Politics

कोयला कंपनियों को सरकार की शह? विपक्ष ने ग्रीन सेस बकाया पर उठाए सवाल

49 / 100

गोवा : गोवा सरकार पर विपक्ष का आरोप – बड़े उद्योगों से ग्रीन सेस वसूली में लापरवाही गोवा विधानसभा के शीतकालीन सत्र में शुक्रवार को विपक्षी दलों ने मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत सरकार से कोयला हैंडलिंग कंपनियों से करोड़ों रुपये के ग्रीन सेस बकाया को लेकर सवाल किया। विपक्ष ने आरोप लगाया कि सरकार छोटे उद्योगों से तो ग्रीन सेस वसूल रही है, लेकिन बड़े उद्योगों को छोड़ दिया गया है। बड़े उद्योगों को राहत, छोटे कारोबारों पर दबाव? विपक्ष के नेता यूरी एलेमाओ ने सदन में कहा कि गोवा सरकार ने गोवा सेस ऑन प्रोडक्ट्स एंड सब्सटेंसेज कॉजिंग पॉल्यूशन (ग्रीन सेस) एक्ट, 2013 के तहत तय राजस्व की वसूली नहीं की है। इस मुद्दे पर आम आदमी पार्टी (AAP) के विधायक वेंज़ी विएगास और कांग्रेस विधायक एल्टोन डी’कोस्टा ने भी सवाल उठाया। एलेमाओ ने कहा कि सरकार पेट्रोकेमिकल कंपनियों से ग्रीन सेस तो वसूल रही है, लेकिन कोयला हैंडलिंग कंपनियों से बकाया नहीं ले रही। उन्होंने इसे “बड़ा घोटाला” करार देते हुए आरोप लगाया कि सरकार बिना मूल दस्तावेजों की जांच किए, कंपनियों द्वारा दिए गए आयात के आंकड़ों के आधार पर ही सेस वसूल रही है।

352 करोड़ के बकाया में से सिर्फ 194 करोड़ की वसूली एलेमाओ ने बताया कि कुल 352 करोड़ रुपये के ग्रीन सेस बकाए में से अब तक सिर्फ 194 करोड़ रुपये ही वसूले गए हैं। इनमें से सिर्फ 47 करोड़ रुपये कोयला और कोक कंपनियों ने चुकाए हैं, जबकि बाकी रकम पेट्रोकेमिकल कंपनियों ने दी है। ग्रीन सेस का सही उपयोग हो – AAP विधायक AAP विधायक वेंज़ी विएगास ने कहा कि ग्रीन सेस से मिलने वाली राशि का उपयोग प्रदूषण कम करने के लिए किया जाना चाहिए, जिससे पर्यावरण को लाभ मिले। मुख्यमंत्री का जवाब – मामला सुप्रीम कोर्ट में लंबित मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत ने सदन में जवाब देते हुए कहा कि ग्रीन सेस का मामला सुप्रीम कोर्ट में विचाराधीन है। उन्होंने बताया कि अब तक 50% यानी 237 करोड़ रुपये की वसूली हो चुकी है, जबकि 114 करोड़ रुपये अभी बकाया हैं। सरकार पूरी कोशिश करेगी कि सभी बकाया राशि कंपनियों से वसूली जाए।

Show More

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button