मुख्यमंत्री श्री बघेल के नेतृत्व में छत्तीसगढ़ सरकार,गांवों में आजीविका के अवसर, महिला सशक्तिकरण को बढ़ावा….
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मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल के नेतृत्व में राज्य सरकार महात्मा गांधी के ग्राम स्वराज के सपने को साकार करने में लगी हुई है। छत्तीसगढ़ में जहां सरकार की योजनाओं से किसानों को उनकी फसल का उचित मूल्य मिल रहा है, वहीं गौठान और ग्रामीण औद्योगिक पार्कों के माध्यम से गांवों में आजीविका के अवसर भी सृजित हो रहे हैं. गांवों में पशुधन के लिए गौठान में तैयार हो रहे ग्रामीण औद्योगिक पार्क से ग्रामीण उद्यमिता को बढ़ावा मिला है। प्रदेश में 300 रीपा संचालित हो रहे हैं। जिससे महिलाएं सशक्त हो रही हैं। गौठानों में तैयार उत्पादों की बिक्री के लिए जिला मुख्यालयों एवं संभागीय मुख्यालयों पर सी-मार्ट भी खुल चुके हैं, जिससे इन उत्पादों को बड़ा बाजार मिल गया है.
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रीपा से महिला समूहों के साथ-साथ युवाओं को भी रोजगार मिल रहा है
ग्रामीण औद्योगिक पार्क के एक तरफ जहां महिला समूहों को जोड़ा जा रहा है। तो वहीं दूसरी तरफ ऐसे युवा भी हैं जो अपना बिजनेस शुरू करना चाहते हैं और उनके पास पर्याप्त जगह नहीं है. गौठानों में बने इन औद्योगिक पार्कों में उन्हें काम करने की जगह मिल रही है। प्रथम चरण में रायगढ़ जिले के 7 विकासखण्डों में 2-2 रीपा तैयार किये जा रहे हैं। गौठानों में समूहों द्वारा वर्मी कम्पोस्ट निर्माण, सामुदायिक फार्म, मछली पालन, मुर्गी पालन, बकरी पालन जैसे कार्य संचालित किये जा रहे हैं. फेब्रिकेशन, सिलाई यूनिट, एल्युमिनियम फेब्रिकेशन, मशरूम उत्पादन के साथ-साथ तेल, आटा, मिनी राइस मिल, गोबर पेंट निर्माण, गोबर के बर्तन, दीये आदि भी तैयार किए जा रहे हैं। इससे जुड़े लोगों को प्रशिक्षण भी दिया जा रहा है और विभिन्न योजनाओं के माध्यम से ऋण भी उपलब्ध कराया जा रहा है। इनमें से कई गतिविधियां स्थानीय स्तर के युवा कर रहे हैं। रीपा का उद्देश्य ग्रामीण उद्यमिता को बढ़ावा देना है, ताकि लोग आत्मनिर्भर बनें और स्थानीय स्तर पर आजीविका के अधिक से अधिक अवसर प्राप्त करें।
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सी-मार्ट में उत्पाद बेचे जा रहे हैं
गौठान व रीपा में तैयार उत्पादों को सी-मार्ट के माध्यम से बेचा जा रहा है। यहां धर्मजयगढ़ में तैयार सवाई घास के उत्पाद, लालूंगा से बने मिट्टी के बर्तन, घरघोड़ा में तैयार लाख उत्पाद के साथ ही स्थानीय स्तर पर तैयार अचार, पापड़, बड़ी जैसे घरेलू उत्पाद बेचे जाते हैं। सी-मार्ट के माध्यम से गौठानों के उत्पादों के लिए बाजार भी तैयार किया गया है। होली के दौरान गौठानों में विशेष रूप से हर्बल गुलाल तैयार किया जाता था, जिसकी काफी डिमांड रहती थी।
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