कटनी में रेलवे का मेगा प्रोजेक्ट, सबसे लंबे फ्लाईओवर पर चली ट्रायल मालगाड़ी

जबलपुर: देश का सबसे लंबा रेल फ्लाईओवर यानी ग्रेड सेपरेटर अब धीरे-धीरे ट्रेनों के लिए तैयार हो रहा है। इस पर अप लाइन का ट्रैक बनकर पूरा हो गया है और दो दिन पहले इस पर मालगाड़ी चलाकर इसका आंतरिक ट्रायल भी किया गया, जो सफल रहा। यह फ्लाईओवर पश्चिम मध्य रेलवे ज़ोन के अंतर्गत मध्य प्रदेश के कटनी में बन रहा है और इसे एलिवेटेड वायडक्ट भी कहा जा रहा है। यह रेल फ्लाईओवर सीधे कटनी जंक्शन, न्यू कटनी जंक्शन और कटनी मुड़वारा स्टेशन के ऊपर से होकर बनाया गया है। इसका मकसद यह है कि मालगाड़ियां इन स्टेशनों पर रुके बिना सीधे निकल सकें। अप लाइन सिंगरौली और बीना को जोड़ती है, जबकि डाउन लाइन, जो बिलासपुर से बीना को जोड़ेगी, उस पर काम ज़ोरों से चल रहा है। रेलवे की योजना है कि साल के अंत तक पूरा फ्लाईओवर यानी वायडक्ट पूरी तरह से बनकर तैयार हो जाएगा। इसके शुरू होने के बाद मालगाड़ियां स्टेशनों से गुजरे बिना निकल सकेंगी और इससे यात्री ट्रेनों के आने-जाने में भी आसानी होगी। संरक्षा को लेकर की गई जांच सिंगरौली रूट पर कटंगी खुर्द से लेकर दमोह रूट के न्यू मझगवां तक, फ्लाईओवर की अप लाइन की लंबाई 15.85 किलोमीटर है। इस हिस्से में ट्रैक का काम पूरा होने के बाद दो दिन पहले मालगाड़ी चलाकर इसका ट्रायल लिया गया था। ट्रायल के दौरान सुरक्षा से जुड़ी तमाम चीज़ों की जांच की गई और जो भी छोटी-मोटी कमियां मिलीं, उन्हें सुधारा जा रहा है।
फ्लाईओवर की डाउन लाइन, जो करीब 17.52 किलोमीटर लंबी है, उसका काम भी जल्द पूरा करने की कोशिश हो रही है। पूरे प्रोजेक्ट की लंबाई लगभग 34 किलोमीटर है, जिसमें अप और डाउन लाइन दोनों शामिल हैं और दोनों के लिए अलग-अलग ट्रैक बिछाए गए हैं, जो एक एलिवेटेड वायडक्ट के रूप में काम करेंगे। सेफ्टी टेस्ट पास होने के बाद ही चालू होगा ट्रैक जब यह पूरी योजना बनकर तैयार हो जाएगी और सभी जरूरी ट्रायल सफल हो जाएंगे, तब रेलवे के सेफ्टी कमिश्नर (सीआरएस) को बुलाया जाएगा। जब वो इस ट्रैक को सेफ कह देंगे यानी हरी झंडी मिल जाएगी, तभी ट्रेनों का चलना शुरू किया जाएगा। मालगाड़ियों के लिए होगा बायपास जैसा रास्ता यह ग्रेड सेपरेटर असल में कटनी में मालगाड़ियों के लिए बायपास जैसा काम करेगा। इसकी खासियत यह है कि इससे मालगाड़ियों को कटनी जंक्शन, न्यू कटनी जंक्शन और कटनी मुड़वारा स्टेशन में जाने की ज़रूरत नहीं पड़ेगी। यार्ड में रुके बिना मालगाड़ियां सीधे ऊपर से निकल जाएंगी और बिलासपुर या सिंगरौली से आकर बिना रुकावट बीना लाइन से जुड़ जाएंगी। इससे फायदा यह होगा कि मालगाड़ियों का समय बचेगा और रेलवे ज्यादा मालगाड़ियां चला पाएगा। इससे माल ढुलाई तेज़ होगी और यात्री ट्रेनों की आवाजाही में भी दिक्कतें कम होंगी।