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तहव्वुर राणा केस में राज़ गहरा गया! सामने आया ‘संरक्षित गवाह’, अब क्या होगा अगला कदम?

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तहव्वुर राणा से NIA की पूछताछ शुरू: 26/11 हमलों से जुड़े पुराने जानकार से आमना-सामना कराया गया मुंबई में हुए 26/11 आतंकी हमले के बड़े आरोपी तहव्वुर राणा को जब भारत लाया गया तो एनआईए ने उसी वक्त उससे पूछताछ की प्रक्रिया शुरू कर दी। लेकिन इस बार मामला थोड़ा अलग और अहम है, क्योंकि राणा को एक ऐसे शख्स से मिलवाया गया है जो न सिर्फ उसका जानकार रहा है बल्कि जांच में ‘संरक्षित गवाह’ के तौर पर सामने आया है। यही गवाह 2006 में डेविड हेडली की मुंबई यात्रा के वक्त उसके स्वागत-सत्कार से लेकर होटल और बाकी इंतज़ाम तक सब कुछ संभाल चुका है। एनआईए ने राणा को 10 अप्रैल की रात दिल्ली की एक खास अदालत में पेश किया, जहां से उसे 18 दिन की हिरासत में भेज दिया गया। अगले दिन यानी 11 अप्रैल को राणा से पूछताछ एनआईए मुख्यालय में शुरू हो गई। दिलचस्प बात ये है कि ये पहली बार है जब भारतीय एजेंसियां सीधे राणा से सवाल-जवाब कर रही हैं। इससे पहले 2010 में अमेरिका में एनआईए की टीम ने डेविड हेडली से पूछताछ की थी। अब जो गवाह सामने आया है, वो न सिर्फ राणा को अच्छी तरह जानता है बल्कि हेडली से उसके रिश्तों की पुष्टि भी कर सकता है। कौन है ये ‘संरक्षित गवाह’? ये गवाह तहव्वुर राणा का करीबी है और हेडली से 2006 में भारत दौरे के दौरान मिला था। उसी ने हेडली के मुंबई में ठहरने और बाकी ज़रूरतों का इंतज़ाम किया था। इस गवाह की पहचान अदालत के कागज़ों में गोपनीय रखी गई है ताकि उसकी सुरक्षा बनी रहे, क्योंकि उसे पाकिस्तान और लश्कर जैसे संगठनों से खतरा हो सकता है।

एनआईए की प्लानिंग क्या है? एनआईए की योजना है कि राणा और इस गवाह का आमना-सामना कराया जाए। पूछताछ की पूरी प्रक्रिया की वीडियोग्राफी की जा रही है। इसके अलावा एनआईए, एफबीआई की ओर से रिकॉर्ड की गई वो कॉल्स भी इस्तेमाल कर रही है जिसमें राणा और हेडली की बातचीत दर्ज है। जांच किन बातों पर केंद्रित है? 2006 से 2009 के बीच हेडली ने भारत में जो दौरे किए और जो रेकी (जासूसी) की, उनकी पूरी जानकारी। मुंबई हमलों से पहले हेडली ने जो तैयारी की, जैसे कि ताज होटल, लैंडिंग स्पॉट्स और संभावित रास्तों की पहचान। पाकिस्तानी सेना, आईएसआई और लश्कर से जुड़े राणा के रिश्तों की जांच। एनआईए ने किन पहलुओं पर राणा से सवाल किए? हेडली की भारत यात्राओं के दौरान राणा की भूमिका क्या थी? राणा भारत में किससे मिला और कहां-कहां गया? हेडली ने जो वीडियो और तस्वीरें लीं, वो कहां से और क्यों ली गईं? लश्कर और आईएसआई से राणा की बातचीत कितनी और कैसी थी?

कौन-कौन से सबूत हैं एनआईए के पास? एफबीआई की रिकॉर्ड की गई कॉल्स, जिनमें राणा और हेडली की बातचीत है। भारत सरकार को दिए गए फर्जी दस्तावेज, जैसे ऑफिस लीज़ और बैंक खाता खोलने से जुड़े पेपर्स। अब आगे क्या करने वाली है एनआईए? एनआईए राणा को मुंबई, अहमदाबाद, आगरा और कोचीन जैसे शहरों में ले जाकर वहां के संदिग्ध जगहों और लोगों की पहचान करवा सकती है। साथ ही ये भी जांच हो रही है कि हेडली को वीज़ा दिलवाने और नकली दस्तावेज़ तैयार करवाने में राणा की क्या भूमिका थी। इसके अलावा 2009 में जिन जगहों को अगला टारगेट बनाया जा सकता था, जैसे दिल्ली का चबाड हाउस या नेशनल डिफेंस कॉलेज, उन साजिशों में राणा की कितनी हिस्सेदारी रही, ये भी जांच के दायरे में है। आखिर तहव्वुर राणा है कौन? तहव्वुर हुसैन राणा पाकिस्तान में जन्मा, लेकिन कनाडा की नागरिकता रखने वाला शख्स है। वो डेविड हेडली का बचपन का दोस्त और बिज़नेस पार्टनर रहा है। भारत में हेडली ने जो भी रेकी (आतंकी जासूसी) की, उसमें राणा ने उसे ज़रूरी संसाधन और सपोर्ट दिया। बता दें कि 26/11 के मुंबई हमलों में 166 लोगों की जान गई थी और 238 से ज़्यादा लोग घायल हुए थे। अब तहव्वुर राणा से हो रही पूछताछ इन हमलों की साजिश को और गहराई से समझने में मदद कर सकती है।

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