राम पथ पर सड़क धंसने और जलभराव के बाद यूपी सरकार ने छह अधिकारियों को निलंबित किया
उत्तर प्रदेश सरकार ने अयोध्या में नवनिर्मित राम पथ के कई हिस्सों पर सड़क धंसने और जलभराव के मद्देनजर घोर लापरवाही के लिए छह नागरिक एजेंसी के अधिकारियों को निलंबित कर दिया है।
23 जून और 25 जून को हुई बारिश के बाद राम पथ के साथ लगभग 15 स्थानों और गलियों में पानी भर गया। यहां तक कि सड़क के किनारे बने घर भी पानी में डूब गए।
14 किलोमीटर लंबे सड़क खंड के हिस्से भी एक दर्जन से अधिक स्थानों पर ढह गए।
निलंबित अधिकारियों में लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) के ध्रुव अग्रवाल (अधिशासी अभियंता), अनुज देशवाल (सहायक अभियंता) और प्रभात पांडे (जूनियर इंजीनियर) और उत्तर प्रदेश जल निगम के आनंद कुमार दुबे (अधिशासी अभियंता), राजेंद्र कुमार यादव (सहायक अभियंता) और मोहम्मद शाहिद (जूनियर इंजीनियर) शामिल हैं।
अग्रवाल और देशवाल को शुक्रवार को विशेष सचिव विनोद कुमार के आदेश पर निलंबित किया गया। पांडे का निलंबन आदेश पीडब्ल्यूडी के मुख्य अभियंता (विकास) वीके श्रीवास्तव ने जारी किया।
उत्तर प्रदेश जल निगम के महानिदेशक राकेश कुमार मिश्रा ने तीनों इंजीनियरों को निलंबित करने के आदेश जारी किए हैं।
राज्य सरकार ने इस मामले में अहमदाबाद स्थित ठेकेदार भुवन इंफ्राकॉम प्राइवेट लिमिटेड को भी नोटिस जारी किया है।
पीडब्ल्यूडी कार्यालय के आदेश में कहा गया है कि राम पथ की ऊपरी परत निर्माण के तुरंत बाद क्षतिग्रस्त हो गई, जो उत्तर प्रदेश सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता के तहत किए गए कार्य में ढिलाई को दर्शाता है और आम लोगों के बीच राज्य की छवि को खराब करता है।
पीडब्ल्यूडी के प्रमुख सचिव अजय चौहान ने कहा कि आगे की जांच चल रही है।