पंजाब बाढ़ संकट: अमन अरोड़ा ने पीएम मोदी से मांगा 20,000 करोड़ का राहत पैकेज

पंजाब में बाढ़ का कहर: पीएम मोदी के दौरे से उम्मीदें, 20,000 करोड़ के पैकेज की मांग-पंजाब इस वक्त एक भयंकर बाढ़ संकट से जूझ रहा है।** राज्य के लगभग 23 जिलों में 1900 से ज़्यादा गाँव पानी में समा गए हैं। इस विनाशकारी बाढ़ ने अब तक 43 लोगों की जान ले ली है और हजारों लोगों को बेघर कर दिया है। किसानों की खड़ी फसलें बर्बाद हो गई हैं, जिससे उनकी आजीविका पर गहरा संकट आ गया है। ऐसे मुश्किल हालात में, पंजाब सरकार अब केंद्र सरकार से तत्काल सहायता की उम्मीद कर रही है।
राहत पैकेज की गुहार: 20,000 करोड़ की विशेष मदद की मांग-पंजाब के कैबिनेट मंत्री, अमन अरोड़ा, ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से 9 सितंबर को होने वाली अपनी पंजाब यात्रा के दौरान राज्य के लिए 20,000 करोड़ रुपये के एक विशेष राहत पैकेज की घोषणा करने की अपील की है। उन्होंने कहा कि भले ही प्रधानमंत्री की ओर से अब तक पंजाब की बाढ़ पर कोई विशेष प्रतिक्रिया नहीं आई है, लेकिन वे देश के प्रधानमंत्री हैं और राज्य को उम्मीद है कि वे इस संकट की घड़ी में पंजाब के साथ खड़े होंगे। मंत्री अरोड़ा ने प्रधानमंत्री के दौरे को बाढ़ प्रभावित लोगों के लिए उम्मीद की एक किरण बताया है।
60,000 करोड़ का बकाया फंड और वित्तीय सहायता की दरकार-अमन अरोड़ा ने मुख्यमंत्री भगवंत मान द्वारा प्रधानमंत्री को लिखे गए उस पत्र का भी ज़िक्र किया जिसमें पंजाब के **60,000 करोड़ रुपये के बकाया फंड** को तुरंत जारी करने की मांग की गई है। उनका कहना है कि यह पंजाब का हक है और केंद्र को इसे अविलंब जारी करना चाहिए। उन्होंने यह भी बताया कि पंजाब इस समय पिछले कई दशकों की सबसे भीषण बाढ़ का सामना कर रहा है, जो 1988 की बाढ़ से भी कहीं ज़्यादा गंभीर है। केवल राहत पैकेज ही नहीं, बल्कि किसानों की अगली फसल बोने की चुनौतियों को देखते हुए केंद्र सरकार से तत्काल वित्तीय मदद की भी आवश्यकता है।
किसानों और मवेशियों पर बाढ़ का प्रकोप: सिल्ट की समस्या गंभीर-मंत्री अरोड़ा ने विस्तार से बताया कि इस बाढ़ ने पंजाब में 4.50 लाख एकड़ से ज़्यादा की फसलों को पूरी तरह से बर्बाद** कर दिया है। सिर्फ फसलें ही नहीं, बल्कि हजारों मवेशियों की भी मौत हो गई है और कई घर ढह गए हैं। उन्होंने चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि बाढ़ का पानी उतरने के बाद खेतों में मोटी परत में सिल्ट (गाद) जम गई है, जिससे किसानों को अगली फसल बोने में भारी मुश्किलों का सामना करना पड़ेगा। इस कारण किसानों के सामने आजीविका का गंभीर संकट खड़ा हो गया है। उन्होंने केंद्र सरकार से आग्रह किया है कि पंजाब की इस आपदा को केवल एक राज्य की समस्या न समझकर, इसे राष्ट्रीय आपदा मानते हुए तुरंत मदद का ऐलान करे।
बाढ़ का कारण: बाहरी राज्यों की भारी बारिश और स्थानीय हालात-पंजाब में आई इस भयंकर बाढ़ का मुख्य कारण सिर्फ राज्य में हुई बारिश ही नहीं है। हिमाचल प्रदेश और जम्मू-कश्मीर में हुई भारी वर्षा** के कारण सतलुज, ब्यास और रावी नदियों का जलस्तर खतरनाक स्तर तक बढ़ गया था। इसके साथ ही, राज्य की मौसमी नदियां और नाले भी उफान पर आ गए थे। इन सबके बीच, पंजाब में पिछले कुछ दिनों से लगातार हो रही भारी बारिश ने हालात को और भी बिगाड़ दिया। कई गाँवों में पानी भर गया और सैकड़ों परिवारों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया। राहत और बचाव कार्य जारी हैं, लेकिन नुकसान इतना व्यापक है कि अकेले राज्य सरकार के लिए इसकी भरपाई करना एक बड़ी चुनौती है।



