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तेलंगाना में MLC सीट पर सियासी घमासान, कांग्रेस और बीजेपी में जोरदार मुकाबला

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तेलंगाना में ग्रेजुएट्स MLC चुनाव पर कांग्रेस और बीजेपी की नजर, कड़ी टक्कर की उम्मीद

तेलंगाना में 27 फरवरी को होने वाले ग्रेजुएट्स MLC चुनाव को लेकर कांग्रेस और बीजेपी दोनों ही पार्टियां पूरी ताकत झोंक रही हैं। यह चुनाव ऐसे समय में हो रहा है जब राज्य में विधानसभा चुनाव के ठीक एक साल बाद कांग्रेस ने BRS सरकार को हराकर सत्ता हासिल की थी। करीमनगर-निजामाबाद-आदिलाबाद-मेदक ग्रेजुएट्स MLC सीट 42 विधानसभा क्षेत्रों में फैली हुई है और यहां 3.55 लाख से ज्यादा मतदाता हैं। इस चुनाव के नतीजे यह दिखा सकते हैं कि शिक्षित मतदाताओं के बीच सरकार की लोकप्रियता बनी हुई है या नहीं। अगर कांग्रेस यह सीट जीतती है, तो वह यह दावा कर सकती है कि उसकी सरकार अभी भी जनता के बीच मजबूत पकड़ बनाए हुए है। वहीं, अगर बीजेपी यह सीट जीत जाती है, तो यह संदेश जाएगा कि कांग्रेस सरकार के खिलाफ असंतोष बढ़ रहा है। इस बार BRS ने चुनाव न लड़ने का फैसला किया है, जबकि वर्तमान में यह सीट कांग्रेस के पास है। कांग्रेस नेता टी जीवन रेड्डी इस सीट से मौजूदा MLC हैं।

यह उत्तर तेलंगाना का वही क्षेत्र है जहां पिछले कुछ वर्षों में बीजेपी ने तेजी से अपनी पकड़ मजबूत की है। 2019 के लोकसभा चुनाव और 2023 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी को इस क्षेत्र में सबसे ज्यादा सीटें मिली थीं। अब जब BRS इस चुनाव से दूर है, तो उसके दो नेता, जिन्हें टिकट की उम्मीद थी, अब बतौर निर्दलीय चुनाव लड़ रहे हैं। इससे वोटों का बंटवारा हो सकता है, जिसका फायदा कांग्रेस या बीजेपी में से किसी एक को मिल सकता है।

बीजेपी की ओर से केंद्रीय गृह राज्य मंत्री और करीमनगर से सांसद बंदी संजय कुमार चुनाव प्रचार की कमान संभाले हुए हैं। वह पार्टी की रणनीति पर बारीकी से नजर रख रहे हैं और लगातार बैठकों व प्रचार अभियानों में हिस्सा ले रहे हैं। दूसरी ओर, कांग्रेस ने भी अपने राज्य मंत्रियों को इस चुनाव में पार्टी उम्मीदवार की जीत सुनिश्चित करने की जिम्मेदारी दी है। दिलचस्प बात यह है कि 2019 में हुए पिछले चुनाव के मुकाबले इस बार मतदाताओं की संख्या लगभग दोगुनी हो गई है। तब 1.96 लाख वोटर थे, जबकि इस बार 3.55 लाख से ज्यादा लोग वोट डालेंगे। कांग्रेस और बीजेपी, दोनों ही पार्टियों ने ज्यादा से ज्यादा योग्य मतदाताओं को जोड़ने के लिए काफी मेहनत की है, जिससे यह साफ है कि इस चुनाव को लेकर दोनों दलों में गहरी दिलचस्पी है। मुख्य मुकाबला कांग्रेस के वी. नरेंद्र रेड्डी और बीजेपी के च. अंजीरेड्डी के बीच माना जा रहा है। दिलचस्प बात यह है कि दोनों ही उम्मीदवार इस क्षेत्र में बड़े स्तर पर शैक्षणिक संस्थान चलाते हैं। कुल मिलाकर, यह चुनाव कांग्रेस और बीजेपी दोनों के लिए

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