ईडी ने जबलपुर में शराब कारोबारियों के ठिकानों पर की छापेमारी, बैंक डिटेल और कंप्यूटर जब्त

जबलपुर (ईडी छापा): जबलपुर में शराब के कारोबार से जुड़े ठेकेदारों के घर और दफ्तरों पर प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने छापेमारी की है। ये ठेकेदार आबकारी विभाग में फर्जी चालान लगाकर करोड़ों रुपये की शराब को गोदाम से दुकान तक ले जाते थे और उसे बेचते थे। सोमवार सुबह यह कार्रवाई जबलपुर के अलावा इंदौर और भोपाल में भी हुई। जबलपुर में जायसवाल और चौकसे ग्रुप के घर और दफ्तरों में ईडी की टीम पहुंची। इन ठेकेदारों के तार इंदौर और भोपाल के शराब कारोबारियों से जुड़े हुए हैं। ईडी की जांच टीम ने इन ठेकेदारों के घर से शराब ठेके से संबंधित दस्तावेज, बैंक डिटेल्स, कम्प्यूटर हार्ड डिस्क और लैपटॉप जब्त किए। यह जांच दोपहर तक जारी रही। छापेमारी की खबर जबलपुर में आग की तरह फैल गई और आबकारी विभाग के अधिकारियों से लेकर शराब ठेकेदारों तक में हड़कंप मच गया। जिले में करीब 130 शराब दुकानें हैं, जिनका मार्च में ही एक हजार करोड़ रुपये से ज्यादा का नया ठेका हुआ था। सूत्रों के अनुसार, ईडी के अधिकारी रात को ही जबलपुर पहुंच गए थे और उन्होंने जायसवाल और चौकसे समेत कई अन्य ठेकेदारों के घरों और दफ्तरों पर छापा मारा। जांच दल सुबह इनके ठिकानों पर पहुंचा।
जानकारी के मुताबिक, 8 अगस्त 2017 को इंदौर के रावजी पुलिस स्टेशन में एक एफआईआर (172/2017) दर्ज की गई थी, जिसके आधार पर ईडी ने आबकारी विभाग से आंतरिक जांच के बाद दर्ज प्राथमिकी के संबंध में विवरण मांगा था। ईडी ने एक पत्र में लिखा था कि शराब ठेकेदारों से वसूली गई राशि का विवरण उपलब्ध कराया जाए, यदि कोई हो। सूत्रों के मुताबिक, इस मामले में फर्जी चालान लगाने के ठोस प्रमाण मिले हैं। ठेकेदारों ने आबकारी अधिकारियों की मिलीभगत से करीब 71 करोड़ रुपये का फर्जीवाड़ा किया था। इंदौर जिला आबकारी अधिकारी कार्यालय में 2015 से 2018 के बीच सरकारी गोदाम से शराब लेने के लिए इस्तेमाल हुए 194 बैंक चालानों में गड़बड़ी पाई गई थी। इन चालानों में एक हजार रुपये के चालान में जीरो बढ़ाकर उसे लाखों में बदल दिया गया था, जिससे ठेकेदारों ने उतनी ही राशि की शराब गोदाम से ली थी। ईडी ने इन ठिकानों पर छापे मारे: इंदौर और भोपाल में जिन ठेकेदारों के ठिकानों पर छापेमारी की गई, उनमें अविनाश और विजय श्रीवास्तव (एमजी रोड), राकेश जायसवाल (जीपीओ चौराहा), योगेंद्र जायसवाल (तोपखाना), राहुल चौकसे (बायपास चौराहा देवगुराड़िया), सूर्यप्रकाश अरोरा, गोपाल शिवहरे, लवकुश और प्रदीप जायसवाल (गवली पलासिया) के ठिकाने शामिल थे।



