब्राजील के राष्ट्रपति लूला डी सिल्वा ने मर्कोसुर शिखर सम्मेलन में अमेरिका की वेनेजुएला नीति पर तीखा प्रहार किया। उन्होंने कहा कि आर्थिक नाकेबंदी और सैन्य दबाव से कोई समाधान नहीं निकलता, बल्कि इससे पूरे क्षेत्र में अस्थिरता फैलती है और डर का माहौल बनता है।
सैन्य हस्तक्षेप पूरे महाद्वीप के लिए खतरा-लूला ने साफ चेतावनी दी कि वेनेजुएला में किसी भी तरह का सशस्त्र हस्तक्षेप सिर्फ एक देश तक सीमित नहीं रहेगा, बल्कि इसका असर पूरे लैटिन अमेरिका पर पड़ेगा। उन्होंने कहा कि युद्ध की स्थिति बनने से विकास, शांति और आपसी भरोसा सब खत्म हो जाएगा। साथ ही, बाहरी ताकतों की सैन्य मौजूदगी अंतरराष्ट्रीय कानून के खिलाफ भी है।
अमेरिका की सख्त कार्रवाई से बढ़ा तनाव-डोनाल्ड ट्रंप प्रशासन ने वेनेजुएला पर दबाव बढ़ाते हुए उसके तेल व्यापार पर कड़े प्रतिबंध लगाए हैं। तेल टैंकरों की आवाजाही पर रोक और अमेरिकी नौसेना की जब्ती की कार्रवाई ने स्थिति को और गंभीर बना दिया है। निकोलस मादुरो सरकार को विदेशी आतंकवादी संगठन घोषित करना भी क्षेत्रीय तनाव को बढ़ावा दे रहा है।
लूला का जोर बातचीत और कूटनीति पर-ब्राजील के राष्ट्रपति ने स्पष्ट कहा कि युद्ध नहीं, बल्कि संवाद ही सही रास्ता है। उन्होंने अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप से फोन पर बात कर यह संदेश दिया कि बातचीत से समाधान ज्यादा टिकाऊ और कम नुकसानदेह होता है। लूला का मानना है कि दक्षिण अमेरिका को शांति और सहयोग के रास्ते पर ही आगे बढ़ना चाहिए, न कि टकराव की ओर।
लैटिन अमेरिकी देशों की बढ़ती एकजुटता-वेनेजुएला के मुद्दे पर कई लैटिन अमेरिकी देशों ने अमेरिका के खिलाफ एकजुटता दिखाई है। क्षेत्रीय संगठन और नेता संयुक्त राष्ट्र से हस्तक्षेप की मांग कर रहे हैं ताकि स्थिति युद्ध तक न पहुंचे। लूला का रुख यह दर्शाता है कि ब्राजील इस संकट में संतुलन और मध्यस्थता की भूमिका निभाना चाहता है, न कि टकराव को बढ़ावा देना।



