खालिस्तानी प्रभाव को लेकर कांग्रेस ने क्यों साधा आप सरकार पर निशाना?

कांग्रेस: कांग्रेस ने पंजाब में आप सरकार पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा है कि वह राज्य में खालिस्तानी भावनाओं और कट्टरपंथ को बढ़ावा दे रही है। पार्टी का कहना है कि इस तरह का शासन देश को भारी नुकसान पहुंचा सकता है। एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कांग्रेस के कोषाध्यक्ष अजय माकन और पंजाब के पूर्व उपमुख्यमंत्री सुखजिंदर सिंह रंधावा ने पंजाब में हुए 11 ग्रेनेड हमलों का जिक्र किया। उनका आरोप है कि इन घटनाओं को न तो सरकार ने और न ही मीडिया ने गंभीरता से लिया। मुख्यमंत्री भगवंत मान पर निशाना रंधावा ने इन हमलों के बारे में केंद्रीय गृह मंत्री से चर्चा की थी और पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान पर इस मुद्दे को अनदेखा करने का आरोप लगाया। उन्होंने मान को “कायर” बताते हुए खालिस्तानी तत्वों के खिलाफ कार्रवाई करने में नाकाम रहने का आरोप लगाया। इसके अलावा, उन्होंने अरविंद केजरीवाल से इन घटनाओं पर जवाब मांगा। आप पर लगाए गंभीर आरोप कांग्रेस नेताओं ने दावा किया कि इन हमलों में ऑस्ट्रेलिया में बने ग्रेनेड का इस्तेमाल हुआ था, जो 2001 के संसद हमले और 2008 के मुंबई हमलों में इस्तेमाल हुए ग्रेनेड से मेल खाते हैं। प्रेस कॉन्फ्रेंस में “आप की पाप की कड़ी” नाम से एक प्रेजेंटेशन भी दिखाया गया, जिसमें पंजाब के पूर्व डीजीपी केपीएस गिल के पुराने बयान शामिल थे। गिल ने पहले ही चेतावनी दी थी कि पंजाब में आम आदमी पार्टी के सत्ता में आने से कट्टरपंथ बढ़ सकता है।
बैठकें और कथित फंडिंग का आरोप कांग्रेस ने दावा किया कि प्रतिबंधित एसएफजे के प्रमुख गुरपतवंत सिंह पन्नू ने 2014 में अरविंद केजरीवाल से मुलाकात की थी। पार्टी का आरोप है कि पन्नू को केजरीवाल से फंडिंग मिली थी। उन्होंने सबूत के तौर पर आप नेता राघव चड्ढा और एसएफजे के बीच कथित कॉल का हवाला दिया। कांग्रेस ने यह भी कहा कि इन आरोपों के बावजूद न तो आप और न ही केंद्र सरकार ने कोई कार्रवाई की। अम्बेडकर की प्रतिमा पर हमले की निंदा अजय माकन ने अमृतसर में बीआर अंबेडकर की प्रतिमा पर हुए हमले की निंदा करते हुए इसे शर्मनाक करार दिया। उन्होंने केजरीवाल की भारत के प्रति निष्ठा पर सवाल उठाया और पूछा कि क्या वह देशद्रोही हैं। साथ ही, दिल्ली के मतदाताओं से आप के खिलाफ वोट करने की अपील की। राजनीतिक संदेश माकन ने दिल्ली और पंजाब दोनों जगहों से आम आदमी पार्टी को सत्ता से बाहर करने की बात कही। जब उनसे इंडिया ब्लॉक में आप के साथ गठबंधन खत्म करने के सवाल पर प्रतिक्रिया मांगी गई, तो उन्होंने कोई स्पष्ट जवाब नहीं दिया। कांग्रेस का यह हमला आप के खिलाफ एक बड़ी राजनीतिक रणनीति का हिस्सा माना जा रहा है।