महिला एवं बाल विकास तथा समाज कल्याण मंत्री श्रीमती अनिला भेड़िया ने कहा कि किसी भी समाज के विकास के लिए शिक्षा एवं संगठन दो महत्वपूर्ण मंत्र है। इसके बगैर समाज के विकास की परिकल्पना करना सर्वथा असंभव है। उन्होंने आदिवासी समाज के लोगों को बच्चों को उच्च शिक्षित करने तथा संगठित होकर अपने अधिकारों के लिए संघर्ष एवं समाज के विकास में महत्वपूर्ण भागीदारी निभाने की अपील की। मंत्री श्रीमती भेड़िया आज 09 अगस्त को विश्व आदिवासी दिवस समारोह के अवसर पर विकासखंड मुख्यालय डौण्डी के एकलव्य आदर्श आवासीय विद्यालय परिसर में आयोजित विश्व आदिवासी दिवस के कार्यक्रम को सम्बोधित कर रही थीं। कार्यक्रम की अध्यक्षता संसदीय सचिव श्री कंुवर सिंह निषाद ने की।
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए श्रीमती भेड़िया ने कहा कि सदियों से आदिवासी समाज के द्वारा जल, जंगल एवं जमीन का संरक्षण एवं संवर्धन का कार्य किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि जंगलों में हमारे देवी-देवताओं के निवास के साथ-साथ हमारा जीवन भी वनो पर ही आश्रित रहता है। जिसके फलस्वरूप जल, जंगल एवं जमीन की रक्षा करना हमारी नैतिक जिम्मेदारी बनती है। उन्होंने इस मौके पर छत्तीसगढ़ सरकार के द्वारा आदिवासियों के कल्याण हेतु राज्य में चलाई जा रही विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं के संबंध में भी विस्तारपूर्वक जानकारी दी। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल के नेतृत्व वाले छत्तीसगढ़ सरकार आदिवासियों के सर्वांगीण विकास के लिए निरंतर प्रयत्नशील है। आदिवासियों का संपूर्ण जीवन खेती-किसानी एवं वनों पर आश्रित होता है। इसे देखते हुए राज्य सरकार के द्वारा राज्य में 65 प्रकार के लघु वनोंपज की खरीदी समर्थन मूल्य पर की जा रही है।
श्रीमती भेड़िया ने कहा कि राज्य सरकार के द्वारा बेरोजगारी भत्ता योजना के अंतर्गत पात्र हितग्राहियों को प्रतिमाह 2500 रुपये की राशि प्रदान की जा रही है। इसके अलावा समाज के निम्न एवं मध्यमवर्ग के लोगों को गुणवत्तायुक्त शिक्षा प्रदान करने हेतु स्वामी आत्मानंद उत्कृष्ट विद्यालय की स्थापना की गई है। इसके अलावा छात्रावास सहित अन्य सुविधाएं दी जा रही हैं। इस मौके पर उन्होंने ने आदिवासी समाज के लोगों विश्व आदिवासी दिवस समारोह की हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं दी। इस अवसर पर एकलव्य आवासीय विद्यालय के विद्यार्थियों के द्वारा आदिवासी संस्कृति पर आधारित रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रमों की प्रस्तुति दी गई। इस मौके पर हितग्राहियों को विभिन्न सामग्रियों एवं सामुदायिक वन संसाधन अधिकार पत्र आदि का भी वितरण किया गया।
संसदीय सचिव श्री कुंवर सिंह निषाद ने कहा कि मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल के नेतृत्व वाले छत्तीसगढ़ सरकार के द्वारा आदिवासियों के योगदान का सम्मान करते हुए उनके उत्थान तथा उनके महत्व एवं संस्कृति को व्यापकता प्रदान करने हेतु निरंतर कार्य किए जा रहे हैं। राज्य सरकार के द्वारा आदिवासी एवं छत्तीसगढ़ की संस्कृति को पूरे देश के साथ-साथ विश्व पटल पर भी स्थापित करने का अभिनव प्रयास किया गया है। संजारी बालोद की विधायक श्रीमती संगीता सिन्हा ने कहा कि राज्य सरकार के द्वारा आदिवासी समाज के लोगों को जल, जंगल, जमीन का असली हकदार मानते हुए उन्हंे वनाधिकार मान्यता पत्र प्रदान करने का अभिनव कार्य किया है। इसके अलावा राज्य में कला, संस्कृति एवं उनके सांस्कृतिक विशेषताओं का संरक्षण एवं संवर्धन जैसे अनेक कार्य किए जा रहे हैं। कार्यक्रम को जिला पंचायत अध्यक्ष श्रीमती सोनादेवी देशलहरा सहित अन्य जनप्रतिनिधियों ने संबोधित किया।
विभिन्न योजनाओं में हितग्राही हुए लाभान्वित
कार्यक्रम में मंत्री श्रीमती भेड़िया ने 07 हितग्राहियों को सामुदायिक वन संसाधन अधिकार पत्र, 03 हितग्राहियों को व्यक्तिगत वनाधिकार पत्र, 11 हितग्राहियों को ब्रश कटर, 05 हितग्राहियों को बैटरी चलित स्प्रेयर अंत्यावसायी सहकारी विकास समिति के 08 हितग्राहियों को 80 हजार रुपये का अनुदान वितरण किया गया। महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गांरटी योजना के अंतर्गत विभिन्न हितग्राहीमूलक कार्यों के अंतर्गत कुल 10 हितग्राहियों को 2.94 करोड़ रुपये से अधिक की राशि की प्रशासकीय स्वीकृति आदेश प्रदान किया गया। तेंदुपत्ता संग्राहकों को 10 हितग्राहियों को 1.64 लाख रुपये का प्रोत्साहन पारिश्रमिक राशि का प्रमाणपत्र, 05 वन प्रबंधन समिति के अध्यक्षों को 31 लाख 39 हजार 701 रुपये का चेक प्रदान किया गया।