संसद परिसर में विपक्ष का जोरदार प्रदर्शन: G RAM G बिल के खिलाफ सड़क से सदन तक लड़ाई का ऐलान

संसद में गरमा गया माहौल: G RAM G बिल के खिलाफ विपक्ष का जोरदार विरोध-गुरुवार को संसद भवन परिसर में विपक्षी सांसदों ने G RAM G बिल के खिलाफ जोरदार विरोध मार्च निकाला। सभी सांसदों ने इस बिल को वापस लेने की मांग की। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने साफ कहा कि यह लड़ाई सिर्फ संसद तक सीमित नहीं रहेगी, बल्कि सड़क पर भी जारी रहेगी। विरोध प्रदर्शन के दौरान माहौल पूरी तरह सियासी गर्माहट से भरा रहा।
गांधी प्रतिमा से मकर द्वार तक नारेबाजी का सिलसिला-विपक्षी सांसद ‘महात्मा गांधी नरेगा’ लिखा बड़ा बैनर लेकर गांधी प्रतिमा से मकर द्वार तक पैदल मार्च करते हुए केंद्र सरकार के खिलाफ जोरदार नारेबाजी कर रहे थे। उनका कहना था कि सरकार ग्रामीण रोजगार से जुड़े कानून में छेड़छाड़ कर रही है, जिसे वे किसी भी हालत में स्वीकार नहीं करेंगे। यह मार्च विरोध का एक सशक्त संदेश था।
बड़े नेताओं ने भी जताया विरोध-इस विरोध प्रदर्शन में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, एआईसीसी महासचिव केसी वेणुगोपाल, डीएमके सांसद कनिमोझी, टीआर बालू, ए राजा, आईयूएमएल के ईटी मोहम्मद बशीर, शिवसेना (यूबीटी) के अरविंद सावंत और आरएसपी के एनके प्रेमचंद्रन जैसे कई बड़े नेता शामिल हुए। सभी नेताओं ने एकजुट होकर बिल का विरोध किया।
खड़गे का बयान: गांधी और काम के अधिकार का अपमान-प्रदर्शन के बाद मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि मोदी सरकार ने न सिर्फ महात्मा गांधी का अपमान किया है, बल्कि ग्रामीण काम के अधिकार को भी कुचलने की कोशिश की है, जिसने गांवों में बदलाव लाने में अहम भूमिका निभाई थी। उन्होंने तानाशाही फैसलों के खिलाफ संघर्ष जारी रखने का भरोसा दिया।
सोनिया गांधी भी प्रदर्शन में शामिल-वरिष्ठ कांग्रेस नेता सोनिया गांधी भी मकर द्वार पर विरोध प्रदर्शन में शामिल हुईं। उनकी मौजूदगी से विपक्ष का आंदोलन और मजबूत नजर आया। कांग्रेस नेताओं का कहना है कि यह सिर्फ कानून का मुद्दा नहीं, बल्कि देश के लोकतांत्रिक मूल्यों और गरीबों के हक की लड़ाई है।
केसी वेणुगोपाल का आरोप: लोकतंत्र की हत्या-एआईसीसी महासचिव केसी वेणुगोपाल ने मीडिया से कहा कि आज संसद में लोकतंत्र की हत्या हो रही है। उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार ने नरेगा से महात्मा गांधी का नाम हटाकर गांधीजी की विचारधारा और लोकतांत्रिक मूल्यों पर हमला किया है। वे इसे देश के लिए बेहद खतरनाक कदम मानते हैं।
संसद में चल रही G RAM G बिल पर बहस-वर्तमान में संसद में VB-G RAM G बिल पर चर्चा हो रही है। यह बिल यूपीए सरकार के दौरान बने महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम की जगह लेने का प्रस्ताव है। विपक्ष लगातार इस बिल का विरोध कर रहा है और इसे वापस लेने की मांग पर अड़ा हुआ है।
विपक्ष की आपत्तियां क्या हैं?-विपक्ष का मानना है कि नया बिल महात्मा गांधी के नाम और नरेगा की मूल भावना को कमजोर करता है। उनका आरोप है कि सरकार गरीबों और मजदूरों के अधिकारों से समझौता कर रही है। इसलिए वे इस बिल को वापस लेने की मांग कर रहे हैं।
नए बिल में क्या है खास?-बिल के अनुसार, हर ग्रामीण परिवार को एक वित्तीय वर्ष में 125 दिन का मजदूरी रोजगार कानूनी तौर पर गारंटीड मिलेगा, बशर्ते परिवार के वयस्क सदस्य बिना कौशल वाले काम के लिए तैयार हों। कानून लागू होने के छह महीने के भीतर राज्यों को अपनी योजनाएं इसके अनुरूप बनानी होंगी।



