टुंडी विधानसभा सीट: झारखंड में आजसू पार्टी ने मनोहरपुर सीट से दिनेश चंद्र बोईपाई को उम्मीदवार बनाया है। उन्होंने 2019 में भी इस सीट से चुनाव लड़ा था। भाजपा-आजसू गठबंधन के तहत आजसू पार्टी को 10 सीटें मिली हैं। इसके अलावा, सुदेश महतो टुंडी सीट से चुनाव लड़ने की संभावनाएं देख रहे हैं, और भाजपा ने उन्हें आश्वासन दिया है कि वे इस सीट को उनके लिए छोड़ देंगे।झारखंड में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) के सहयोगी के रूप में आजसू पार्टी ने मनोहरपुर सीट से दिनेश चंद्र बोईपाई को गुरुवार को टिकट देने की घोषणा की। इससे पहले, पार्टी ने 20 अक्टूबर को अपने पहले उम्मीदवारों की सूची जारी की थी।झारखंड में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेतृत्व वाले राजग में सीट बंटवारे के अनुसार, भाजपा 68 सीटों पर चुनाव लड़ेगी, जबकि आजसू पार्टी 10, जनता दल (यू) दो, और लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) एक सीट पर उम्मीदवार उतारेगी।
टुंडी विधानसभा में सुदेश महतो की संभावनाएँ – इस बीच, टुंडी विधानसभा की सीट झारखंड में काफी चर्चा का विषय बन गई है। भाजपा-आजसू पार्टी के गठबंधन में यह सीट भाजपा के हिस्से में आ गई है, लेकिन आजसू पार्टी के प्रमुख सुदेश महतो टुंडी से अपनी उम्मीदवारी की संभावनाएं तलाश रहे हैं। रांची और सिल्ली के रहने वाले सुदेश महतो के करीबी सहयोगी टुंडी विधानसभा क्षेत्र में पिछले चार दिनों से सर्वे कर रहे हैं। 70 से अधिक लोगों की एक टीम अलग-अलग समूहों में बांटकर टुंडी के मतदाताओं के मूड को समझने की कोशिश कर रही है।
भाजपा नेताओं का सुदेश महतो को समर्थन – सुदेश महतो टुंडी से चुनाव लड़ना चाहते हैं। भाजपा ने उन्हें भरोसा दिलाया है कि यदि वे खुद टुंडी से लड़ते हैं, तो पार्टी इस सीट को उनके लिए छोड़ देगी। आजसू पार्टी को गठबंधन में दस सीटें मिली हैं, और अगर भाजपा टुंडी सीट उन्हें देती है, तो आजसू की सीटों की संख्या 11 हो जाएगी। सुदेश महतो ने भाजपा से 25 अक्टूबर तक का समय मांगा है।अगर सुदेश महतो चुनाव लड़ने के लिए तैयार हो गए, तो भाजपा टुंडी सीट उनके लिए छोड़ देगी। यदि ऐसा नहीं हुआ, तो 25 अक्टूबर को भाजपा टुंडी से अपने प्रत्याशी का नाम घोषित करेगी। भाजपा और आजसू पार्टी के बीच चल रही खींचतान के कारण टुंडी में दोनों दलों के कार्यकर्ता असमंजस की स्थिति में हैं।
आजसू कार्यकर्ताओं का सर्वे में जुटना – टुंडी में सर्वे के लिए आजसू पार्टी के कार्यकर्ता शहर के बड़े होटलों में ठहरे हुए हैं। हर दिन सुबह उठकर वे अलग-अलग टीम बनाकर टुंडी के विभिन्न इलाकों में सर्वे के लिए निकल जाते हैं और फिर देर रात वापस होटल लौटते हैं। पिछले चार दिनों से इसी रूटीन का पालन किया जा रहा है। टुंडी के कुर्मी बहुल इलाकों राजगंज और तोपचांची में टीम सर्वे कर रही है। कुछ टीम पूर्वी टुंडी और नक्सल प्रभावित इलाकों मनियाडीह, सर्रा, और जीतपुर में भी जाकर मतदाताओं का मूड जानने की कोशिश कर रही है।