दिल्ली का अगला मुख्यमंत्री कौन?, प्रवेश वर्मा ने किया खुलासा
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दिल्ली चुनाव परिणाम 2025: BJP की जीत के बाद CM चेहरे पर सबकी निगाहें दिल्ली विधानसभा चुनाव 2025 के नतीजों की गिनती जारी है, जहां शुरुआती रुझान BJP के पक्ष में जाते दिख रहे हैं। 70 विधानसभा सीटों पर हो रही मतगणना में BJP ने निर्णायक बढ़त हासिल कर ली है और अब पार्टी की जीत तय मानी जा रही है। इस बीच, सभी की नजरें इस बात पर टिकी हैं कि दिल्ली का अगला मुख्यमंत्री कौन होगा। इसी मुद्दे पर नई दिल्ली सीट से विजयी BJP प्रत्याशी प्रवेश वर्मा ने अपनी प्रतिक्रिया दी है। CM चेहरे पर प्रवेश वर्मा का बयान नई दिल्ली सीट से जीत दर्ज करने के बाद प्रवेश वर्मा ने कहा, “हमारी पार्टी में विधायक दल मुख्यमंत्री का चेहरा तय करता है, जिसे फिर पार्टी नेतृत्व की मंजूरी मिलती है। जो भी फैसला होगा, वह सभी के लिए स्वीकार्य होगा।” उन्होंने इस जीत के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, दिल्ली के मतदाताओं और पार्टी के मेहनती कार्यकर्ताओं का धन्यवाद किया।
उन्होंने आगे कहा, “यह जीत असल में जनता का BJP पर भरोसा दिखाती है। हमारी सरकार की प्राथमिकता महिलाओं को ₹2500 की आर्थिक सहायता देना, भ्रष्टाचार के खिलाफ SIT का गठन करना, यमुना रिवरफ्रंट विकसित करना, प्रदूषण और ट्रैफिक जाम जैसी समस्याओं को दूर करना होगा। हम दिल्ली को एक ऐसी राजधानी बनाएंगे, जिस पर हर नागरिक को गर्व होगा।” प्रवेश वर्मा की जीत पर जश्न नई दिल्ली सीट पर प्रवेश वर्मा की जीत के बाद समर्थकों में जबरदस्त उत्साह है। वाल्मीकि समाज के लोगों ने अपनी खुशी का इज़हार अनोखे अंदाज में किया और जीत का श्रेय अपने समाज को दिया। “हमारी आबादी यहां 60-70% है, और हमने पूरी तरह से प्रवेश वर्मा को वोट दिया है। इससे हमारा समाज और मजबूत होगा,“ एक समर्थक ने कहा। NDMC के मेंबर अनिल वाल्मीकि के चुने जाने से भी समुदाय को नई उम्मीदें मिली हैं। शुरुआती रुझानों में BJP को बड़ी बढ़त गिनती के शुरुआती दौर में BJP 30 से ज्यादा सीटों पर आगे चल रही थी, जबकि आम आदमी पार्टी 10 सीटों पर बढ़त बनाए हुए थी। कांग्रेस फिलहाल सिर्फ एक सीट पर आगे दिख रही थी। आम आदमी पार्टी के नेता रुझानों में बदलाव की उम्मीद जता रहे हैं, जबकि BJP अपनी जीत को लेकर आश्वस्त नजर आ रही है। BJP को मुस्लिम बहुल इलाकों में भी समर्थन मिलता दिख रहा है, जिससे पार्टी का आत्मविश्वास और बढ़ गया है। BJP इसे मोदी सरकार की अल्पसंख्यक हितैषी नीतियों का परिणाम मान रही है। दूसरी ओर, कांग्रेस इस चुनाव में संघर्ष करती दिख रही है और उसकी स्थिति कमजोर नजर आ रही है।