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परिसीमन विवाद: “अन्नामलाई को कुछ नहीं पता, असली फैसला पीएम-गृह मंत्री का” – शिवकुमार

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कर्नाटक के डिप्टी सीएम डीके शिवकुमार बोले – “तमिलनाडु के लिए नहीं, पार्टी के लिए वफादार हैं अन्नामलाई” कर्नाटक के डिप्टी मुख्यमंत्री डीके शिवकुमार ने रविवार को तमिलनाडु बीजेपी अध्यक्ष के अन्नामलाई की लोकसभा सीटों के परिसीमन को लेकर की गई टिप्पणी को ज्यादा अहमियत न देते हुए कहा कि इस मुद्दे पर असली मायने प्रधानमंत्री और गृह मंत्री के बयानों के हैं। “अन्नामलाई को कुछ पता नहीं, बस पार्टी के प्रति वफादारी दिखा रहे हैं” बेंगलुरु रवाना होने से पहले मीडिया से बातचीत में शिवकुमार ने अन्नामलाई पर तंज कसते हुए कहा, “बेचारे अन्नामलाई को कुछ पता नहीं। असल बात यह है कि इस मुद्दे पर क्या कह रहे हैं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह। अन्नामलाई सिर्फ अपनी पार्टी के प्रति वफादारी निभा रहे हैं, न कि अपने राज्य तमिलनाडु के प्रति।” शिवकुमार डीएमके अध्यक्ष और तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम के स्टालिन द्वारा शनिवार को आयोजित ‘न्यायपूर्ण परिसीमन’ बैठक में शामिल होने आए थे।

परिसीमन से दक्षिणी राज्यों को नुकसान? स्टालिन लगातार यह दावा कर रहे हैं कि जनसंख्या के आधार पर किया गया परिसीमन दक्षिण भारतीय राज्यों के लोकसभा सीटों की संख्या घटा सकता है। इस बैठक में यह मांग उठाई गई कि 1971 की जनगणना के आधार पर लोकसभा सीटों की संख्या को अगले 25 सालों तक स्थिर रखा जाए। इससे पहले गृह मंत्री अमित शाह ने कहा था कि प्रो-राटा आधार पर किया गया परिसीमन दक्षिणी राज्यों को प्रभावित नहीं करेगा। अन्नामलाई भी इसी बात को दोहराते रहे हैं और शनिवार को फिर यही कहा। स्टालिन ने 50 से ज्यादा दलों का लिया समर्थन शिवकुमार ने स्टालिन की पहल की तारीफ करते हुए कहा कि उन्होंने तमिलनाडु की 50 से अधिक राजनीतिक पार्टियों को विश्वास में लिया है और इस मुद्दे पर सभी को एक साथ लाने का अच्छा काम किया है।

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