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आयुष राज्य मंत्री श्री कावरे ने बताया स्वस्थ जीवन शैली के लिए आम जनता को आयुर्वेद के प्रति जागरूक करना आवश्यक…..

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आयुष राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रतिनिधि) श्री रामकिशोर कावरे ने कहा कि आयुर्वेद भारतीय पारंपरिक चिकित्सा पद्धति की प्राचीन पद्धति है। आजकल इस पद्धति से रोगों के उपचार के साथ-साथ स्वस्थ जीवन शैली से आम जनता को अवगत कराना आवश्यक है। विदेश मंत्री श्री कावरे ने पं. में ”राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 एवं आयुर्वेद” विषय पर कार्यशाला को संबोधित किया। खुशीलाल शर्मा शासकीय आयुर्वेदिक संस्थान भोपाल।

विदेश मंत्री श्री कावरे ने कहा कि हाल के वर्षों में प्रदेश में आयुर्वेद के विकास के लिए अनेक महत्वपूर्ण कार्य हुए हैं। वैश्विक स्तर पर आयुर्वेद का महत्व कोरोना काल में सिद्ध हुआ है। नई शिक्षा नीति के जरिए हमें आयुर्वेद के क्षेत्र में लगातार नए शोध करने और पारंपरिक इलाज से हटकर आगे बढ़ने की जरूरत है। वन क्षेत्र की दृष्टि से मध्य प्रदेश की गिनती एक समृद्ध राज्य के रूप में की जाती है। यहाँ के जंगलों में अनेक औषधियाँ मिलती हैं।

राज्य में हाल ही में शुरू की गई देवरण्य योजना का जिक्र करते हुए विदेश मंत्री श्री कावरे ने कहा कि इससे किसानों को औषधीय पौधे उगाने के लिए प्रोत्साहन मिलेगा। किसानों की आय बढ़ाने में यह योजना अहम साबित होगी। उन्होंने आयुर्वेद के क्षेत्र में आवेदन करने वाले युवाओं से नए शोधों पर विशेष ध्यान देने को कहा। NCISM नई दिल्ली के अध्यक्ष वैद्य जयंत देवपुजारी ने अपने उद्बोधन में कहा कि नई शिक्षा नीति में आयुर्वेद के विकास के लिए विशेष प्रावधान किया गया है. इस क्षेत्र में आने वाले छात्रों के लिए स्कूलों से ही उनकी नींव मजबूत की जाएगी। आयुर्वेदिक उपचार के अलावा अन्य तरीकों से रोजगार के अवसर बढ़ाने का प्रयास किया जाएगा। उन्होंने अध्ययनरत विद्यार्थियों से कहा कि आयुर्वेद में नए आत्मविश्वास के साथ काम करने की जरूरत है।

केंद्रीय आयुष मंत्रालय के सलाहकार डॉ. अशोक कुमार वार्ष्णेय ने कहा कि आयुर्वेद के कई ग्रंथ संस्कृत में हैं, इसके लिए छात्रों को संस्कृत भाषा का ज्ञान होना जरूरी है। उन्होंने आम जनता में आयुर्वेद के प्रति लोगों के विश्वास को मजबूत करने की बात कही। डॉ. वार्ष्णेय ने शहरी के साथ-साथ ग्रामीण क्षेत्रों में लगातार आयुर्वेदिक चिकित्सा शिविरों की स्थापना पर प्रकाश डाला। उन्होंने छात्रों से आयुर्वेद के विकास के मिशन में सहयोग करने को कहा। कार्यशाला का आयोजन जयपुर राष्ट्रीय संस्थान के कुलपति प्रो. संजीव शर्मा, केन्द्रीय आयुर्वेदिक विज्ञान अनुसंधान परिषद, नई दिल्ली के महानिदेशक प्रो. ने भी किया। रबिनारायण आचार्य। कार्यशाला के प्रारंभ में भोपाल आयुर्वेद संस्थान के प्रमुख डॉ. उमेश शुक्ला ने संस्थान की गतिविधियों एवं हाल ही में पंचकर्म सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल का शुभारंभ किये जाने की जानकारी दी. भोपाल आयुर्वेद संस्थान के प्रोफेसर डॉ. नितिन मारवाह ने धन्यवाद ज्ञापित किया। कार्यशाला के तहत नई शिक्षा नीति के क्रियान्वयन को लेकर विभिन्न सत्रों में विषयगत चर्चा भी हुई।

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