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गोधन न्याय योजना के हितग्राहियों को अब तक 419 करोड़ 25 लाख रुपये लाभ…

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बजट में किसानों, मजदूरों और ग्रामीणों समेत सभी वर्गों के हितों का रखा गया है ख्याल:- मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल

मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने रुपये का ऑनलाइन भुगतान किया। गोधन न्याय योजना के तहत पशुपालक ग्रामीणों, महिला समूहों एवं गौठान समितियों को आज यहां विधानसभा स्थित उनके कार्यालय कक्ष में आयोजित कार्यक्रम में 7 करोड़ 4 लाख रुपये की सहायता से गौठानों को 16 फरवरी से 28 फरवरी तक 4 रुपये की राशि प्राप्त हुई है. पशुपालकों, ग्रामीणों, कृषकों एवं भूमिहीनों से 2.13 लाख क्विंटल गोबर क्रय के एवज में 25 लाख रुपये, गौठान समितियों को 1.65 करोड़ रुपये तथा महिला समूहों को 1.14 करोड़ रुपये.


इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रत्येक माह की 5 से 15 तारीख किसानों के लिए विशेष होती है। क्योंकि इस दिन उन्हें गोधन न्याय योजना की राशि दी जाती है। खुशी की बात यह है कि बड़ी संख्या में गौठान स्वावलंबी बन रहे हैं। स्वावलंबी गौठानों को प्रोत्साहित करने के लिए गौठानों की संचालन समिति के अध्यक्ष एवं सदस्य को मानदेय देने का निर्णय लिया गया है. उन्होंने अन्य गौठानों को भी आत्मनिर्भर बनने का आग्रह किया। श्री बघेल ने कहा कि यह खुशी की बात है कि गोबर से अन्य उत्पाद बनाने के साथ ही बिजली पैदा करने का काम भी शुरू हो गया है. बस्तर के डोमरपाल में गाय के गोबर से बिजली उत्पादन संयंत्र को ग्रिड से जोड़ दिया गया है. इससे बनने वाली बिजली की दर 9 रुपये प्रति यूनिट तय की गई है।

गौरतलब है कि गोधन न्याय योजना के तहत स्वावलंबी गौठान न केवल गोबर खरीदी में बढ़-चढ़ कर हिस्सा ले रहे हैं, बल्कि लगातार आगे भी बढ़ रहे हैं. विगत कई पखवाड़े से गोबर की खरीद के लिए दी जा रही राशि में स्वावलंबी गौठानों का हिस्सा 60 से 70 प्रतिशत तक रहने लगा है. आज की स्थिति में 50 प्रतिशत से अधिक गौठान स्वावलंबी हो गये हैं, जो अपने कोष से गोबर एवं गोमूत्र क्रय करने के साथ-साथ गौठानों की अन्य गतिविधियों को अपने कोष से पूर्ण कर रहे हैं. गौठानों में 16 फरवरी से 28 फरवरी तक कुल 2.13 लाख क्विंटल गोबर की खरीद की गई है, जिसके एवज में 4.25 करोड़ रुपए गोबर विक्रेताओं को हस्तांतरित किए जाने के एवज में 1.92 करोड़ रुपए का भुगतान कृषि विभाग द्वारा किया जा चुका है.
तथा स्वावलंबी गौठानों को 2.33 करोड़ रुपये का भुगतान किया गया है। अब तक स्वावलंबी गौठानों द्वारा गोबर खरीदी के एवज में अपने कोष से 45.52 करोड़ रुपये का भुगतान किया जा चुका है.
उल्लेखनीय है कि गोधन न्याय योजना के तहत प्रदेश में हितग्राहियों को आज की राशि को मिलाकर अब तक 419 करोड़ 25 लाख रुपये का भुगतान किया जा चुका है. छत्तीसगढ़ राज्य में गोधन न्याय योजना के तहत 20 जुलाई 2020 से गोबर की खरीदी 2 रुपये प्रति किलो की दर से की जा रही है. प्रदेश में 28 फरवरी 2023 तक गौठानों से 107.75 लाख क्विंटल गोबर की खरीद की जा चुकी है. गोबर विक्रेताओं से खरीदे गए गोबर के एवज में 215 करोड़ 50 लाख रुपये का भुगतान किया गया है। गौठान समितियों और महिला स्वयं सहायता समूहों को अब तक 185 करोड़ 77 लाख रुपये का भुगतान किया जा चुका है.
इस अवसर पर कृषि मंत्री श्री रविन्द्र चौबे ने संबोधित किया। खाद्य मंत्री श्री अमरजीत भगत, मुख्यमंत्री के सलाहकार श्री राजेश तिवारी, अपर मुख्य सचिव श्री सुब्रत साहू, कृषि उत्पादन आयुक्त डॉ. कमलप्रीत, कृषि विभाग के विशेष सचिव अयाज तम्बोली, कृषि विभाग की निदेशक श्रीमती रानू साहू, उद्यानिकी विभाग की निदेशक श्रीमती चंदन त्रिपाठी उपस्थित थीं।

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