International

ट्रम्प का नया गोल्ड कार्ड प्रोग्राम: अमेरिका में टैलेंट को रोकने का बड़ा कदम

40 / 100 SEO Score

ट्रम्प का गोल्ड कार्ड प्रोग्राम: क्या है और क्यों बना चर्चा का विषय?- अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने हाल ही में व्हाइट हाउस में अपने नए इमिग्रेशन प्रोग्राम ‘ट्रम्प गोल्ड कार्ड’ की शुरुआत की है। यह योजना खासतौर पर उन टैलेंटेड छात्रों के लिए है जो हार्वर्ड, MIT, व्हार्टन जैसे टॉप यूनिवर्सिटीज़ से पढ़ाई करके अमेरिका में रहना चाहते हैं। ट्रम्प का कहना है कि मौजूदा नियम इतने सख्त हैं कि पढ़ाई खत्म होते ही छात्रों को वापस अपने देश लौटना पड़ता है, जिससे अमेरिकी कंपनियों को भी अच्छे टैलेंट को नौकरी देने में दिक्कत होती है। इस नए प्रोग्राम के तहत कंपनियां गोल्ड कार्ड खरीदकर विदेशी छात्रों को अमेरिका में रहने का अधिकार दे सकेंगी, जिससे अमेरिका को आर्थिक रूप से भी फायदा होगा।

गोल्ड कार्ड क्यों है ग्रीन कार्ड से बेहतर? ट्रम्प की सोच- ट्रम्प का दावा है कि गोल्ड कार्ड ग्रीन कार्ड से ज्यादा आसान और फायदेमंद है। वे कहते हैं कि कई प्रतिभाशाली छात्र पढ़ाई पूरी करने के बाद सिर्फ कागजी नियमों की वजह से अपने देश लौट जाते हैं, जो अमेरिका के लिए नुकसानदेह है। ट्रम्प इसे एक तरह का “गिफ्ट” मानते हैं जो छात्रों को स्थायी रूप से अमेरिका में रहने का मौका देता है। यह प्रोग्राम कंपनियों को भी विदेशी टैलेंट को सीधे रखने की आज़ादी देता है, जिससे नौकरी मिलने की अनिश्चितता कम हो जाती है। उनका मानना है कि यह नीति अमेरिका को भविष्य में ग्लोबल टैलेंट हब बनाने में मदद करेगी।

ट्रम्प गोल्ड कार्ड कैसे काम करेगा? जानिए पूरी प्रक्रिया- गोल्ड कार्ड प्रोग्राम में व्यक्ति और कंपनियां दोनों शामिल हो सकते हैं। अगर कोई व्यक्ति खुद आवेदन करना चाहता है, तो उसे लगभग 1 मिलियन डॉलर (करीब ₹8.3 करोड़) का भुगतान करना होगा। वहीं कंपनियों को अपने पसंदीदा कर्मचारी के लिए 2 मिलियन डॉलर (करीब ₹16.6 करोड़) खर्च करने होंगे। इसके अलावा आवेदन प्रक्रिया में 15,000 डॉलर की वेटिंग फीस भी लगेगी, जिसमें सबसे सख्त बैकग्राउंड चेक शामिल हैं। यह प्रोग्राम उन लोगों के लिए है जो आर्थिक रूप से सक्षम हैं और जिनका रिकॉर्ड साफ है, क्योंकि यह एक महंगा लेकिन तेज़ तरीका है अमेरिकी नागरिकता पाने का।

5 साल में अमेरिकी नागरिकता का रास्ता खुल सकता है- अमेरिकी वाणिज्य सचिव हॉवर्ड लुटनिक के अनुसार, गोल्ड कार्ड धारक को “परफेक्ट व्यक्ति” माना जाएगा, यानी कोई आपराधिक रिकॉर्ड या सुरक्षा खतरा नहीं होगा। यदि आवेदक सभी शर्तें पूरी करता है, तो वह सिर्फ 5 साल बाद अमेरिकी नागरिकता के लिए योग्य हो जाएगा। कंपनियों को यह सुविधा होगी कि वे एक कार्ड के जरिए केवल एक कर्मचारी को अमेरिका में रख सकें। व्यक्तिगत आवेदक सीधे 1 मिलियन डॉलर देकर इस प्रीमियम रूट से नागरिकता की दिशा में कदम बढ़ा सकते हैं। ट्रम्प प्रशासन इसे अमेरिका के भविष्य में एक बड़ा निवेश मानता है।

गोल्ड कार्ड: ट्रम्प की नई इमिग्रेशन नीति का संकेत- गोल्ड कार्ड प्रोग्राम इसलिए चर्चा में है क्योंकि यह आर्थिक रूप से सक्षम और उच्च योग्यता वाले लोगों के लिए नागरिकता का तेज़ और आसान रास्ता खोलता है। यह कंपनियों को विदेशी टैलेंट खरीदने की ताकत देता है, जो अमेरिकी उद्योगों और इनोवेशन को मजबूत करेगा। विशेषज्ञ इसे ट्रम्प की नई इमिग्रेशन नीति का संकेत मानते हैं, जिसमें सामान्य वीज़ा की जटिलताओं को कम करके प्रतिभाशाली और संपन्न आवेदकों को प्राथमिकता दी जा रही है। यह कदम अमेरिका को ग्लोबल टैलेंट मैगनेट बनाने की दिशा में एक बड़ा बदलाव माना जा रहा है।

 

Show More

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button