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चांदी ने बनाया नया रिकॉर्ड: 1,29,720 रुपये प्रति किलो, जानें क्यों बढ़ रही है कीमत

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 चांदी की रिकॉर्ड तोड़ चमक: क्या है इसके पीछे का राज?

घरेलू बाजार में चांदी ने रचा इतिहास!-अरे वाह! क्या आपने सुना? हमारे अपने घरेलू फ्यूचर्स मार्केट में चांदी की कीमतों ने तो जैसे पंख लगा लिए हैं। मंगलवार को तो चांदी ने सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए, दिसंबर डिलीवरी वाली चांदी 291 रुपये की छलांग लगाकर 1,29,720 रुपये प्रति किलो के भाव पर पहुँच गई। यकीन मानिए, यह अब तक का सबसे ऊँचा स्तर है! और सिर्फ दिसंबर डिलीवरी ही नहीं, बल्कि मार्च 2026 वाली चांदी भी पीछे नहीं रही, वो भी 270 रुपये चढ़कर 1,31,135 रुपये प्रति किलो के पार निकल गई। बाज़ार के जानकारों की मानें तो आजकल निवेशक चांदी की ओर कुछ ज़्यादा ही आकर्षित हो रहे हैं। इसकी सबसे बड़ी वजह ये है कि लोग इसे एक ‘सुरक्षित निवेश’ का ज़रिया मानते हैं, खासकर ऐसे समय में जब देश-दुनिया की अर्थव्यवस्था और राजनीति दोनों ही थोड़ी अनिश्चित लग रही हों।

क्यों चढ़ रहे हैं चांदी के भाव? जानिए खास वजहें!-तो सवाल ये उठता है कि आखिर चांदी के दाम क्यों बढ़ रहे हैं? इसके पीछे कई मज़बूत कारण हैं। सबसे पहले तो, अमेरिका की फेडरल रिज़र्व से ये उम्मीद जताई जा रही है कि वो जल्द ही ब्याज दरों में कटौती कर सकते हैं। अगर ऐसा हुआ, तो निवेशकों को लगता है कि भविष्य में भी पैसे को लेकर थोड़ी ढील मिल सकती है। इसके अलावा, दुनिया भर में चल रहे भू-राजनीतिक तनाव और आर्थिक अनिश्चितता के माहौल में, लोग सोने-चांदी जैसी कीमती धातुओं को निवेश के लिए सबसे सुरक्षित मानते हैं। इसी वजह से, भारत के साथ-साथ दुनिया भर के बाज़ारों में भी चांदी की मांग लगातार बढ़ती जा रही है।

अंतरराष्ट्रीय बाज़ार में भी चांदी का जलवा!-सिर्फ भारत में ही नहीं, बल्कि विदेशों में भी चांदी का सिक्का खूब चल रहा है। दिसंबर डिलीवरी के लिए चांदी का भाव 0.32% बढ़कर 43.09 अमेरिकी डॉलर प्रति औंस तक पहुँच गया है। यह पिछले 14 सालों का सबसे ऊँचा स्तर है! ये दिखाता है कि दुनिया भर के निवेशक चांदी पर कितना भरोसा कर रहे हैं। खासकर जब दूसरे निवेश के रास्ते थोड़े जोखिम भरे लग रहे हों, तब चांदी जैसी धातुएं और भी ज़्यादा लुभावनी लगने लगती हैं।

फेडरल रिज़र्व के फैसलों पर टिकी हैं सबकी निगाहें!-बाज़ार के जानकार इस समय अमेरिका की फेडरल रिज़र्व की अगली नीतिगत बैठक का बड़ी बेसब्री से इंतज़ार कर रहे हैं। माना जा रहा है कि इस बैठक में ब्याज दरों को लेकर कोई बड़ा फैसला लिया जा सकता है। इसके अलावा, फेड की आने वाली तिमाही आर्थिक प्रोजेक्शन रिपोर्ट और उनके चेयरमैन जेरोम पॉवेल की प्रेस कॉन्फ्रेंस भी बाज़ार की दिशा तय करने में अहम भूमिका निभाएगी। राजनीतिक उथल-पुथल और कानूनी विवादों के बीच फेडरल रिज़र्व का कोई भी फैसला बाज़ार पर गहरा असर डाल सकता है।

निवेशकों के लिए चांदी बनी पहली पसंद, क्यों?-रिलायंस सिक्योरिटीज के सीनियर रिसर्च एनालिस्ट जिगर त्रिवेदी का कहना है कि इस समय सबकी नज़र अमेरिका के खुदरा बिक्री और औद्योगिक उत्पादन जैसे अहम आर्थिक आंकड़ों पर भी है। वहीं, बाज़ार के जानकारों का यह भी मानना है कि भू-राजनीतिक तनाव और आर्थिक अस्थिरता के इस दौर में, लोग सुरक्षित निवेश के विकल्प तलाश रहे हैं, और चांदी इसमें सबसे आगे निकल रही है। यही कारण है कि चांदी लगातार नए-नए रिकॉर्ड बनाती जा रही है।

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