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मणिपुर हिंसा पर सुप्रीम कोर्ट की नजर, मुख्यमंत्री के कथित बयान की जांच के लिए आदेश

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मणिपुर हिंसा पर सुप्रीम कोर्ट का फैसला: मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह से जुड़ी ऑडियो क्लिप की जांच के लिए रिपोर्ट मांगी मणिपुर में जारी जातीय हिंसा के मामले में अब सुप्रीम कोर्ट ने एक नई दिशा दी है। राज्य के मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह की कथित संलिप्तता को लेकर एक ऑडियो क्लिप लीक हुई है, जिसमें उन पर आरोप लगाया गया है कि उन्होंने हिंसा को बढ़ावा देने और मीतेई समुदाय के लोगों को बचाने में भूमिका निभाई थी। इस क्लिप की सच्चाई का पता लगाने के लिए कोर्ट ने केंद्रीय फोरेंसिक विज्ञान प्रयोगशाला से रिपोर्ट मांगी है। मणिपुर में मई 2023 से शुरू हुई जातीय हिंसा अब तक 200 से अधिक लोगों की जान ले चुकी है और हजारों लोग घर से बेघर हो गए हैं। इस हिंसा की शुरुआत मैतेई और कुकी समुदाय के बीच आरक्षण और आर्थिक लाभ को लेकर विवाद से हुई थी। इस बीच, एक ऑडियो क्लिप वायरल हुई, जिसमें कथित तौर पर मुख्यमंत्री बीरेन सिंह को यह कहते हुए सुना गया कि उन्होंने मीतेई समुदाय के लोगों को गिरफ्तारी से बचाया और राज्य के शस्त्रागार से हथियार लेने की अनुमति दी। सुप्रीम कोर्ट की सुनवाई सुप्रीम कोर्ट में भारत के मुख्य न्यायाधीश संजीव खन्ना और न्यायमूर्ति संजय कुमार की पीठ ने कुकी ऑर्गनाइजेशन फॉर ह्यूमन राइट्स ट्रस्ट द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई की। याचिका में मांग की गई थी कि इस ऑडियो क्लिप की स्वतंत्र और निष्पक्ष जांच होनी चाहिए। कोर्ट ने इस आधार पर केंद्रीय फोरेंसिक विज्ञान प्रयोगशाला से रिपोर्ट पेश करने को कहा है।

जांच रिपोर्ट क्या कहती है? कुकी संगठन के वकील प्रशांत भूषण ने कोर्ट को बताया कि दिल्ली स्थित एक स्वतंत्र फोरेंसिक प्रयोगशाला ‘ट्रुथ लैब्स’ ने इस ऑडियो क्लिप की जांच की। रिपोर्ट में पाया गया कि क्लिप में जो आवाज है, वह 93% तक बीरेन सिंह की आवाज से मेल खाती है। इसी आधार पर याचिकाकर्ता ने इस मामले की निष्पक्ष जांच की मांग की है। मणिपुर हिंसा पर सरकार के कदम केंद्र सरकार ने मणिपुर के संवेदनशील इलाकों में सेना और अर्धसैनिक बलों की तैनाती बढ़ा दी है। इसके अलावा, सरकार ने घाटी और पहाड़ी इलाकों में तनाव कम करने के लिए कई बैठकें भी की हैं। हालांकि, हिंसा पूरी तरह से थमी नहीं है और समय-समय पर नई घटनाएं सामने आती रही हैं। आगे क्या होगा? अब सुप्रीम कोर्ट की ओर से केंद्रीय फोरेंसिक विज्ञान प्रयोगशाला की रिपोर्ट आने के बाद ही यह तय होगा कि ऑडियो क्लिप असली है या नहीं, और इस मामले में आगे कौन सी कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

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