कूनो नेशनल पार्क में फिर से खुले जंगल में घूमेगी आशा चीता, शावक भी हो सकते हैं शामिल

श्योपुर (कूनो नेशनल पार्क): कूनो नेशनल पार्क में अब एक नर और एक मादा चीता को खुले जंगल में छोड़ने की तैयारी की जा रही है, जिनमें से मादा चीता ‘आशा’ को जल्द ही जंगल में छोड़ा जाएगा। आशा पहले भी कुछ महीनों तक जंगल में रह चुकी है, इसलिए उसे फिर से जंगल में छोड़ा जा रहा है। हालांकि, नर चीते के बारे में अभी तक कोई स्पष्ट फैसला नहीं लिया गया है। आशा के तीन शावक भी अब एक साल से अधिक उम्र के हो चुके हैं, और संभावना है कि इन शावकों को भी जंगल में छोड़ा जा सकता है। इस बारे में चीता स्टियरिंग कमेटी से चर्चा की जा रही है, ताकि आशा इन शावकों को जंगल में शिकार के तरीके सिखा सके।
कूनो प्रबंधन का कहना है कि चीतों को एक निर्धारित प्रक्रिया के तहत जंगल में छोड़ा जाएगा, और मौसम भी अब उनके लिए अनुकूल होता जा रहा है। ऐसे में और चीतों को जल्द ही जंगल में छोड़ा जा सकता है। कूनो प्रबंधन से जुड़े सूत्रों के अनुसार, मुख्यमंत्री मोहन यादव 4 फरवरी को कराहल दौरे पर जाएंगे, और इसी दौरान चीतों को जंगल में छोड़ने का कार्यक्रम भी आयोजित किया जा सकता है। चीतों के बाड़े में अब तक बंद दो चीतों को, जो बीमारी और संक्रमण के कारण बाड़े में थे, 4 दिसंबर को अंतरराष्ट्रीय चीता दिवस पर खुले जंगल में छोड़ा गया था। ये दोनों चीते पिछले डेढ़ महीने से जंगल में स्वच्छंद घूम रहे हैं और शिकार भी कर रहे हैं। वायु और अग्नि नाम के दो चीतों ने जंगल में शिकार करना शुरू कर दिया है, और हाल ही में अग्नि चीता श्योपुर के श्यामपुर के जंगल में दस दिनों से अधिक समय से डेरा डाले हुए है। कूनो पार्क के प्रबंधन का कहना है कि चीतों के जंगल में रहने से कोई चिंता की बात नहीं है, क्योंकि वे अपने भोजन की व्यवस्था कर रहे हैं और जंगल में प्राकृतिक रूप से रह रहे हैं। वर्तमान में बाड़े में 10 चीते और 12 शावक हैं, जिनमें से आशा और उसके शावक को जंगल में छोड़ा जाएगा।