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नोनी सुरक्षा योजना गरीब परिवारों की बेटियों के लिए, 84,000 से अधिक बेटियों का पंजीकरण…..

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नोनी सुरक्षा योजना गरीब परिवारों में जन्म लेने वाली बेटियों के लिए बड़ा सहारा बनती है। इससे परिवार की बेटियों के भविष्य की चिंता दूर हो गई। इस योजना के तहत गरीब परिवारों की बेटियों को 18 साल की उम्र पूरी करने और 12वीं पास करने पर एक लाख रुपये दिए जाते हैं। इसके लिए जीवन बीमा निगम और महिला एवं बाल विकास विभाग के बीच समझौता हुआ है। नोनी सुरक्षा योजना के तहत राज्य सरकार द्वारा गरीब परिवार की पंजीकृत बालिका के नाम पर 5 वर्ष तक कुल 25 हजार रुपये प्रतिवर्ष भारतीय जीवन बीमा निगम में जमा किया जाता है। अब तक भारतीय जीवन बीमा निगम के कॉर्पस फंड में कुल 122.64 करोड़ की राशि आवंटित की जा चुकी है। नोनी सुरक्षा योजना में अब तक 84 हजार 594 बालिकाओं का पंजीयन किया जा चुका है।


2001 की जनगणना के आंकड़ों के अनुसार छत्तीसगढ़ का बाल लिंगानुपात 975 प्रति हजार था, जो 2011 की जनगणना में घटकर 969 प्रति हजार रह गया। इस प्रकार राज्य में बालकों एवं बालिकाओं के लिंगानुपात को कम करने के प्रति समाज में सकारात्मक सोच को बढ़ाने के लिए 1 अप्रैल 2014 से “नोनी सुरक्षा योजना” लागू की गई। कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य राज्य में लड़कियों की शिक्षा और स्वास्थ्य की स्थिति में सुधार करना, लड़कियों के अच्छे भविष्य की आधारशिला रखना, कन्या भ्रूण हत्या को रोकना और लड़कियों और लड़कियों के जन्म के प्रति समाज में सकारात्मक मानसिकता लाना है। बाल विवाह को रोकें।
गरीबी रेखा से नीचे रहने वाले और छत्तीसगढ़ राज्य से आने वाले परिवार से 1 अप्रैल, 2014 के बाद जन्म लेने वाली अधिकतम दो लड़कियों को योजना के तहत लाभ मिलेगा। इस प्रणाली के आने से शहरी क्षेत्रों के गरीब परिवारों की बेटियों के साथ-साथ सुदूर आदिवासी क्षेत्रों में बसे परिवारों की बेटियों के भविष्य की चिंता दूर हो गई। इस योजना का लाभ लेने के लिए जिला स्तर पर प्रखंड स्तर पर कार्यक्रम अधिकारी, महिला एवं बाल विकास अधिकारी एवं बाल विकास परियोजना अधिकारी से संपर्क किया जा सकता है.

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