Entertainment

नुसरत भरूचा फिर आईं डर का सामना करने, छोरी 2 में इमोशन भी दमदार

48 / 100

फिल्म रिव्यू: छोरी 2
कलाकार: नुसरत भरुचा, सोहा अली खान, गश्मीर महाजनी, सौरभ गोयल
निर्देशक: विशाल फुरिया
प्लेटफॉर्म: प्राइम वीडियो
रेटिंग: 3 स्टार

Chhorii 2 Movie Review: साल 2021 में जब “छोरी” अमेज़न प्राइम पर आई थी, तो इसे दर्शकों से जबरदस्त रिस्पॉन्स मिला था। हॉरर के साथ फिल्म में “बेटी बचाओ” का गहरा और जरूरी मैसेज था। अब इस शुक्रवार को उसी का सीक्वल “छोरी 2” रिलीज़ हुआ है। इस बार फिर से लीड रोल में नुसरत भरुचा हैं। अब देखते हैं कि ये फिल्म कहानी और एक्टिंग के मामले में कैसी है। “छोरी 2” की कहानी वहीं से शुरू होती है, जहां पहली फिल्म खत्म हुई थी। साक्षी (नुसरत भरूचा) उस भूतिया गांव से बच निकलती है और फिर अस्पताल में एक बेटी को जन्म देती है। इंस्पेक्टर समर (गश्मीर महाजनी) उसे अपने घर ले जाता है। लेकिन साक्षी अपने बीते वक्त से अभी भी डरी हुई है। उसे हमेशा यही डर लगा रहता है कि उसका एक्स-हस्बैंड राजबीर कभी भी उसकी बेटी को मारने आ सकता है। अब उसकी बेटी ईशानी (हार्दिका शर्मा) सात साल की हो चुकी है, लेकिन उसे एक अजीब बीमारी है—उसे धूप से एलर्जी है, जिससे उसकी तबीयत जल्दी खराब हो जाती है। एक रात वही होता है जिसका साक्षी को डर था—राजबीर अपने काका और कबीले के लोगों के साथ ईशानी और उसकी देखरेख कर रही रानी (पल्लवी अजय) को उठाकर एक रहस्यमयी खेत के नीचे बने खंडहर में ले जाता है। अब साक्षी फिर से अपने बच्चे को बचाने की जंग में उतर पड़ती है। इंस्पेक्टर समर साथ है, लेकिन असली लड़ाई साक्षी को अकेले ही लड़नी है। इस बार दुश्मन और भी शातिर हैं और खंडहर में कई डरावनी और बुरी शक्तियां मौजूद हैं।

फिल्म की असली जान साक्षी का किरदार है, जिसे नुसरत भरूचा ने पूरी ईमानदारी से निभाया है। जो मां कभी खुद डरी-सहमी थी, अब वही हालातों से लड़ने और अपनी बच्ची को बचाने के लिए किसी भी हद तक जा सकती है। नुसरत ने साक्षी के डर, ममता और हिम्मत को पर्दे पर बहुत सच्चाई से दिखाया है। एक सीन में वह समर से कहती हैं—”मैं समझती हूं समर, पर मां हूं, इस डर का क्या करूं?”—इस एक लाइन में उनके किरदार की सारी गहराई नजर आती है।ईशानी के रोल में हार्दिका शर्मा भी बेहद नैचुरल लगी हैं। गश्मीर महाजनी ने इंस्पेक्टर समर का किरदार सधे हुए ढंग से निभाया है। सोहा अली खान ने निगेटिव रोल में चौंका दिया है, और सौरभ गोयल (राजबीर) व कुलदीप सरीन (प्रधान जी) भी अपने रोल में पूरी तरह फिट बैठे हैं। फिल्म में हॉरर और सस्पेंस दोनों का अच्छा तालमेल है। कहानी शुरू से ही दर्शकों को बांध कर रखती है। फिल्म में “बेटी बचाओ” और महिला सशक्तिकरण जैसे मुद्दों को बहुत अच्छे से जोड़ा गया है। निर्देशक विशाल फुरिया ने इस बार भी अपने मजबूत निर्देशन से साबित किया है कि वो हॉरर और मैसेज दोनों को एक साथ शानदार ढंग से दिखा सकते हैं। छोरी 2 वीकेंड पर देखने लायक फिल्म है, खासकर अगर आप हॉरर फिल्मों के शौकीन हैं। लेकिन अगर आपने अब तक पहली “छोरी” नहीं देखी है तो पहले उसे देखिए, तभी सीक्वल की कहानी और कनेक्शन अच्छे से समझ आएंगे और मजा दोगुना होगा। मेरी तो यहीं तक बात, अब आप खुद फिल्म देखिए और अपनी राय बनाइए।

Show More

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button