आदिम जाति कल्याण केन्द्र द्वारा शिक्षा, स्वास्थ्य, पर्यावरण संरक्षण सहित उल्लेखनीय कार्य…..
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राज्यपाल श्री मंगूभाई पटेल एवं मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने आज डिंडौरी जिले के बड़गांव में नर्मदांचल विश्वविद्यालय के नवीन परिसर एवं छात्रावास का शिलान्यास किया. उन्होंने सिलगी नदी पर नया घाट व सीढ़ी का निर्माण शुरू करवाया और गौशाला, निर्माणाधीन स्कूल परिसर व छात्रावास का भी निरीक्षण किया. साउथ ईस्ट कोल्ड फील्ड लिमिटेड बिलासपुर के सीएसआर मद बड़गांव में लगभग 18 करोड़ की लागत से नर्मदांचल विश्वविद्यालय स्कूल एवं छात्रावास का निर्माण कार्य किया जा रहा है. राज्यपाल श्री पटेल एवं मुख्यमंत्री श्री चौहान ने दिव्यांग सहायक उपकरण वितरण शिविर एवं स्वास्थ्य शिविर का भी उद्घाटन किया तथा दिव्यांगों को मोटर ट्राइसाइकिल एवं सहायक उपकरण वितरित किये. राज्यपाल और मुख्यमंत्री ने सिद्ध महाराज मंदिर में पूजा अर्चना की और क्षेत्र के लोगों को शुभकामनाएं दीं।
राज्यपाल श्री पटेल ने कहा कि आदिम जाति कल्याण केन्द्र महाकौशल बड़गांव समाज के विकास के लिये निरन्तर कार्य कर रहा है। शिक्षा, स्वास्थ्य देखभाल, पर्यावरण संरक्षण सहित विभिन्न क्षेत्रों में यहां उल्लेखनीय कार्य किया जाता है। इसके लिए संघ के सभी संघ सदस्य बधाई के पात्र हैं। राज्यपाल ने नर्मदांचल विश्वविद्यालय की शैक्षणिक गुणवत्ता और प्रबंधन की सराहना की। उन्होंने राज्य सरकार द्वारा चलाये जा रहे सिकल सेल रोग उन्मूलन कार्यक्रम का उल्लेख किया और उपस्थित आदिवासी भाइयों को सिकल सेल रोग का अनिवार्य रूप से और अन्य लोगों का परीक्षण कराने के लिए प्रेरित किया। राज्यपाल श्री पटेल ने केन्द्र सरकार के लक्ष्य के अनुरूप 2025 तक टीबी एवं 2047 तक सिकल सेल के पूर्ण उन्मूलन में अपनी भागीदारी सुनिश्चित करने की अपील की.
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि वे 2006 में बड़गांव आये थे, तब से अब तक इस आदिवासी कल्याण केन्द्र के स्वरूप में अनेक परिवर्तन आये हैं. उस दौरान उनके साथ सुदर्शन जी और पूज्य स्वामी सत्यमित्रानंद गिरि जी मौजूद थे। उन्होंने कहा कि आज गौशाला में भ्रमण के दौरान उन्होंने देखा कि क्षेत्र में पर्यावरण की रक्षा के लिए पीपल के पेड़ लगाए गए हैं, जो ऑक्सीजन बैंक का काम करते हैं. आदिम जाति कल्याण केंद्र बड़गांव का उद्देश्य छात्रों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करना, उनका शारीरिक, मानसिक और बौद्धिक विकास करना, नैतिक और मानवीय मूल्यों पर आधारित आदर्श नेतृत्व विकसित करना और युवाओं को जिम्मेदार नागरिक बनने के लिए आत्मनिर्भर बनाना है। और समाज और राष्ट्र की सेवा करें।
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि सामाजिक सेवाओं के माध्यम से महिला सशक्तिकरण और सामाजिक कुरीतियों के उन्मूलन का कार्य किया जा सकता है। यह केंद्र ठीक इन्हीं आयामों का अनुसरण करता है। मुख्यमंत्री ने भारत की प्राचीन और गौरवशाली संस्कृति का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा कि यह प्रोजेक्ट भारत की प्राचीन संस्कृति को जोड़ने का काम कर रहा है। इस केंद्र में नर सेवा, नारायण सेवा की भावना झलकती है। उन्होंने उपस्थित सभी लोगों से इस पुनीत कार्य में शामिल होने और समाज को बेहतर बनाने का आग्रह किया। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने आदिम जाति कल्याण केन्द्र की चारदीवारी के निर्माण के लिए एस्टीमेट तैयार करने के आदेश दिए। उन्होंने कहा कि केंद्र की व्यवस्था को और बेहतर बनाने के लिए सरकार हर संभव सहयोग प्रदान करेगी।
इस्पात एवं ग्रामीण विकास राज्य मंत्री श्री फग्गन सिंह कुलस्ते अध्यक्ष आदिम जाति कल्याण केंद्र श्री मनोहर लाल साहू सचिव श्री दिग्विजय सिंह महाधिवक्ता श्री प्रशांत सिंह सीईओ एसईसीएल श्री प्रदीप कुमार नि:शक्तता कल्याण आयुक्त श्री संदीप रजक प्रतिनिधि सदस्यों सहित जनप्रतिनिधि व केंद्र के मौजूद रहे। आदिम जाति कल्याण केंद्र की वार्षिक पत्रिका 'उपरान्त' का अतिथियों द्वारा विमोचन किया गया तथा श्री वेद प्रकाश, सेवानिवृत्त पूर्व आईएएस को शॉल-श्रीफल द्वारा आदिवासी कल्याण पर वृत्तचित्र बनाने और उनके उत्थान के लिए किए गए उल्लेखनीय कार्य के लिए सम्मानित किया गया। आदिवासी वर्ग।