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ब्रिक्स देशों पर अमेरिकी सख्ती: सस्ते रूसी तेल पर बैन लगाने की धमकी, भारत पर भी नजर

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अमेरिका की चेतावनी: रूस से सस्ता तेल खरीदना बंद करें या भुगतें परिणाम!-अमेरिकी सीनेटर लिंडसे ग्राहम ने भारत, चीन और ब्राज़ील को रूस से सस्ता तेल खरीदना बंद करने की चेतावनी दी है। उनका कहना है कि इससे रूस को युद्ध जारी रखने में मदद मिल रही है और ये ‘खूनी पैसा’ है।

कठोर आर्थिक प्रतिबंधों की धमकी-ग्राहम ने कहा है कि अगर ये देश रूस से तेल खरीदना जारी रखते हैं, तो अमेरिका उन पर भारी टैरिफ लगाएगा जिससे उनकी अर्थव्यवस्थाएँ प्रभावित होंगी। उनका मानना है कि इससे रूस को मिलने वाला आर्थिक समर्थन खत्म होगा और युद्ध खत्म करने में मदद मिलेगी।

 ट्रम्प का भी समर्थन-पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने भी इस बात का समर्थन किया है और कहा है कि अगर पुतिन 50 दिनों में युद्ध नहीं रोकते, तो रूस से तेल खरीदने वाले देशों पर 100% टैरिफ लगाया जाएगा।

 भारत पर संभावित प्रभाव-ग्राहम के प्रस्तावित कानून के मुताबिक, रूस से तेल खरीदने वाले देशों पर 500% तक टैरिफ लगाया जा सकता है। चूँकि भारत रूस से सबसे ज़्यादा तेल खरीदता है, इसलिए यह सीधे तौर पर प्रभावित हो सकता है।

 भारत का पक्ष-भारत का कहना है कि रूस से तेल खरीदना उसकी ऊर्जा सुरक्षा और आर्थिक संतुलन के लिए ज़रूरी है। विदेश मंत्री एस जयशंकर ने इस मुद्दे पर सीनेटर ग्राहम से बात भी की है। भारत अपनी ऊर्जा नीति को राष्ट्रीय ज़रूरतों और वैश्विक कूटनीति के बीच संतुलन के रूप में देखता है।

 बढ़ता तेल आयात-रूस-यूक्रेन युद्ध के बाद से भारत ने रूस से तेल की खरीद में काफी इज़ाफ़ा किया है। 2023 में भारत के कुल तेल आयात का 35% रूस से आया। इससे घरेलू ईंधन की कीमतें नियंत्रण में रहीं और वैश्विक बाज़ार में भी तेल के दामों को संतुलन मिला।

 दबाव के बीच संतुलन-पश्चिमी देशों के दबाव के बावजूद, भारत का कहना है कि उसकी प्राथमिकता अपने नागरिकों को सस्ती ऊर्जा देना है। वह कूटनीतिक संतुलन बनाए रखने की कोशिश कर रहा है, लेकिन अमेरिका की सख्ती से यह रणनीति और चुनौतीपूर्ण हो सकती है।

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