“जब तक सड़कें रहेंगी, गड्ढे भी रहेंगे” – मंत्री के बयान से मचा सियासी बवाल, कांग्रेस बोली- जनता देगी जवाब

गड्ढों की राजनीति: क्या सड़कें हैं या सिर्फ़ बहाने?-मध्य प्रदेश में सड़कों की खस्ता हालत राजनीति का नया मुद्दा बन गई है। PWD मंत्री के बयान – “जब तक सड़कें रहेंगी, गड्ढे होते रहेंगे” – ने कांग्रेस को पलटवार का मौका दे दिया है। आइए, इस विवाद को गहराई से समझते हैं।
मंत्री जी का बयान: बरसात का बहाना या लापरवाही?-PWD मंत्री का कहना है कि बरसात में गड्ढे होना आम बात है। लेकिन क्या ये बहाना काफी है? कांग्रेस का आरोप है कि ये भ्रष्टाचार और लापरवाही का नतीजा है। सड़कों की मरम्मत में अनियमितताएँ और घटिया निर्माण सामग्री का इस्तेमाल सवालों के घेरे में है। क्या सच में मंत्री जी का ध्यान अपने विभाग पर है या सिर्फ़ बयानबाजी ही काफी है?
कांग्रेस का पलटवार: भ्रष्टाचार का आरोप-कांग्रेस नेता सज्जन वर्मा ने मंत्री के बयान को गैर-जिम्मेदाराना बताया है। उनका कहना है कि अगर सड़कों के निर्माण में पारदर्शिता होती, तो ये हालात नहीं होते। वर्मा ने बीजेपी पर तंज कसते हुए कहा कि जो लोग एमपी की सड़कों की तुलना अमेरिका से करते हैं, उन्हें जनता को जवाब देना होगा। आखिर जनता को किन सड़कों पर चलना पड़ रहा है?
जनता का क्या है कहना?-यह सवाल हर किसी के मन में है। आखिरकार जनता ही इन सड़कों पर चलती है, और उन्हें ही इन गड्ढों का सामना करना पड़ता है। क्या जनता इस गड्ढों वाली राजनीति को चुनाव में याद रखेगी? क्या ये गड्ढे सिर्फ़ सड़कों पर हैं या सरकार की नीयत में भी?
आगे क्या?-यह विवाद साफ करता है कि सड़कों की खस्ता हालत अब चुनावी मुद्दा बन चुका है। कांग्रेस भ्रष्टाचार का आरोप लगा रही है, जबकि सरकार बरसात और ट्रैफिक को जिम्मेदार ठहरा रही है। अब देखना यह है कि जनता किसके साथ है – बहाने बनाने वालों के साथ या जवाबदेही निभाने वालों के साथ। क्या सरकार जनता की आवाज़ सुनेगी और सड़कों की हालत में सुधार करेगी?



