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अलास्का में ट्रंप-पुतिन की आमने-सामने मुलाकात: रूस-यूक्रेन युद्ध पर बड़ी उम्मीदें

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 सात साल का इंतज़ार खत्म: अलास्का में ट्रंप-पुतिन की ऐतिहासिक जंग-ए-अमन बैठक!-15 अगस्त 2025 का दिन इतिहास के पन्नों में दर्ज होने वाला है, क्योंकि इस दिन अलास्का के एलमेनडॉर्फ-रिचर्डसन सैन्य अड्डे पर अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन पूरे सात साल बाद एक-दूसरे से मिल रहे हैं। इस मुलाकात का सबसे बड़ा मकसद है अक्टूबर 2022 से चले आ रहे रूस-यूक्रेन युद्ध को हमेशा के लिए खत्म करने की दिशा में ठोस कदम उठाना। यह बैठक इतनी गोपनीय और महत्वपूर्ण है कि पुतिन की टीम ने तो मीटिंग में इस्तेमाल होने वाली पानी की बोतल तक को सील कर दिया है। आखिरी बार ये दोनों नेता 2018 में हेलसिंकी में मिले थे, लेकिन इस बार की परिस्थिति कहीं ज्यादा गंभीर और नाजुक है।

 सुरक्षा का अभेद्य किला: दोहरी सुरक्षा व्यवस्था-इस हाई-प्रोफाइल मीटिंग को अमेरिकी सुरक्षा एजेंसियां ‘रेड ज़ोन प्रोटोकॉल’ के तहत मैनेज कर रही हैं। बैठक स्थल के चारों ओर 300 किलोमीटर के दायरे में नो-फ्लाई ज़ोन घोषित किया गया है, यानी इस इलाके में किसी भी विमान को उड़ने की इजाजत नहीं है। सुरक्षा की दो लेयर बनाई गई हैं: पहली लेयर में अमेरिकी सैन्य पुलिस और नेशनल गार्ड तैनात हैं, जबकि दूसरी लेयर में सीक्रेट सर्विस की स्पेशल काउंटर असॉल्ट टीम और अन्य स्पेशल फोर्सेज को लगाया गया है। पूरे अलास्का को एक तरह से छावनी में तब्दील कर दिया गया है, जहाँ करीब 32,000 अमेरिकी सैनिक पहरा दे रहे हैं। किसी भी तरह के साइबर हमले से बचने के लिए बेस के पूरे नेटवर्क को ऑफलाइन रखा गया है, यानी इंटरनेट से पूरी तरह से कटा हुआ है, ताकि कोई भी हैकर सेंध न लगा सके।

 पुतिन की शाही सवारी और रूस का अपना सुरक्षा घेरा-अमेरिका की तरफ से जहाँ सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए हैं, वहीं रूस ने भी अपने राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की सुरक्षा में कोई कोर-कसर नहीं छोड़ी है। पुतिन के साथ उनकी अपनी खास सुरक्षा यूनिट, फेडरल प्रोटेक्टिव सर्विस (FSO) मौजूद है, जो हमेशा उनके साथ रहती है और उनकी सुरक्षा की जिम्मेदारी संभालती है। अलास्का पहुँचने से पहले ही पुतिन की बुलेटप्रूफ और बम-प्रूफ फीचर्स से लैस आर्मर्ड लिमोजीन ‘ऑरस सेनट’ को एक खास रूसी कार्गो विमान से सैन्य अड्डे पर पहुंचा दिया गया था। यह दिखाता है कि रूस भी अपनी तरफ से सुरक्षा को लेकर पूरी तरह से मुस्तैद है।

 एलमेनडॉर्फ-रिचर्डसन बेस: एक रणनीतिक ठिकाना-अलास्का का एलमेनडॉर्फ-रिचर्डसन सैन्य अड्डा इस बैठक के लिए सिर्फ भौगोलिक रूप से ही नहीं, बल्कि रणनीतिक तौर पर भी बेहद खास है। आपको बता दें कि कभी अलास्का रूस का ही हिस्सा हुआ करता था, जिसे बाद में अमेरिका ने खरीद लिया था। आज यह अमेरिका के सबसे सुरक्षित सैन्य अड्डों में से एक है और यहाँ अमेरिकी वायुसेना, सेना, मरीन कॉर्प्स और रिजर्व फोर्स का मजबूत बेस है। यह अड्डा अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कई महत्वपूर्ण और संवेदनशील ऑपरेशनों का केंद्र भी रहा है, जो इसे एक रणनीतिक रूप से अहम स्थान बनाता है।

 पुतिन की गिरफ्तारी का सवाल ही नहीं उठता: कानूनी पहलू-इस बैठक के लिए अलास्का को चुनने का एक बड़ा कारण इसकी रूस से नजदीकी है, यह सीमा से महज़ 5 किलोमीटर दूर है। लेकिन सबसे अहम बात यह है कि 2023 में अंतर्राष्ट्रीय आपराधिक न्यायालय (ICC) ने यूक्रेन युद्ध से जुड़े अपराधों के लिए पुतिन के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किया था। हालांकि, अमेरिका और रूस दोनों ही आईसीसी के सदस्य देश नहीं हैं। इसलिए, अलास्का में पुतिन की गिरफ्तारी का कोई कानूनी आधार या खतरा नहीं है। यही वजह है कि अलास्का को इस ऐतिहासिक बैठक के लिए एक सुरक्षित और रणनीतिक रूप से सही जगह माना गया है।

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