25 हजार स्कूल जॉब रद्द, TMC ने BJP और लेफ्ट को बताया दोषी, करेगी राज्यभर में प्रदर्शन

SC के फैसले के बाद बवाल: 25,000 से ज्यादा शिक्षक और स्टाफ की नौकरी रद्द, TMC ने BJP और लेफ्ट पर रचने का लगाया आरोप, पूरे राज्य में करेगी प्रदर्शन पश्चिम बंगाल की तृणमूल कांग्रेस (TMC) को सुप्रीम कोर्ट के उस फैसले के बाद विपक्ष की तीखी आलोचना का सामना करना पड़ रहा है, जिसमें 25,000 से ज्यादा शिक्षकों और गैर-शिक्षण कर्मचारियों की नियुक्तियां रद्द कर दी गई हैं। इसी के जवाब में सोमवार को TMC ने बीजेपी और वामदलों (CPI-M) पर राज्य की शिक्षा व्यवस्था को बदनाम करने की साजिश रचने का आरोप लगाया और ऐलान किया कि पार्टी अब पूरे राज्य में विरोध प्रदर्शन करेगी। विपक्ष का आरोप है कि ये नियुक्तियां TMC सरकार के कार्यकाल में हुईं और इनमें भारी भ्रष्टाचार हुआ। उनका कहना है कि भर्ती प्रक्रिया शुरू से ही गड़बड़ थी। 3 अप्रैल को सुप्रीम कोर्ट ने कलकत्ता हाईकोर्ट के उस फैसले को बरकरार रखा, जिसमें 2016 में स्कूल सर्विस कमीशन (SSC) के ज़रिए की गई 25,753 शिक्षकों और स्टाफ की भर्ती को अमान्य करार दिया गया था। कोर्ट ने इस पूरी प्रक्रिया को “गड़बड़ी और भ्रष्टाचार से भरी” बताया।
अब जब कोर्ट का फैसला आ चुका है और विपक्ष खुलकर TMC पर आरोप लगा रहा है, तो पार्टी ने पूरे राज्य में आंदोलन करने की तैयारी शुरू कर दी है। TMC के प्रदेश अध्यक्ष सुभ्रत बक्शी ने सोमवार को बयान जारी करते हुए कहा कि पार्टी के छात्र और युवा मोर्चे 9 अप्रैल को कोलकाता में एक रैली निकालेंगे। ये रैली दोपहर 3 बजे कॉलेज स्क्वायर से शुरू होकर धर्मतल्ला तक जाएगी। इसके बाद 11 अप्रैल को राज्य के अलग-अलग जिलों, ब्लॉकों, वार्डों और कस्बों में भी प्रदर्शन किए जाएंगे। TMC का कहना है कि बीजेपी और सीपीआई (एम) ने मिलकर गहरी साजिश रची है, जिसकी वजह से करीब 26 हजार लोगों की नौकरियां चली गईं। वहीं दूसरी ओर, विपक्ष ने सीधे मुख्यमंत्री ममता बनर्जी, उनकी सरकार और TMC को ही इसके लिए जिम्मेदार ठहराया है। BJP नेता शुभेंदु अधिकारी ने राज्य सरकार की आलोचना करते हुए कहा कि सरकार को खुद तय करना चाहिए कि कौन योग्य है और कौन नहीं। उन्होंने तंज कसते हुए कहा कि ममता बनर्जी खुद को कानून की विशेषज्ञ बताती हैं, तो फिर वो खुद उस लिस्ट को लेकर सुप्रीम कोर्ट क्यों नहीं जातीं। साथ ही उन्होंने भर्ती प्रक्रिया के दौरान OMR शीट्स से छेड़छाड़ और भ्रष्टाचार को ही इस पूरे विवाद की जड़ बताया।