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हरियाली से आर्थिक रूप से सशक्त हुए ग्रामीण – तेंदूपत्ता संग्रहण : पौधे वितरण योजना

तेंदूपत्ता संग्रहण से 76 हजार 105 परिवारों को मिला 63 करोड़ 87 लाख रुपए से अधिक का लाभ कृषकों ने 710 एकड़ भूमि पर लगाए 4 लाख 48 हजार 220 पौधे, मिला आय का नया स्रोत वन विभाग की योजनाओं ने बदली ग्रामीणों की जीवनशैली

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रायपुर, 20 नवंबर 2025।
हरियाली न केवल पर्यावरण के लिए, बल्कि ग्रामीण अर्थव्यवस्था और जीवनशैली के लिए भी कितनी महत्वपूर्ण है, इसका उत्कृष्ट उदाहरण बीते दो वर्षों में मोहला-मानपुर-अम्बागढ़ चौकी जिले में देखने को मिला है। वर्ष 2024 और 2025 वन विभाग एवं ग्रामीण समुदाय के लिए विकास, पर्यावरण संरक्षण और सामाजिक सशक्तिकरण की दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण रहे हैं। विभिन्न योजनाओं ने यहां के ग्रामीण अंचलों में खुशहाली, रोजगार और आत्मनिर्भरता के नए द्वार खोले हैं।


किसानों को वृक्षारोपण से अतिरिक्त आय का अवसर

किसान वृक्ष मित्र योजना के अंतर्गत जिले के 642 कृषकों ने अपनी 710 एकड़ राजस्व भूमि पर कुल 4 लाख 48 हजार 220 पौधों का रोपण किया। इस पहल ने किसानों को अतिरिक्त आय का मजबूत स्रोत उपलब्ध कराया और खेतों में हरियाली का व्यापक विस्तार किया।
इसी तरह “एक पेड़ मां के नाम” पहल के तहत मातृत्व के सम्मान में 1 लाख 55 हजार 44 पौधों का वितरण किया गया। इस अभियान ने पर्यावरण संरक्षण को सामाजिक भावनाओं से जोड़ते हुए एक अनूठा संदेश दिया।


तेंदूपत्ता संग्रहण से ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूती

ग्राम स्तरीय वन प्रबंधन समितियों को मजबूत बनाने हेतु विदोहन से प्राप्त लाभांश का 20 प्रतिशत—38 लाख 59 हजार 100 रुपए—34 समितियों को विकास कार्यों के लिए प्रदान किया गया।

तेंदूपत्ता संग्रहण क्षेत्र में इस वर्ष 76 हजार 105 संग्राहक परिवारों ने अपनी मेहनत से 1 लाख 16 हजार 133 मानक बोरे तेंदूपत्ता एकत्र किया। इसके बदले उन्हें 63 करोड़ 87 लाख 31 हजार 500 रुपए का भुगतान किया गया। यह न केवल उनकी आजीविका का प्रमुख आधार बना, बल्कि स्थानीय अर्थव्यवस्था को भी अत्यंत सुदृढ़ बनाया।


लघु धान्य संग्रहण से आदिवासी समुदाय की आय में बढ़ोतरी

कोदो, कुटकी और रागी जैसे लघु धान्यों के संग्रहण में 502 संग्राहकों को 3 हजार 41 क्विंटल उपज के एवज में 97 लाख रुपए का भुगतान किया गया। इससे पारंपरिक फसलें पुनर्जीवित हुईं और आदिवासी समुदाय के आर्थिक स्तर में उल्लेखनीय सुधार आया।


महिलाओं का सशक्तिकरण: 38 हजार 94 महिलाओं को चरण पादुका वितरण

वन विभाग ने महिलाओं की सुरक्षा और स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए वर्ष 2025 में 38 हजार 94 महिलाओं को चरण पादुका वितरित कीं। यह पहल जंगलों में काम करने वाली महिलाओं की सुविधा और सुरक्षित आवागमन सुनिश्चित करने में मील का पत्थर साबित हुई।


वनवासी बच्चों को शिक्षा के नए अवसर

राजमोहनी देवी तेंदूपत्ता संग्राहक योजना एवं सामुदायिक सुरक्षा योजना के तहत 574 संग्राहकों को 5 करोड़ 21 लाख 72 हजार रुपए की राशि प्रदान की गई, जो वनवासियों के लिए सामाजिक सुरक्षा कवच का कार्य कर रही है।
शिक्षा के क्षेत्र में भी वन विभाग ने सराहनीय कदम उठाते हुए 484 छात्र-छात्राओं को 58 लाख 33 हजार 500 रुपए की छात्रवृत्ति प्रदान की, जिससे अनेक वनवासी बच्चों के सपनों को उड़ान मिली।


पहुँचहीन गांवों के लिए सड़क निर्माण, बढ़ी आर्थिक गतिविधियाँ

वामपंथी उग्रवाद प्रभावित (LWE) क्षेत्रों में पहुंचविहीन गांवों को मुख्यधारा से जोड़ने के लिए 4 रपटा, 4 पुलिया और 3 सीसी रोड का निर्माण किया गया। इससे ग्रामीण क्षेत्रों में आवागमन सुगम हुआ और आर्थिक गतिविधियों को नई गति मिली।

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