बिलासपुर रेल हादसे के बाद रेल मंत्रालय की कड़ी कार्रवाई: जानिए पूरी कहानी

हादसे की जांच रिपोर्ट में सामने आई बड़ी चूक- बिलासपुर रेल हादसे की जांच रिपोर्ट ने ट्रेन संचालन में गंभीर खामियों को उजागर किया है। रिपोर्ट के मुताबिक, नियमों की अनदेखी ने इस दर्दनाक हादसे को जन्म दिया। रेलवे बोर्ड ने इस पर तुरंत कदम उठाते हुए दो वरिष्ठ अधिकारियों का तबादला कर दिया, जो हादसे के बाद की सबसे बड़ी प्रशासनिक कार्रवाई मानी जा रही है।
हादसा कैसे हुआ और कितने लोग प्रभावित हुए?- 4 नवंबर को लाल खदान स्टेशन के पास खड़ी मालगाड़ी से मेमू लोकल ट्रेन टकरा गई थी। इस हादसे में लोको पायलट विद्यासागर समेत 11 लोगों की मौत हुई। शुरुआती जांच में पता चला कि ट्रेन संचालन के नियमों का पालन नहीं किया गया, जिससे दुर्घटना हुई और कई लोग प्रभावित हुए।
डीआरएम और विद्युत अभियंता का तबादला, नए अधिकारी नियुक्त- जांच रिपोर्ट के बाद बिलासपुर डीआरएम राजमल खोईवाल को हटाकर उमेश कुमार को नियुक्त किया गया है। प्रधान मुख्य विद्युत अभियंता राजीव कुमार बर्नवाल को ईस्ट सेंट्रल रेलवे में ट्रांसफर किया गया और उनकी जगह आरके चौधरी को लाया गया। रेलवे ने इसे सिस्टम सुधार की दिशा में बड़ा कदम बताया है।
पहले भी हुई थी प्रशासनिक कार्रवाई- रेलवे बोर्ड ने पहले सीनियर डीओपी मसूद आलम को फोर्स लीव पर भेजा था और उनकी जगह शशांक कोष्टा को नया सीनियर डीओपी बनाया गया। लगातार हो रही ये कार्रवाई दर्शाती है कि रेलवे हादसे को गंभीरता से ले रहा है और पूरी जिम्मेदारी तय करने के लिए कमान को मजबूत कर रहा है।



