भव्य रामायण प्रतियोगिता के आयोजन से प्रदेश को मिली विश्व स्तर की पहचान….

राज्य के खाद्य एवं संस्कृति मंत्री श्री अमरजीत भगत ने राजधानी रायपुर के पंडित दीनदयाल उपाध्याय हॉल में आयोजित तीन दिवसीय राज्य स्तरीय रामायण एनसेंबल प्रतियोगिता का समापन करते हुए कहा कि आदिवासी नृत्य महोत्सव, कौशल्या महोत्सव, राष्ट्रीय रामायण महोत्सव, रामायण मंडली प्रतियोगिता एवं अन्य कार्यक्रम राज्य में आयोजित किए जाते हैं। यह हुआ इन सभी महान घटनाओं के लिए धन्यवाद, राज्य को विश्व स्तरीय मान्यता प्राप्त हुई। तीन दिवसीय राज्य स्तरीय रामायण एनसेंबल प्रतियोगिता में ज्ञान गंगा मानस परिवार बचेली एनसेंबल, दंतेवाड़ा जिला ने प्रथम, श्री राम सिया मानस पथिक कोडगांव-कुरुद, धमतरी जिला द्वितीय तथा देवकुमार मानस कुदरी-बलौदा एनसेंबल, जांजगीर-चांपा जिला ने स्थान प्राप्त किया. तीसरा स्थान ।
राज्य स्तरीय रामायण प्रतियोगिता के अंतिम दिन मंत्री श्री अमरजीत भगत ने विजेता रामायण कलाकारों को सम्मानित किया। उन्होंने प्रथम स्थान प्राप्त करने वाले समूह को रु. 5 लाख, द्वितीय स्थान प्राप्त करने वाले समूह को रु. 3 लाख तथा तृतीय स्थान प्राप्त करने वाले समूह को रु. 2 लाख का चेक, प्रमाण-पत्र और स्मरण-पत्र प्रदान किया। प्रतियोगिता में प्रदेश के सभी 33 जिलों के प्रतिभागियों ने भाग लिया। अंतिम दिन कांकेर, कोंडागांव, नारायणपुर, बस्तर, दंतेवाड़ा, सुकमा और बीजापुर जिले के प्रतिभागियों ने रामायण प्रतियोगिता की प्रस्तुति दी.

समारोह को संबोधित करते हुए मंत्री श्री अमरजीत भगत ने कहा कि प्रदेश के कोने-कोने में भगवान श्रीराम का वास है। मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल के अधीन संस्कृति विभाग कला, परंपरा और सभ्यता के संरक्षण के लिए महत्वपूर्ण कदम उठा रहा है। संस्कृति मंत्रालय द्वारा राज्य के कलाकारों को लगातार मंच प्रदान किया जाता है। विभाग का बजट भी दोगुना हो गया। इससे कलाकारों की आय में वृद्धि हुई। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ सहित पूरे विश्व में रामायण का आयोजन किया जाता है और मानस गान के माध्यम से पूजा की जाती है। छत्तीसगढ़ की संस्कृति में रामायण मानस मंडली का महत्वपूर्ण स्थान है। यह हमारी सांस्कृतिक विरासत है।

मंत्री श्री भगत ने कहा कि मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल के नेतृत्व में राज्य सरकार रामायण मानस मंडली के माध्यम से भगवान राम के आदर्शों और उनके जीवन मूल्यों को प्रदेश की जनता तक पहुंचाने का प्रयास कर रही है. उन्होंने कहा कि अपने काम, अपनी संस्कृति, अपनी बोली और अपने राज्य पर गर्व करना गर्व की बात है। छत्तीसगढ़ भगवान श्रीराम की जन्मभूमि है, छत्तीसगढ़ की संस्कृति को बढ़ावा देने के लिए राज्य सरकार लगातार काम कर रही है. मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल की पहल पर भगवान श्री राम द्वारा छत्तीसगढ़ में वनवास के दौरान की गई यात्रा से जुड़े स्थलों को संरक्षित करने के लिए राम वन गमन पर्यटक परिपथ योजना शुरू की गई. इस योजना के तहत सीतामढ़ी हर-चौका से दंडकारण्य तक कई स्थलों को चिन्हित कर विकसित किया जा रहा है।
कार्यक्रम में विधायक श्री सत्यनारायण शर्मा अध्यक्ष गौसेवा आयोग राजश्री डॉ. महंत रामसुंदर दास, छत्तीसगढ़ संस्कृत विद्यामंडलम अध्यक्ष डॉ. सुरेश शर्मा, संस्कृति विभाग के निदेशक विवेक आचार्य सहित विभिन्न जिलों के जनप्रतिनिधि और मानस मंडली कलाकार भी उपस्थित थे.