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जनजातीय संस्कृति के संरक्षण के लिए विशेष प्रयास किये जाएंगे - मंत्री डॉ. शाह

विभागीय योजनाओं के डिलेवरी सिस्टम को करें मजबूत

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जनजातीय कार्य, लोक परिसम्पत्ति प्रबंधन तथा भोपाल गैस त्रासदी राहत एवं पुनर्वास मंत्री डॉ. कुंवर विजय शाह ने सोमवार को मंत्रालय में जनजातीय कार्य विभाग कीसंचालित योजनाओं और गतिविधियों की गहन समीक्षा की। मंत्री डॉ. शाह ने विभागीय योजनाओं के डिलेवरी सिस्टम को और अधिक प्रभावी और मजबूत बनाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि जनजातीय संस्कृति के संरक्षण के लिए विशेष प्रयास किए जाने चाहिए। प्रदेश के प्रत्येक जनजातीय विकासखंड में “जनजातीय संस्कृति संरक्षण केंद्र” स्थापित किए जाएंगे।  मंत्री डॉ. शाह ने कहा कि जनजातीय संस्कृति संरक्षण केंद्र में प्रदेश के सभी जनजातियों की देशज संस्कृति, पारम्परिक रहन-सहन, भाषा-बोली,खान-पान, आचार-विचार, पहनावा,लोकगीत और लोकनृत्य की जानकारी उपलब्ध कराई जाएगी। इस केन्द्र के जरिये शोधकर्ताओं को जनजातीय समुदाय के अतीत में हुए क्रमिक विकास से जुड़ी साहित्य सामग्री और आवश्यक होने पर प्रशिक्षण आदि भी दिया जा सकेगा। यहां जनजातियों की पारम्परिक व्यंजन विधि और सांस्कृतिक विविधताओं को भी संरक्षित करने के लिए विशेष प्रयास किए जाएंगे।

छात्रावास प्रबंधन को बनाया जायेगा सुदृढ़

मंत्री डॉ. शाह ने जनजातीय कार्य विभाग के अधीन सभी प्रकार की छात्रावासों के सुचारू संचालन के लिए छात्रावास अधीक्षकों का अलग से कैडर बनाने की मंशा व्यक्त की। उन्होंने बताया कि जल्द ही बड़ी संख्या में छात्रावास अधीक्षकों के नये कैडर के अनुसार सभी रिक्त एवं नये पदों पर भर्ती प्रक्रिया शुरू की जाएगी। जल्द ही विभाग के सभी छात्रावासों में स्थायी अधीक्षक होंगे। मंत्री डॉ. शाह ने समीक्षा के दौरान प्रधानमंत्री जनजातीय आदिवासी न्याय महाअभियान (पीएम जन-मन) की प्रगति पर संतोष व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि पीएम जन-मन में मध्यप्रदेश में देश के दूसरे प्रदेशों की तुलना में उल्लेखनीय कार्य हुए हैं। उन्होंने “धरती आबा जनजातीय ग्राम उत्कर्ष अभियान”के क्रियान्वयन की तैयारी पर भी चर्चा की। इस अभियान में प्रदेश के सभीजिलों में निवासरत जनजातीय समुदायों के 18 लाख 58 हजार परिवारों की 93 लाख 23 हजार से अधिक आबादी को लाभान्वित किया जायेगा।

मंत्री डॉ. शाह ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि सभी विभागीय योजनाओं और हितग्राहीमूलक गतिविधियों का क्रियान्वयन समयबद्ध और प्रभावी तरीके से सुनिश्चित किया जाएं। उन्होंने कहा कि जनजातीय समुदाय की समृद्ध संस्कृति को संरक्षित करने के लिए सरकार हर स्तर पर जरूरी कदम उठायेगी। बैठक में अपर मुख्य सचिव एवं संचालक, आदिम जाति शोध एवं विकास संस्थान (टीआरआई ) श्री विनोद कुमार, प्रमुख सचिव जनजातीय कार्य श्री गुलशन बामरा, उप सचिव सुश्री वंदना वैद्य, उप सचिव श्रीमती दिशा प्रणय नागवंशी, आयुक्त जनजातीय विकास श्री श्रीमन शुक्ल सहित अन्य सभी विभागीय अधिकारी उपस्थित रहे।

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