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सेंसेक्स और निफ्टी में मजबूती: निवेशकों का भरोसा बढ़ा, क्या बाजार नया रिकॉर्ड बनाएगा?

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शेयर बाज़ार में धूम: सेंसेक्स और निफ्टी लगातार पांचवें दिन चमके!

बाजार की शानदार शुरुआत: निवेशकों का बढ़ा भरोसा-गुरुवार की सुबह भारतीय शेयर बाज़ार ने एक बार फिर ज़ोरदार शुरुआत की। निवेशकों का बड़े शेयरों पर भरोसा देखकर बाज़ार में एक सकारात्मक माहौल देखने को मिला। बीएसई सेंसेक्स, जिसमें 30 बड़ी कंपनियाँ शामिल हैं, शुरुआती कारोबार में ही 373 अंकों की छलांग लगाकर 82,231 के स्तर पर पहुँच गया। वहीं, नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) का निफ्टी, जो 50 शेयरों का सूचकांक है, 94 अंकों की तेज़ी के साथ 25,144 पर कारोबार कर रहा था। इस तेज़ी में बजाज फिनसर्व, रिलायंस इंडस्ट्रीज, ट्रेंट, आईसीआईसीआई बैंक, टाटा मोटर्स और भारत इलेक्ट्रॉनिक्स जैसी दिग्गज कंपनियों के शेयरों ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। हालाँकि, हिंदुस्तान यूनिलीवर, इन्फोसिस और टेक महिंद्रा जैसी कुछ कंपनियों के शेयरों में मामूली गिरावट भी दर्ज की गई। बाज़ार के जानकारों का मानना है कि सरकार द्वारा लाए गए जीएसटी सुधारों के प्रस्ताव और हाल ही में भारत को मिला क्रेडिट रेटिंग अपग्रेड, ये दोनों ही कारक निवेशकों के विश्वास को और मज़बूत कर रहे हैं, जिससे बाज़ार में यह सकारात्मक रुझान बना हुआ है।

भारत का अलग रुख: अमेरिका से क्यों है बेहतर प्रदर्शन?-यह एक दिलचस्प बात है कि जहाँ एक ओर अमेरिकी शेयर बाज़ार में गिरावट का माहौल है, वहीं भारतीय बाज़ार लगातार ऊपर की ओर बढ़ रहा है। अमेरिका में बढ़ती महंगाई की आशंकाओं ने निवेशकों को थोड़ा डरा दिया है, जबकि भारत में सरकार द्वारा किए जा रहे बड़े सुधार और लगातार आ रही विदेशी पूंजी बाज़ार को मज़बूती प्रदान कर रही है। जियोजित इन्वेस्टमेंट्स लिमिटेड के चीफ इन्वेस्टमेंट स्ट्रैटेजिस्ट, वी.के. विजयकुमार, का कहना है कि भारतीय बाज़ार इन सुधारों के कारण ही इतना मज़बूत बना हुआ है। उनका मानना है कि भारत में निवेशकों का भरोसा बहुत तेज़ी से बढ़ रहा है। यही वजह है कि भले ही विदेशी संस्थागत निवेशक (FIIs) कुछ शेयर बेच भी रहे हों, लेकिन घरेलू निवेशक लगातार खरीदारी कर रहे हैं, जो बाज़ार को सहारा दे रहा है। यह घरेलू निवेश ही है जो बाज़ार को वैश्विक अनिश्चितताओं के बीच भी स्थिर बनाए हुए है।

विदेशी बिकवाली पर घरेलू खरीदारी का भारी पड़ना-बुधवार को विदेशी संस्थागत निवेशकों (FIIs) ने लगभग 1,100 करोड़ रुपये के शेयर बेच दिए, जिससे बाज़ार में थोड़ी बिकवाली का दबाव देखा गया। लेकिन, इस बिकवाली का असर ज़्यादा नहीं हुआ क्योंकि घरेलू संस्थागत निवेशकों (DIIs) ने बाज़ार को संभाले रखा और करीब 1,800 करोड़ रुपये के शेयर खरीदे। इस भारी घरेलू खरीदारी की वजह से बाज़ार पर विदेशी बिकवाली का असर बहुत कम रहा और बाज़ार अपनी बढ़त बनाए रखने में कामयाब रहा। इसके अलावा, निवेशक अब अमेरिकी फेडरल रिजर्व के चेयरमैन जेरोम पॉवेल के बयान का बेसब्री से इंतज़ार कर रहे हैं, जो जैक्सन होल सिम्पोज़ियम में दिया जाएगा। इस बयान से यह स्पष्ट हो जाएगा कि अमेरिका अपनी ब्याज दरों और महंगाई को लेकर आगे क्या कदम उठाने वाला है। इस वैश्विक घटना का असर भारतीय बाज़ार पर भी पड़ने की संभावना है, इसलिए निवेशक सतर्कता बरत रहे हैं।

एशियाई और अमेरिकी बाज़ारों का मिला-जुला हाल-एशियाई बाज़ारों में भी आज मिला-जुला रुख देखने को मिला। दक्षिण कोरिया का कोस्पी और शंघाई का एसएसई कॉम्पोजिट इंडेक्स जहाँ बढ़त में कारोबार कर रहे थे, वहीं जापान का निक्केई और हांगकांग का हैंगसेंग इंडेक्स गिरावट में थे। दूसरी ओर, अमेरिकी बाज़ार बुधवार को ज़्यादातर गिरावट के साथ ही बंद हुए। इससे यह साफ ज़ाहिर होता है कि फिलहाल निवेशकों की नज़रें सिर्फ भारत पर ही नहीं, बल्कि वैश्विक आर्थिक परिस्थितियों पर भी टिकी हुई हैं। दुनिया भर के बाज़ारों में चल रही उठा-पटक के बीच भारतीय बाज़ार का मजबूत प्रदर्शन निश्चित रूप से काबिले तारीफ है, लेकिन वैश्विक संकेतों पर ध्यान देना भी महत्वपूर्ण है।

कच्चे तेल की कीमतों में मामूली बढ़ोतरी का असर-वैश्विक तेल बेंचमार्क ब्रेंट क्रूड की कीमत थोड़ी बढ़कर 67.13 डॉलर प्रति बैरल पर पहुँच गई है। हालाँकि यह बढ़ोतरी बहुत ज़्यादा नहीं है, लेकिन आने वाले समय में इसका असर भारतीय अर्थव्यवस्था और कंपनियों की उत्पादन लागत पर पड़ सकता है। तेल की बढ़ती कीमतें सीधे तौर पर महंगाई को प्रभावित करती हैं, जिससे आम आदमी के खर्चे बढ़ सकते हैं। फिर भी, फिलहाल निवेशकों को इस बारे में ज़्यादा चिंता नहीं है, क्योंकि सरकार और भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) की नीतियां बाज़ार और अर्थव्यवस्था को सहारा देने के लिए बनाई जा रही हैं, जिससे इस मामूली बढ़ोतरी का असर फिलहाल कम दिखाई दे रहा है।

लगातार पांचवें दिन बाज़ार में तेज़ी का सिलसिला जारी-बुधवार को भी सेंसेक्स और निफ्टी ने बढ़त दर्ज की थी, जिससे यह लगातार पांचवां दिन था जब शेयर बाज़ार ने मजबूती दिखाई। सेंसेक्स 213 अंक चढ़कर 81,857 पर बंद हुआ, जबकि निफ्टी 69 अंकों की बढ़त के साथ 25,050 पर पहुँच गया। बाज़ार में यह लगातार बनी हुई तेज़ी निवेशकों को और भी आकर्षित कर रही है। अब सभी की निगाहें इस बात पर टिकी हैं कि आने वाले दिनों में क्या सेंसेक्स और निफ्टी अपने पिछले रिकॉर्ड को तोड़कर नई ऊंचाइयों को छू पाएंगे। यह निरंतरता बाज़ार में एक मजबूत विश्वास का संकेत देती है, और निवेशक इस तेज़ी के जारी रहने की उम्मीद कर रहे हैं।

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