बिहार में PM मोदी ने शुरू की मुख्यमंत्री महिला रोजगार योजना, 75 लाख महिलाओं के खाते में 10,000 रु.

बिहार की महिलाओं के लिए खुशियों की सौगात: 7500 करोड़ की नई योजना से मिलेगा आत्मनिर्भर बनने का मौका!
नई उम्मीदों का सवेरा: आर्थिक आजादी की ओर बिहार की बेटियां-यह खबर बिहार की उन तमाम महिलाओं के लिए एक नई उम्मीद लेकर आई है जो अपने पैरों पर खड़े होकर कुछ करना चाहती हैं। प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने हाल ही में ‘मुख्यमंत्री महिला रोजगार योजना’ का शुभारंभ किया है, जिसके तहत बिहार की लगभग 75 लाख महिलाओं को आर्थिक रूप से मजबूत बनाने का लक्ष्य रखा गया है। इस योजना के तहत, हर महिला के खाते में सीधे 10,000 रुपये की राशि भेजी गई है। यह 7,500 करोड़ रुपये की एक बड़ी पहल है, जिसे बिहार की एनडीए सरकार ने महिलाओं को स्वरोजगार और बेहतर आजीविका के अवसर देने के उद्देश्य से शुरू किया है। इस खास मौके पर, प्रधानमंत्री जी ने दिल्ली से हरी झंडी दिखाई, जबकि बिहार के मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार, उपमुख्यमंत्री श्री सम्राट चौधरी और अन्य गणमान्य मंत्री पटना से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से इस महत्वपूर्ण कार्यक्रम से जुड़े। यह योजना महिलाओं को आर्थिक और सामाजिक दोनों ही तरह से सशक्त बनाने की दिशा में एक मील का पत्थर साबित होगी।
हर घर की महिला को मिलेगा सहारा: व्यवसाय शुरू करने के लिए आर्थिक मदद और हुनर का प्रशिक्षण-इस योजना की सबसे खास बात यह है कि यह हर परिवार की एक महिला को अपना खुद का व्यवसाय या कोई भी स्वरोजगार शुरू करने के लिए आर्थिक मदद प्रदान करेगी। पहले चरण में, हर चुनी गई महिला को सीधे उनके बैंक खाते में 10,000 रुपये मिलेंगे। इसके बाद, जरूरत पड़ने पर उन्हें 2 लाख रुपये तक की अतिरिक्त सहायता भी मिल सकती है। इस पैसे का इस्तेमाल महिलाएं खेती-बाड़ी, पशुपालन, हाथ से बने सामान, सिलाई-कढ़ाई जैसे छोटे-मोटे काम शुरू करने के लिए कर सकती हैं। इतना ही नहीं, सरकार की ओर से उन्हें जरूरी प्रशिक्षण भी दिया जाएगा, जिसमें सामुदायिक कार्यकर्ता और स्वयं सहायता समूह (सेल्फ-हेल्प ग्रुप) अहम भूमिका निभाएंगे। यह सब महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने और उन्हें अपने हुनर को निखारने का पूरा मौका देगा।
उत्पादों की बिक्री में भी मिलेगी मदद: ग्रामीण हाट-बाजारों से बढ़ेगी आय-सिर्फ पैसे देना ही इस योजना का मकसद नहीं है, बल्कि महिलाओं द्वारा बनाए गए सामानों को बाजार में अच्छी कीमत पर बिकवाने में भी मदद करना है। इसके लिए बिहार में खास तौर पर ग्रामीण हाट-बाजारों को बेहतर बनाया जाएगा। इससे महिलाओं को अपने बनाए हुए उत्पाद सीधे ग्राहकों तक पहुंचाने और अच्छी कमाई करने में आसानी होगी। यह कदम महिलाओं को न केवल आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बनाएगा, बल्कि उन्हें समाज में एक मजबूत पहचान दिलाने में भी सहायक होगा। यह पहल बिहार की महिलाओं को सशक्त और स्वावलंबी बनाने की दिशा में एक बहुत बड़ा और सराहनीय कदम है।



