इंदौर बीआरटीएस का सफर खत्म, अब मिक्स लेन में चलेगी पब्लिक ट्रांसपोर्ट

इंदौर बीआरटीएस: 11 साल का सफर, अब मिक्स लेन में दौड़ेंगी आई-बसें
इंदौर में एबी रोड पर टेंपो और छोटी बसों की भीड़ कम करने के लिए अटल इंदौर सिटी ट्रांसपोर्ट सर्विसेस लिमिटेड (AICTSL) ने 2013 में बीआरटीएस (आई-बस) सेवा शुरू की थी। शुरुआत में यह सेवा नौकरीपेशा लोगों और विद्यार्थियों के बीच खासा लोकप्रिय हो गई। पहले रोजाना 12 हजार यात्री इस बस सेवा का इस्तेमाल करते थे, लेकिन अब यह संख्या 55 हजार से ज्यादा हो गई है। शुरुआत में डीजल बसें चलाई गई थीं, लेकिन अब यह सेवा ईवी (इलेक्ट्रिक) आई-बस तक पहुंच चुकी है। फिलहाल, 59 बसें रोजाना 800 से ज्यादा फेरे लगा रही हैं।
अब ईवी और सीएनजी बसों का संचालन
वर्तमान में बीआरटीएस पर 30 ईवी बसें और 29 सीएनजी बसें दौड़ रही हैं। हर बस रोजाना 14-15 फेरे लगा रही है। जब 2013 में बीआरटीएस सेवा शुरू हुई थी, तब सबसे बड़ी चुनौती राजस्व की थी, क्योंकि देश के ज्यादातर बीआरटीएस प्रोजेक्ट को केंद्र सरकार की आर्थिक मदद मिलती थी, लेकिन इंदौर का बीआरटीएस पूरी तरह से खुद की कमाई से चल रहा था।
इंदौर बीआरटीएस को देखने आए थे विदेशी विशेषज्ञ
इंदौर बीआरटीएस की सफलता को देखने और समझने के लिए न सिर्फ भारत के अन्य शहरों बल्कि यूके, अमेरिका, स्पेन, ब्राजील, जर्मनी, यूक्रेन और तुर्की जैसे देशों के प्रतिनिधि भी आए थे। AICTSL को हर महीने टिकट से करीब 2.40 करोड़ रुपये और विज्ञापनों से सालाना 12 करोड़ रुपये की कमाई होती है। यह विज्ञापन बसों, स्टॉप, रेलिंग आदि पर लगाए जाते हैं।
डीजल से इलेक्ट्रिक तक का सफर
जब 2013 में बीआरटीएस की शुरुआत हुई थी, तब डीजल बसें चलाई गई थीं। कुछ साल बाद इन्हें हटाकर सीएनजी बसें चलाई गईं। और फिर पिछले साल 30 सीएनजी बसों को हटाकर 30 ईवी बसें शामिल की गईं। AICTSL की योजना थी कि 2024 तक बीआरटीएस को पूरी तरह ग्रीन कॉरिडोर बना दिया जाएगा, जिससे यह साफ-सुथरी और पर्यावरण के अनुकूल बस सेवा बन सके।
कम हो गया बीआरटीएस का दायरा
शुरुआत में बीआरटीएस 11.45 किमी लंबा था, लेकिन अब यह 10.9 किमी का ही रह गया है। फ्लाईओवर निर्माण के चलते कुछ महीने पहले देवास नाका और उत्सव चौराहा बस स्टॉप बंद कर दिए गए थे। वर्तमान में आई-बस सेवा राजीव गांधी चौराहे से स्कीम-78 तक ही संचालित हो रही है।
अब मिक्स लेन में दौड़ेंगी आई-बसें, सफर में लगेगा ज्यादा समय
हाईकोर्ट के आदेश के बाद बीआरटीएस कॉरिडोर हटाने की प्रक्रिया शुरू हो गई है। वर्तमान में बीआरटीएस कॉरिडोर में बसों को 40 मिनट का समय लगता है, लेकिन मिक्स लेन में चलने पर यह समय 15 मिनट और बढ़ जाएगा। इसके अलावा, सड़क किनारे नए बस स्टॉप भी बनाने होंगे, ताकि यात्रियों को ज्यादा परेशानी न हो।
बीआरटीएस से जुड़ी खास बातें
✔ 11.45 किमी लंबा था, अब 10.9 किमी का रह गया है
✔ 59 बसें रोजाना चलती हैं
✔ 20 स्टॉप पर बसें रुकती हैं
✔ हर बस रोजाना 14-15 फेरे लगाती है
✔ हर बस से रोजाना 14-15 हजार रुपये की कमाई होती है
✔ हर 3 मिनट में एक बस स्टॉप पर आती है
क्या बदलेगा बीआरटीएस में?
बीआरटीएस को मिक्स लेन में शिफ्ट करने से यात्रा का समय बढ़ेगा, लेकिन यात्रियों को नए स्टॉप और ज्यादा सुविधाएं मिलेंगी। अब देखना होगा कि यह बदलाव यात्रियों को कितना पसंद आता है।