धनतेरस से एकादशी तक छोटे व्यापारियों एवं हाथ ठेला वालों से बाजार शुल्क न लिया जाये : मुख्यमंत्री डॉ. यादव
दीपावली पर स्थानीय विक्रेताओं से सामग्री खरीदी को प्रोत्साहित करें
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि प्रदेश में वोकल फॉर लोकल को बढ़ावा देने के लिये दीपावली पर्व पर स्थानीय विक्रेताओं से सामग्री की खरीदी को प्रोत्साहित किया जाये। धनतेरस से एकादशी तक सभी शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्रों में छोटे व्यापारियों एवं हाथ ठेला वालों से बाजार शुल्क न लिया जाये। सभी नगरीय निकाय स्थानीय स्तर पर साफ-सफाई की व्यवस्था सुनिश्चित करने विशेष अभियान चलायें। साथ ही प्रदेश में रोशनी के पर्व दीपावली पर विद्युत की निर्बाध आपूर्ति सुनिश्चित करें। मुख्यमंत्री डॉ. यादव आज मंत्रालय में समाधान ऑनलाइन कार्यक्रम के पहले प्रदेशवासियों को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने दीपावली और मध्यप्रदेश के स्थापना दिवस पर सभी को शुभकामनाएं दी।
29 अक्टूबर को होगी रन फॉर यूनिटी
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि सरदार वल्लभ भाई पटेल की जयंती के उपलक्ष्य में 29 अक्टूबर को प्रात: 9 बजे रन फॉर यूनिटी का शुभारंभ तात्याटोपे स्टेडियम से किया जायेगा। साथ ही राष्ट्रीय एकता की शपथ दिलाई जायेगी। मुख्यमंत्री ने सभी जिला कलेक्टर्स को अपने जिले में भी इस कार्यक्रम को प्रभावी रूप से आयोजित करने के निर्देश दिये। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि एक नवंबर को मध्यप्रदेश के स्थापना दिवस पर सभी जिलों में गरिमापूर्ण आयोजन सुनिश्चित किया जाये। इसी क्रम में 2 नवंबर को रवीन्द्र भवन भोपाल में गोवर्धन पूजा का राज्य स्तरीय कार्यक्रम होगा। कार्यक्रम से स्थानीय स्तर पर सभी जन-प्रतिनिधि जुड़ सकें, इसकी व्यवस्था सुनिश्चित की जाये। जिला एवं विधानसभा स्तर पर गौशालाओं में गोवर्धन पूजा के कार्यक्रम किये जायें। साथ ही पंचगव्य उत्पादों की प्रदर्शनी भी लगाई जाये।
डीएपी के स्थान पर एनपीके को बढ़ावा देने किसानों के मध्य चलायें जागरूकता अभियान
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि प्रदेश में 25 अक्टूबर से सोयाबीन का समर्थन मूल्य पर उपार्जन शुरू हो चुका है। धान का उपार्जन 2 दिसम्बर से प्रारंभ होगा। उपार्जन के दौरान किसानों की सुविधाओं के लिये सभी आवश्यक उपाय किये जायें। सभी जिला कलेक्टर अपने जिले में खाद वितरण व्यवस्था की निगरानी करें। उन्होंने कहा कि डीएपी की तुलना में एनपीके में पोषक तत्व प्रचुर मात्रा में पाये जाते हैं। अत: डीएपी के स्थान पर एनपीके को बढ़ावा देने के लिए किसानों के मध्य जागरूकता अभियान चलाया जाये।